मेघालय में घूमने के लिए 5 बेहतरीन और खूबसूरत जगह, मंत्रमुग्ध कर देंगे यहां के दृश्य
पूर्वोत्तर भारत में स्थित मेघालय अपनी विविध जैव-विविधता, घने जंगलों, प्राकृतिक झरनों, अधिक बारिश और समृद्ध पारंपरिक त्योहारों के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह जैंतिया, खासी और गारो जैसे कई आदिवासी समुदायों का घर भी है। यकीनन यह यात्रा गंतव्य अधिक मशहूर नहीं है, लेकिन यह आपको अपने कई आकर्षणों से आश्चर्यचकित कर सकता है। आइये आज ट्रेवल टिप्स में मेघालय में घूमने के लिए 5 बेहतरीन जगह जानते हैं।
उमियम झील
मेघालय में शिलांग से 15 किमी उत्तर में स्थित उमियम झील एक सुंदर मानव निर्मित जलाशय है। इसका निर्माण जलविद्युत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एक बांध के निर्माण के बाद किया गया था। हरी-भरी पूर्वी खासी पहाड़ियों और घने जंगलों से घिरी यह झील प्रकृति प्रेमियों के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। आप यहां पर नाव की सवारी करते हुए इसके शांतिपूर्ण परिदृश्य का आनंद ले सकते हैं।
एलिफेंट फॉल्स
पूर्वोत्तर में सबसे लोकप्रिय झरनों में से एक एलिफेंट फॉल्स पर्यटकों के लिए स्वर्ग है। झरने के एक तरफ हाथी के आकार की चट्टान की उपस्थिति के कारण अंग्रेजों ने इसका नाम एलिफेंट फॉल्स रखा था। राजसी परिवेश और सुंदर दृश्यों के साथ इस झरने में लगातार 3 ऐसे झरने हैं, जो आपको मंत्रमुग्ध कर देंगे। भारत के ये 5 झरने भी बहुत खूबसूरत हैं, एक बार इनका रुख जरूर करें।
चेरापूंजी
पृथ्वी पर सबसे नम स्थानों में से एक के रूप में जाना जाने वाले मेघालय में चेरापूंजी अपने खूबसूरत दृश्यों, डबल-डेकर लिविंग रूट ब्रिज और प्राकृतिक गुफा संरचनाओं से आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। यहां की यात्रा के दौरान आपको डेन-थलेन, किनरेम और नोहकलिकाई झरने जरूर देखने चाहिए। इसके अलावा आप यहां मावसमाई गुफा, 7 सिस्टर्स वॉटरफॉल, इको-पार्क और गुफाओं के बगीचों का भी रुख कर सकते हैं। चेरापूंजी में भारत के सर्वश्रेष्ठ ट्रैकिंग मार्ग भी हैं।
तुरा
तुरा मेघालय के पश्चिमी भाग में स्थित एक पर्यावरण-पर्यटन केंद्र है। शिलांग से 311 किलोमीटर दूर स्थित यह स्थान अपनी मूल गारो जड़ों से गहराई से जुड़ा हुआ है और इसमें समृद्ध जैव विविधता और गुफाओं, नालों और झरनों जैसे प्राकृतिक आकर्षण हैं। जब आप यहां घूमने आएं तो नोकरेक नेशनल पार्क, रोंगबैंग डार फॉल्स और सिजू गुफाओं की यात्रा करना न भूलें। इसके अलावा ट्रेकिंग के लिए आप तुरा पीक पर जा सकते हैं।
मावलिननॉन्ग
पूर्वी खासी पहाड़ियों में स्थित मावलिननॉन्ग एक छोटा-सा खूबसूरत गांव है, जिसे 'भगवान का अपना बगीचा' भी कहा जाता है। साल 2003 में डिस्कवरी इंडिया ने इसे एशिया का सबसे स्वच्छ गांव घोषित किया था। यहां के पूरे स्थानीय समुदाय ने गांव की स्वच्छता बनाए रखने के लिए सामूहिक प्रयास किए हैं। यह स्थान अपने पुलों और स्थानीय आदिवासियों के बीच 100 प्रतिशत साक्षरता दर के लिए प्रसिद्ध है।