पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान क्यों कर रहे हैं प्रदर्शन और क्या हैं मांगें?
किसान एक बार फिर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इस बार उत्तर प्रदेश के किसान सड़कों पर उतर गए हैं। 2 दिसंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था। भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा समेत कई संगठन पश्चिमी उत्तर प्रदेश और नोएडा के किसानों की जमीन अधिग्रहण और मुआवजे की मांग कर रहे हैं। आइए जानते हैं किसान क्यों सड़कों पर हैं।
क्या है किसानों की मांगें?
किसानों की 4 बड़ी मांगें हैं। जमीन अधिग्रहण के बदले 10 प्रतिशत प्लॉट, 64.7 प्रतिशत की दर से मुआवजा, नए भूमि अधिग्रहण कानून में मुआवजा बाजार दर से 4 गुना ज्यादा मिले और भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के सभी फायदे दिए जाएं। 2 दिसंबर को इन मांगों को लेकर किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था। हालांकि, प्रशासन से बातचीत के बाद किसान नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल पर आंदोलन करने लगे थे।
मांगों को लेकर क्या हैं किसानों के तर्क?
किसानों की मांग है कि भूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा उन परिवारों के लिए प्लॉट के रूप में आवंटित किया जाए, जो इसके मूल मालिक थे। महंगाई का हवाला देते हुए किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण की पुरानी दर मौजूदा बाजार दर से 4 गुना कम है। इसके अलावा विस्थापितों के बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज में 10 प्रतिशत आरक्षण और मुफ्त बिजली और पानी जैसी सुविधाओं की मांग भी किसान कर रहे हैं।
कौनसे संगठन कर रहे हैं प्रदर्शन?
प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चा, भारतीय किसान परिषद और किसान मजदूर मोर्चा समेत कम से कम 10 किसान संगठनों के नेतृत्व में हो रहा है। भारतीय किसान यूनियन (अखंड) के अध्यक्ष चौधरी महेश कसाना ने कहा, "हम लंबे समय से विरोध कर रहे हैं, लेकिन प्राधिकरण ने गरीब किसानों का शोषण करने के अलावा कुछ नहीं किया है। अब वे नए नोएडा की बात कर रहे हैं। वे फिर से हमारी जमीन जबरन हड़प लेंगे।"
पुलिस ने 120 से ज्यादा किसानों को गिरफ्तार किया था
3 दिसंबर को पुलिस ने दलित प्रेरणा स्थल आने वाले किसानों को रोक दिया और करीब 120 किसानों को गिरफ्तार कर लिया था। किसानों को बसों में भरकर लुक्सर जेल भेज दिया गया। गिरफ्तारी के विरोध में ग्रेटर नोएडा में आज (4 दिसंबर) को महापंचायत बुलाई। इसी में शामिल होने के किसान नेता राकेश टिकैत भी आ रहे थे, जिन्हें पुलिस ने थोड़ी देर के लिए हिरासत में ले लिया था। इससे पहले किसानों को रिहा कर दिया गया।
पंजाब के किसान 6 दिसंबर को करेंगे दिल्ली कूच
सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और दूसरी कई मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान भी आंदोलन कर रहे हैं। फरवरी में इन किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था तो सरकार ने सीमाओं पर सख्त नाकेबंदी कर दी थी। अब संयुक्त किसान मोर्चा समेत दूसरे संगठनों ने 6 दिसंबर को दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। ऐसे में किसान कई मोर्चों से दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं।