त्वचा का pH स्तर क्या होता है? जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
आपने शायद कई स्किन केयर प्रोडक्ट्स के ब्रांड विज्ञापनों में pH बैलेंस शब्द सुना होगा और इसे मार्केटिंग का तरीका मानकर नजरअंदाज किया होगा, लेकिन इस पर आपको ध्यान देना चाहिए। इसका कारण है कि अगर त्वचा का pH स्तर संतुलित होगा तो यह स्वस्थ्य और निखरी हुई बनी रहेगी। आइए जानते हैं कि त्वचा का सही pH स्तर क्या है और इसे कैसे संतुलित बनाकर रखा जा सकता है।
क्या होता है त्वचा का pH स्तर?
pH का मतलब 'पावर ऑफ हाइड्रोजन' होता है। pH स्तर यह बताता है कि किसी चीज में कितनी हाइड्रोजन है और वह चीज अम्लीय या क्षारीय किस प्रवृत्ति की है। अगर बात त्वचा की करें तो इंटरनेशनल जनरल ऑफ कॉस्मेटिक साइंस की रिसर्च के मुताबिक, त्वचा का pH स्तर अगर 5 से कम हो तो त्वचा में नमी बरकरार रहती है और त्वचा संबंधित समस्याओं से दूरी बनी रहती है।
त्वचा के pH स्तर पर ध्यान देना क्यों जरूरी है?
जब त्वचा का pH बहुत अधिक क्षारीय होता है तो त्वचा संवेदनशील और शुष्क हो जाती है। आप कुछ मामलों में सूजन और उम्र बढ़ने के संकेतों का भी अनुभव कर सकते हैं, जिसमें कोलेजन खत्म हो जाते हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब हम गलत pH वाले स्किन केयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। यही कारण है कि त्वचा के pH स्तर पर ध्यान देना जरूरी है।
इस तरह के फेसवॉश का करें चयन
अगर आप चेहरा धोने के लिए साबुन इस्तेमाल करते हैं तो ऐसा करना छोड़ दें। साबुन में 8 से 11 के बीच pH पाया जाता है जो त्वचा की कुदरती नमी छीन लेता है। ऐसे में आप चेहरा धोने के लिए साबुन की बजाय एक अच्छी गुणवत्ता वाले फेसवॉश या फेस क्लींजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। ध्यान रखें कि इसका और अन्य स्किन केयर प्रोडक्ट्स का pH स्तर भी त्वचा के अनुसार होना चाहिए।
जंक फूड्स से दूरी बनाना भी है जरूरी
अगर आप चाहते हैं कि आपकी त्वचा का pH स्तर संतुलित रहे तो जंक फूड से दूरी बनाना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इनमें उच्च मात्रा में सोडियम और शुगर पाया जाता है और इसी कारण इनका सेवन करने से त्वचा के pH स्तर पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ऐसे में बर्गर, पिज्जा और अल्कोहल आदि के सेवन से बचना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ आपके pH स्तर के संतुलन को खराब करते हैं।
डाइट में शामिल करें ये चीजें
त्वचा के pH स्तर को संतुलित रखने में राजमा, पालक, टमाटर, चुकंदर, लहसुन, अदरक, धनिया, अनार, आंवला जैसे एंटी-ऑक्सीडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ मदद कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त डाइट में अन्य जरूरी पोषक तत्व भी शामिल होने चाहिए।