
एकाग्रता क्षमता को सुधारने में मदद कर सकते हैं ये पांच योगासन, ऐसे करें अभ्यास
क्या है खबर?
अगर आपका किसी में काम में ध्यान केंद्रित करना मुश्किल होता है तो समझ जाइए कि आपकी एकाग्रता की क्षमता में कमी है।
आप चाहें तो अपनी एकाग्रता की क्षमता को सुधारने के लिए योग का सहारा ले सकते हैं क्योंकि इसके माध्यम से शरीर, श्वास और मस्तिष्क को एक साथ जोड़ा जा सकता है, जिससे एकाग्रता भी ठीक होती है।
आइए आज हम आपको इसके लिए पांच योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं।
#1
ताड़ासन
ताड़ासन के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर अपने दोनों हाथों को आसमान की ओर सीधा उठाकर अपनी उंगलियों को आपस में फंसा लें।
अब सांस लेते हुए पंजों के बल खड़े हों और शरीर को ऊपर की ओर खींचने की कोशिश करें। जब शरीर पूरी तरह तन जाए तो इस मुद्रा में कुछ देर बने रहें।
अंत में सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
#2
वृक्षासन
वृक्षासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को आपस में जोड़ते हुए सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं, फिर शरीर का संतुलन बनाते हुए हाथों की मदद से बायां तलवा दायीं जांघ पर रख लें।
अब अपने हाथों को सिर के ऊपर ले जाते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाएं।
थोड़ी देर इसी अवस्था में रहकर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं और थोड़ी देर शरीर को आराम देकर आसन को दोहराएं।
#3
नटराजासन
नटराजासन के अभ्यास के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं, फिर दाएं पैर को पीछे ले जाते हुए जमीन से ऊपर उठाएं और इसे मोड़कर दाएं हाथ से पकड़ लें।ॉ
इसके बाद हाथ की मदद से पैर को अधिकतम ऊंचाई तक उठाने की कोशिश करें। इस दौरान बाएं हाथ को सामने की ओर ऊपर उठाएं।
इस मुद्रा में कुछ देर रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। फिर दूसरे पैर से इसे दोहराएं।
#4
बकासन
सबसे पहले योगा मैट पर सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं और अपने हथेलियों को जमीन पर रखें।
अब दोनों पैरों को अंदर की तरफ खींचते हुए घुटनों को कोहनियों के पास ले जाएं, फिर शरीर के भार को हथेलियों पर डालकर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और घुटनों को कोहनी के ऊपर ट्राइसेप्स के साथ सटाएं।
कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में आ जाएं।
#5
शवासन
सबसे पहले योगा मैट पर आराम मुद्रा में लेट जाएं और आंखें बंद कर लें।
अब दोनों हथेलियों को शरीर से लगभग एक फीट की दूरी पर रखें। इसके अलावा पैरों को भी एक-दूसरे से लगभग दो फीट की दूरी पर रखें।
अब धीरे-धीरे सांसें लें और पूरा ध्यान सांस पर लगाने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद आखों को धीरे-धीरे खोलें।
अंत में दाईं ओर करवट लेकर उठें और आसन को छोड़ दें।