हेपेटाइटिस-B क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और इलाज
हेपेटाइटिस-B एक गंभीर लीवर संक्रमण रोग है और यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन बच्चों को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके कारण लीवर में सूजन आ जाती है, जो समय के साथ कई शारीरिक जटिलताओं को जन्म देती है। इसलिए समय रहते इसके इलाज पर ध्यान देना जरूरी है। आइए आज हम आपको इस रोग के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में बताते हैं ताकि समय रहते इससे बचा जा सके।
दो प्रकार का होता है हेपेटाइटिस-B
एक्यूट हेपेटाइटिस-B: यह छह महीने से कम समय तक रहता है और इससे ग्रस्त रोगी पूरी तरह से ठीक हो जाता है और लीवर भी कुछ ही समय में अपनी प्रारंभिक स्थिति में आ जाता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस-B: क्रोनिक हेपेटाइटिस-B लंबे समय तक रहता है, क्योंकि इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता का लड़ना मुश्किल हो जाता है। नतीजन, यह लीवर सिरोसिस और लीवर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है।
हेपेटाइटिस-B के कारण
हेपेटाइटिस-B आनुवांशिकता के कारण हो सकता है यानी अगर आपके माता-पिता में से किसी को यह रोग है तो यह आपको हो सकता है। इसके अतिरिक्त यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं तो भी आप इसकी चपेट में आ सकते हैं। HBV संक्रमित के खून से दूषित सुई और सीरिंज का इस्तेमाल सामान्य व्यक्ति पर करने से भी रोग का जोखिम बढ़ सकता है। शराब के अधिक सेवन से भी इसका खतरा रहता है।
हेपेटाइटिस-B से जुड़े लक्षण कौनसे हैं?
हेपेटाइटिस-B के लक्षणों को अधिकतर लोग सामान्य समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन आप इन्हें हल्के में न लें। कमजोरी का महसूस होना, भूख में कमी, हल्का बुखार रहना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, मतली, त्वचा का पीला पड़ना और जल्दी-जल्दी बीमारा पड़ना इसके प्रमुख लक्षण हैं। ये लक्षण इतने सामान्य है कि अक्सर लोग इनके लिए ओवर-द-काउंटर दवा लेकर कुछ समय के लिए आराम पा लेते हैं और स्थिति गंभीर होती चली जाती है।
क्या है हेपेटाइटिस-B का इलाज?
हेपेटाइटिस-B का सबसे बेहतरीन इलाज जन्म के समय ही नवजात को इसकी वैक्सीन लगवाना है। हालांकि, अगर इस रोग का टीकाकरण नहीं हो पाता है तो कुछ दवाओं से डॉक्टर आपकी इस समस्या का इलाज कर सकते हैं। वहीं स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर ऑपरेशन या लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह भी दे सकते हैं। इसका कारण है कि इसकी चपेट में आने के बाद यही एकमात्र विकल्प बचता है।