वर्टिगो क्या है और इससे राहत पाने के लिए कौन से योगासनों का अभ्यास करें?
योग एक प्राचीन अभ्यास है, जिसमें स्वास्थ्य से जुड़ी हर परेशानी का इलाज करने के लिए आसन मौजूद हैं। इनमें से कुछ योगासन ऐसे भी हैं, जिनका अभ्यास वर्टिगो की समस्या के इलाज के लिए किया जा सकता है। वर्टिगो में इंसान का सिर घूमने और चक्कर आने की समस्या होती है और शारीरिक संतुलन बनाए रखने में समस्या होती है। आइए आज आपको वर्टिगो से राहत पाने के लिए पांच योगासन के बारे में बताते हैं।
बालासन
बालासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं। अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस स्थिति में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
हलासन
हलासन के लिए सबसे पहले मैट बिछाकर पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने हाथों को शरीर से सटाकर रखें। अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और फिर सांस छोड़ते हुए पैरों को धीरे-धीरे सिर के ऊपर से पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को कमर से हटाकर जमीन पर सीधा ही रखें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
पश्चिमोत्तानासन
पश्चिमोत्तानासन के लिए सबसे पहले योगा मैट बिछाएं और फिर दोनों पैरों को आपस में सटाकर आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब दोनों हाथ ऊपर की ओर उठाएं और फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अब माथे को घुटनों से सटाते हुए हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ने की कोशिश करें। कुछ सेकंड के लिए इसी स्थिति में रहें और सामान्य रूप से सांस लेते रहें, फिर गहरी सांस लेते हुए सामान्य हो जाएं।
शवासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और आंखें बंद कर लें। अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें। इसके अलावा पैरों को भी एक-दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें। अब धीरे-धीरे सांस लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद आंखों को धीरे-धीरे खोलें। अंत में दाईं ओर करवट लेकर उठें।
विपरीत करणी
यह योग बेहद आसान है और इसे करने से वर्टिगो की समस्या दूर हो सकती है। सबसे पहले एक दीवार के पास बैठें और फिर योगा मैट पर लेट जाएं। अब अपने कूल्हों को दीवार के पास ले जाएं और फिर पैरों को सीधा ऊपर उठाएं। इस दौरान अपने हाथों को बगल में रखें और अपना ध्यान सांस पर रखें। कुछ मिनट तक इसी स्थिति में रहें और फिर सामान्य हो जाएं।