असम में जहरीली मशरूम खाने से दो दिनों में हुई 13 लोगों की मौत
मशरूम को सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है, लेकिन कई बार सही मशरूम की पहचान किए बिना उसे खाना जानलेवा भी साबित हो जाता है। ऐसा ही मामला सामने आया है असम के चार जिलों में, जहां जहरीली मशरूम खाने से दो दिनों में 13 लोगों की मौत हो गई और करीब दो दर्जन लोग बीमार हैं। सभी बीमारों को अस्पताल में उपचार चल रहा है और डॉक्टर उनकी जान बचाने में जुटे हैं। आइए जानते हैं पूरा मामला।
6 अप्रैल से शुरू हुआ था लोगों के बीमार पड़ने का सिलसिला- डॉ दिहिंगिया
असम मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अधीक्षक डॉ प्रशांत दिहिंगिया ने बताया कि 6 अप्रैल को चराईदेव जिले के लालतीपाथर गांव में जंगली मशरूम खाने के बाद चाय बागान की महिला मजदूर और उनके बच्चों सहित कई लोग बीमार पड़ गए थे। उन सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसके बाद डिब्रूगढ़, शिवसागर और तिनसुकिया जिलों में भी जहरीली मशरूम खाने से लोगों की तबीयत बिगड़ी थी। ऐसे में 35 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
मंगलवार को हुई नौ लोगों की मौत
डॉ दिहिंगिया ने बताया कि मशरूम के जहर के कारण सोमवार को लालतीपाथर गांव निवासी दो महिलाओं और दो बच्चों की मौत हो गयी थी। उसके बाद मंगलवार को डिब्रूगढ़ निवासी चंपा करमाकर (24), सरुमई करमाकर (19), रीता केओत (40), रीमा कर्मकार (35), उनका 10 वर्षीय बेटा अजय कर्मकार, जानकी प्रजा (32) और 12 वर्षीय चयनिका कर्मकार सहित नौ लोगों की मौत हो गई। इस घटना से सभी गांवों में शोक की लहर छाई हुई है।
मरीजों को क्या हुई थी परेशानी?
डॉ दिहिंगिया ने बताया कि सभी लोगों ने अपने घरों में उगी जंगली जहरीली मशरूम का सेवन किया था और कई घंटे बाद उन्हें जी मिचलाना, उल्टी, पेट में तेज ऐंठन और सांस लेने में तकलीफ की समस्या हुई थी। उन्होंने बताया कि परिजनों ने पहले घरेलू उपचार करने का प्रयास किया, लेकिन हालत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती करा दिया। समय पर उपचार नहीं मिलने से 13 लोगों की मौत हो गई। एक महिला की हालत गंभीर है।
हर साल आते हैं इस तरह के मामले- डॉ दिहिंगिया
डॉ दिहिंगिया ने कहा कि मशरूम के जहर के ज्यादातर मामले चाय बागानों वाले क्षेत्र से हैं। हर साल तरह के मामले आते हैं। लोग जहरीले मशरूम को खाने योग्य समझ लेते हैं, जिसे वे जंगल से उठाते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मशरूम के सेवन के बारे में लोगों को शिक्षित करना बहुत जरूरी है। बारिश के मौसम में ऐसे मामले आम हैं जब जंगलों में मशरूम खिलते हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
हमेशा मशरूम ताजा और सॉफ्ट ही खाई जानी चाहिए। इसके अलावा उसे किसी कीड़े द्वारा खाया नहीं गया हो और उस पर काले निशान भी नहीं होने चाहिए। छतरी के आकार और उसकी स्टेम के आस-पास सफेद रंग की रिंग्स नहीं होनी चाहिए। छतरी के आकार वाले एमनिटा मशरूम हो सकते हैं। इनमें काफी जहर होता है। इसी तरह नमी और बारिश वाली जगह उगने वाले मशरूम जैसी आकार वाला कुकुरमुत्ता भी नहीं खाने चाहिए।