शारीरिक दर्द को जल्द दूर करने में मदद कर सकती हैं ये 5 प्राचीन थेरेपी
आयुर्वेद का मानना है कि दर्द शरीर के तीनों दोषों (वात, पित्त और कफ) में असंतुलन या गड़बड़ी के कारण होता है। यह असंतुलन शरीर के ऊतकों और अंगों के आधार पर विभिन्न तरीकों से प्रकट हो सकता है और कई बार प्रभावित हिस्से को कई दिनों तक जकड़ कर रख सकता है। आइए आज हम आपको 5 ऐसी प्राचीन थेरेपी के बारे में बताते हैं, जो शारीरिक दर्द को जल्द दूर कर सकती हैं।
पंचकर्म थेरेपी
पंचकर्म थेरेपी 5 क्रियाओं (वामन, विरेचन, वस्ति, नस्य और रक्तमोक्षण) पर आधारित है। इन 5 क्रियाओं के द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, ये थेरेपी शरीर से अशुद्धियां दूर करने के साथ-साथ ब्लड सर्कुलेशन को सुधारने और आराम को बढ़ावा देकर दर्द को कम करने में मदद कर सकती है। इस थेरेपी में अलग-अलग तरीके से पूरे शरीर की तेल मालिश की जाती है।
मर्म थेरेपी
मर्म थेरेपी एक पारंपरिक आयुर्वेदिक मालिश तकनीक है। इसके लिए शरीर पर मौजूद विशिष्ट मर्म बिंदुओं पर हल्का दबाव डालते हुए मालिश की जाती है। ऐसा माना जाता है कि ये मर्म बिंदु विभिन्न अंगों, प्रणालियों और कार्यों से मेल खाते हैं। यह थेरेपी पूरे शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के साथ-साथ दर्द को दूर करने में मदद कर सकती है। यहां जानिए मांसपेशियों के दर्द को दूर करने वाली चीजें।
नस्य थेरेपी
शारीरिक दर्द को दूर करने में नस्य थेरेपी भी मदद कर सकती है। नस्य एक प्राचीन प्रक्रिया है, जिसके लिए नाक में तेल डालना होता है। इसके लिए आप देसी घी भी ले सकते हैं या फिर सरसों के तेल का इस्तेमाल करें और इसे किसी विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही अपनाएं। यहां जानिए सरसों के तेल के इस्तेमाल से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ।
उपनाह स्वेदा
यह प्राचीन थेरेपी दर्द के साथ-साथ सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। इसके लिए हर्बल पेस्ट को गर्म करके प्रभावित हिस्से पर लगाया जाता है, फिर इसे सूती कपड़े की पट्टी से ढक दिया जाता है, ताकि दर्द वाली जगह पर हवा न लगे। एथलीट लोगों के लिए यह उपचार काफी लाभदायक हो सकता है क्योंकि उन्हें अक्सर मांसपेशियों की अकड़न या दर्द का सामना करना पड़ जाता है।
शिरोधारा थेरेपी
शिरोधारा एक ऐसी थेरेपी है, जिसमें सिर पर धीरे-धीरे गुनगुना तेल या दूध से बने औषधीय तरल पदार्थ डाले जाते हैं। यह थेरेपी तंत्रिका तंत्र को शांत करके तनाव को दूर करने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही इससे शारीरिक दर्द से भी राहत मिल सकती है। साफ शब्दों में कहें तो मानसिक और शारीरिक संतुलन को बेहतर बनाने में यह थेरेपी काफी प्रभावी है।