मध्य प्रदेश: कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा मंजूर, फ्लोर टेस्ट से पहले कुर्सी छोड़ सकते हैं कमलनाथ
मध्य प्रदेश में सियासी घमासान अपने चरम पर चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा शुक्रवार को ही फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश देने के बाद विधानसभा स्पीकर नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कांग्रेस के शेष 16 बागी विधायकों के इस्तीफे भी स्वीकार कर लिए हैं। ऐसे में अब कांग्रेस के सभी बागी 22 विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो गए हैं। कांग्रेस के सभी बागी विधायक वर्तमान में बेंगलुरू में हैं और उनके फ्लोर टेस्ट में आने को लेकर संशय बरकरार है।
विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद स्पीकर ने कही यह बात
विधानसभा स्पीकर प्रजापति ने देर रात 12 बजे कांग्रेस से शेष 16 विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत विधायिका न्यायपालिका का पालन कर रही है, जबकि संविधान मौन है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार शुक्रवार को फ्लोर टेस्ट कराया जाएगा। गौरतलब है कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर से विधायकों का इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का कारण भी पूछा था।
स्पीकर ने शनिवार को स्वीकार कर लिए थे छह विधायकों के इस्तीफे
आपको बता दें कि सभी 22 बागी विधायकों ने गत 10 मार्च को विधानसभा स्पीकर को अपने इस्तीफे भेज दिए थे। इसके बार स्पीकर प्रजापति ने गत 14 मार्च को छह विधायकों के तो इस्तीफे स्वीकार कर लिए थे, लेकिन 16 को छोड़ दिया था।
फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ भी दे सकते हैं इस्तीफा
आपको बता दें कि वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ उनके 22 समर्थित विधायकों ने भी कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। अब इन विधायकों का इस्तीफा मंजूर किए जाने के बाद कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई है। ऐसे में फ्लोर टेस्ट से पहले दोपहर 12 बजे मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि अपनी संख्या बल को देखते हुए कमलनाथ फ्लोर टेस्ट से पहले ही इस्तीफा दे सकते हैं।
इन विधायकों ने सौंपे थे इस्तीफे
आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विधायक प्रदुम्न सिंह, रघुराज कंसाना, कमलेश जाटव, रक्षा संत्राव, जजपाल सिंह, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, तुलसी सिलावट, सुरेश धाकड़, महेंद्र सिंह, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, गिरराज दंडोतिया, जसवंत जाटव, गोविंद राजपूत, हरदीप डांग, मुन्नालाल, ब्रिजेंद्र यादव, मोहनसिंह, बिसाहूलाल, ऐदलसिंह, मनोज चौधरी ने इस्तीफे सौंपे थे। सिंधिया ने भाजपा का दामन भी थाम लिया है।
भाजपा ने कांग्रेस पर लगाया जानबूझकर विश्वास मत में देरी करने का आरोप
सुप्रीम कोर्ट की ओर से फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देने के बाद भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर जानबूझकर विश्वास मत में देरी करने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस को पता था कि उनके पास पर्याप्त बहुमत नहीं बचा है। इसके बाद भी वह जानबूझकर कोरोना वायरस के बहाने विश्वास मत लाने में देरी कर रही थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसका हल निकाल दिया है।
विधायकों का अपहरण करने का लगाया आरोप
कांग्रेस विधायकों के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर उनके विधायकों का अपहरण करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि भाजपा नेता उनके विधायकों से बात तक नहीं करने दे रहे हैं।
शाम पांच बजे से पहले पूरा कराना होगा फ्लोर टेस्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार शाम 5 बजे से पहले ही फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। इसके अलावा कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग की कराने को कहा है। इसमें विधानसभा सदस्यों को हाथ उठाकर वोट देना होगा। ऐसे में अब मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार के सत्ता में बने रहने पर चल रहा संशय खत्म हो जाएगा। भाजपा खुद के पास बहुमत होने का दावा कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराने के दिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश देने के साथ यह भी कहा है कि यदि कांग्रेस के बागी विधायक फ्लोर टेस्ट में विधानसभा में उपस्थित होना चाहते हैं तो वह जा सकते हैं। इसके अलावा कोर्ट ने कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों को बागी विधायकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी हैं। ऐसे में यदि वह विधानसभा पहुंचते हैं तो उनकी सुरक्षा के लिए दोनों राज्यों की पुलिस की ओर से भारी सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी।
राज्यपाल ने कही थी 17 मार्च को फ्लोर टेस्ट कराने की बात
इससे पहले गत 16 मार्च को कमलनाथ सरकार ने राज्यपाल के आदेशों के बाद कोरोना के कारण विधानसभा और फ्लोर टेस्ट को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया था। भाजपा के शिकायत करने पर राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर 17 मार्च को ही फ्लोर टेस्ट कराने को कहा था। हालांकि 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट की ओर से फ्लोर टेस्ट का त्वरित आदेश नहीं देने के कारण सरकार ने फ्लोर टेस्ट नहीं कराया था।
ये है मध्य प्रदेश विधानसभा की वर्तमान स्थिति
मध्य प्रदेश विधानसभा में वर्तमान में दो विधायकों का निधन होने के कारण 228 सदस्य हैं। कांग्रेस के पास 114 और भाजपा के पास 107 विधायक हैं। इसके अलावा चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक का भी समर्थन है। इस तरह कांग्रेस को फिलहाल 121 विधायकों का साथ है। बहुमत का आंकड़ा 116 है। सिंधिया के करीबी 22 विधायकों के इस्तीफा देने से अब कांग्रेस के पास 92 विधायक बचे हैं। हालांकि, इनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है।