किसान आंदोलन पर बोले मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, टिकैत की गिरफ्तारी रुकवाने की बात कही
क्या है खबर?
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने सरकार से आंदोलन कर रहे किसानों के खिलाफ बल प्रयोग न करने की अपील की है।
बागपत में एक सम्मान समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए।
साथ ही उन्होंने दावा किया कि ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद जब गाजीपुर बॉर्डर खाली कराने के आदेश हुए और राकेश टिकैत को गिरफ्तार करने की कोशिश की गई तो उन्होंने दखल देकर गिरफ्तारी रुकवाई थी।
बयान
सरकार से किसानों की मांगें मानने का निवेदन किया- मलिक
मलिक ने कहा कि उन्होंने सरकार से किसानों की मांगें मानने और उन्हें खाली हाथ वापस न भेजने का निवेदन किया है।
उन्होंने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से कहा कि वे किसानों को खाली हाथ वापस न भेजें और उनके खिलाफ बलप्रयोग न करें। सरदार लोग इसे 300 सालों तक याद रखेंगे। जिस दिन टिकैत की गिरफ्तारी की बात हो रही थी तो मैंने रात को 11 बजे दखल देकर कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए।"
बयान
MSP को कानूनी मान्यता दे दे तो खत्म हो जाएगा आंदोलन- मलिक
सत्यपाल मलिक ने आगे कहा, "मैं एक बड़े पत्रकार से मिलकर आया हूं, जो प्रधानमंत्री के बड़े अच्छे दोस्त हैं। मैंने उन्हें कहा कि मैंने तो कोशिश कर ली, अब तुम उनको समझाओ कि यह गलत अवस्था है। किसानों को अपमानित करके यहां से भेजना, पहले तो ये जाएंगे नहीं और अगर चले गए तो ये 300 वर्ष याद रखेंगे। सरकार सिर्फ MSP को कानूनी तौर पर मान्यता दे दें तो यह मामला खत्म हो जाएगा।"
किसान आंदोलन
मलिक बोले- किसानों की स्थिति देख खुद को बोलने से नहीं रोक सका
मलिक ने आगे कि कहा लोग उन्हें कहते हैं कि उन्हें मुुद्दों पर अपनी राय नहीं रखनी चाहिए, लेकिन वो खुद को रोक नहीं पाते हैं।
उन्होंने कहा, "राज्यपाल को आराम करना होता है और उनके पास कोई काम नहीं होता। उनसे उम्मीद की जाती है कि वो कुछ नहीं कहेंगे, लेकिन मेरी आदत है कि मैं बोल देता हूं। जब मैंने किसानों के साथ जो हो रहा है वो देखा तो मैं खुद को बोलने से नहीं रोक सका।"
बयान
भाषण में किया अनुच्छेद 370 का जिक्र
जब जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किया गया तब मलिक वहां राज्यपाल पद पर थे।
इसका जिक्र करते हुए मलिक ने कहा, "जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तो मैं वहां राज्यपाल था। वहां चीजों को संभालना मेरी ड्यूटी थी। फारुक अब्दुला ने कहा कि यहां खून-खराबा होगा, मुफ्ती ने कहा कि कोई राष्ट्रीय झंडा नहीं उठाएगा, लेकिन सरकार ने साहस दिखाया। हमने एक भी गोली नहीं चलाई और कोई नुकसान नहीं हुआ।"
पुराने बयान
चर्चा में रहे मलिक के ये बयान
पिछले साल मार्च में सत्यपाल मलिक ने कहा था राज्यपाल का कोई काम नहीं होता। कश्मीर में जो गवर्नर होता है वो अक्सर दारू पीता है और गोल्फ खेलता है। बाकी जगह के राज्यपाल आराम से रहते हैं और किसी झगड़े में नहीं पड़ते हैं। यही राज्यपाल का काम होता है।
इसके अलावा उन्होंने कहा था कि भारत के अमीर लोग बिल्कुल चैरिटी नहीं करते और इसलिए वो उन्हें सड़े हुए आलू की बोरी के बराबर मानते हैं।