#NewsBytesExplainer: सरकार ने DGCA के निदेशक कैप्टन अनिल गिल को क्यों निलंबित किया?
केंद्र सरकार ने 22 नवंबर को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के निदेशक कैप्टन अनिल गिल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। गिल पर भ्रष्टाचार और नियमों का उल्लंघन करने के आरोप हैं। इस मामले पर प्रारंभिक रिपोर्ट आने के बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने उन्हें निलंबित किया है। मंत्रालय ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के तहत ये कार्रवाई की गई है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला और गिल पर क्या आरोप हैं।
कैसे सामने आया मामला?
कुछ समय पहले मंत्रालय और DGCA को एक गुमनाम ई-मेल मिला था, जिसमें गिल के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए थे। हिंदूस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ईमेल में गिल पर अपने पद का दुरुपयोग करने और उन मामलों में हस्तक्षेप के आरोप थे, जो उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर थे। इसमें ये भी कहा गया था कि गिल रिश्वत लेकर नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस ई-मेल के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था।
गिल पर क्या आरोप हैं?
एक अधिकारी के अनुसार, ई-मेल में आरोप है कि गिल ने स्काईनेक्स एयरोफ्लाइट सॉल्यूशंस नामक एक कंपनी बनाई और इसे जबरदस्ती DGCA द्वारा स्वीकृत फ्लाइंग ट्रेनिंग ऑर्गनाइजेशन (FTO) का हिस्सा बनाया। इसके बाद कंपनी के जरिए गिल एक विमान के प्रशिक्षण के लिए चेक गणराज्य गए, जबकि यह उनके लिए जरूरी नहीं था। गिल ने ऐसी यात्राओं के जरिए उनसे संबंधित सेबर्स कॉर्पोरेट सॉल्यूशंस और विमान निर्माता कंपनी ब्रिस्टेल एयरक्राफ्ट के बीच कमीशन के बदले सौदा करवाने की कोशिश की।
गिल पर और क्या आरोप?
एक दूसरे ई-मेल में आरोप लगाया गया कि गिल ऑडिट के दौरान मिली कमियों को नजरअंदाज करने के लिए FTO को उनके परिजनों की कंपनियों, ब्लूथ्रोट एयरो ग्लोबल और सेबर्स कॉर्पोरेट सॉल्यूशंस, को रिश्वत देने को मजबूर करते। जो FTO उन्हें रिश्वत नहीं दे पाता, उससे वे ब्लूथ्रोट एयरो और सेबर्स कॉर्पोरेट को बेहद कम कीमत पर उनके विमान बेचने को कहते। बाद में ये दोनों कंपनियां इन विमानों को अन्य FTO को 90 लाख रुपये की लीज पर देती।
दुर्घटनाओं के बावजूद FTO पर नहीं की कार्रवाई
गिल पर एक और बड़ा आरोप रेडबर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट नामक FTO से जुड़ा है। आरोप है कि गिल ने 36 महीनों में 15-20 दुर्घटनाओं के बावजूद रेडबर्ड के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। आरोपों में कहा गया है कि गिल से जुड़ी कंपनियों ने रेडबर्ड को 2 विमान लीज पर दिए थे। हालांकि, रखरखाव और परिचालन में कमियां सामने आने के बाद DGCA ने 23 अक्टूबर को रेडबर्ड को परिचालन निलंबित करने का आदेश दिया था।
गिल पर रेडबर्ड को लाभ पहुंचाने का आरोप
रिपोर्ट के अनुसार, एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, "कैप्टन गिल की वजह से रेडबर्ड लाभ में है क्योंकि इसके कुछ निवेशक पूर्व उड़ान प्रशिक्षण निदेशालय (DFT) के मित्र हैं।" गिल DFT के प्रमुख भी रह चुके हैं। यहां वे उन FTO को विनियमित करने के प्रभारी थे, जहां छात्र अपने पायलट लाइसेंस प्राप्त करने के लिए जाते हैं। रेड बर्ड देश का सबसे बड़ा फ्लाइंग स्कूल है।
आरोपों पर कंपनियों और गिल का क्या कहना है?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ब्लूथ्रोट एयरो ग्लोबल के कार्यात्मक निदेशक विकास नैन ने आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा, "हमने निजी ऑपरेटरों से 3 विमान खरीदे थे। हम इस शिकायतकर्ता के खिलाफ कानूनी कदम उठाएंगे।" रेडबर्ड ने भी आरोपों से इनकार किया और कहा कि 2017 में स्थापना के बाद से उसके प्रयासों के कारण ही उसका विकास हुआ है। गिल ने भी सभी आरोपों से इनकार किया है।
DGCA की जांच कहां तक पहुंची?
DGCA मामले में प्रारंभिक जांच पूरी कर चुका है और इसकी रिपोर्ट 7 नवंबर को विमानन सचिव वुमलुनमंग वुअलनम को सौंपी गई। रिपोर्ट के निष्कर्षों से अवगत लोगों के अनुसार, रिपोर्ट में पायलट लाइसेंस जारी करने और FTO की नियामक जांच से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई गई हैं। इस मामले पर उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा, "सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस है। ऐसे किसी भी मुद्दे पर हमेशा कानून के मुताबिक सख्त कदम उठाए जाएंगे।"
किस नियम के तहत निलंबित हुए गिल?
मंत्रालय द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, गिल को केंद्रीय सिविल सेवा नियमों की धारा 10 के तहत निलंबित किया गया। इसके तहत किसी सरकारी अधिकारी को उन मामलों में निलंबित किया जा सकता है, जहां अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही पर विचार किया जा रहा है या लंबित है। आदेश के अनुसार, निलंबन की अवधि के दौरान गिल को दिल्ली में ही रहना होगा। प्रारंभिक जांच केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के मानदंडों के अनुसार की गई थी।