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सरकार ने जारी किया नई ड्रोन नीति का ड्राफ्ट, 5 अगस्त तक मांगे सुझाव
केंद्र सरकार ने जारी किया नई ड्रोन नीति का ड्राफ्ट।

सरकार ने जारी किया नई ड्रोन नीति का ड्राफ्ट, 5 अगस्त तक मांगे सुझाव

Jul 15, 2021
03:16 pm

क्या है खबर?

जम्‍मू वायुसेना स्‍टेशन पर पाकिस्‍तानी ड्रोन हमले के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने गुरुवार को ड्रोन नियम, 2021 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके साथ ही मंत्रालय ने 5 अगस्त तक लोगों से इस पर प्रतिक्रिया मांगी है। नई ड्रोन नीति में सरकार ने कई तरह की राहत भी दी है। भारतीय वायुसेना के स्टेशन पर हमले के बाद ड्रोन सिस्‍टम के मौजूदा नियमों में बदलाव की संभावना जताई जा रही थी।

पृष्ठभूमि

26 जून की रात वायुसेना स्टेशन पर हुआ था ड्रोन से हमला

बता दें कि गत 26 जून रात को पांच मिनट के भीतर वायुसेना स्टेशन में मौजूद जम्मू हवाई अड्डे में दो धमाके हुए थे। हमले में दो अलग-अलग ड्रोन्स के जरिए 50 यार्ड की दूरी पर 5-6 किलोग्राम RDX डाला गया था। इस हमले में दो वायुसैनिकों को मामूली चोटें आई थीं। वायुसेना की तरफ से बताया गया कि एक धमाके से एक इमारत की छत को नुकसान पहुंचा था और दूसरा धमाका खाली जगह पर हुआ था।

प्रयास

हमले के बाद से नियमित रूप से देखे जा रहे थे ड्रोन

हमले के बाद जम्मू में लगातार ड्रोन देखे जा रहे हैं। 28 जून को कालूचक और रत्नुचक, 29 जून को रत्नुचक, कालूचक और कुंजवानी और 2 जुलाई को अरनिया सेक्टर में सीमा पर ड्रोन दिखाई दिए थे। हालांकि, सेना की फायरिंग के बाद ड्रोन गायब हो गए थे। इसी तरह गुरुवार को भी जम्मू में वायु सेना स्टेशन क्षेत्र में एक ड्रोन देखा गया था। हालांकि, वायु सेना ने ड्रोन विरोधी तकनीक का उपयोग करके उसे नष्ट कर दिया।

बैठक

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई थी नई ड्रोन नीति बनाने पर चर्चा

बता दें कि गत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रियों की उच्च स्तरीय बैठक में देश में नई ड्रोन नीति बनाने पर चर्चा की गई थी। इसमें भविष्य में देश को ड्रोन हमलों से बचाने तथा ड्रोन का उपयोग सुविधाजनक बनाने को लेकर नई नीति बनाने का निर्णय किया था। उसके बाद नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधिकारियों ने सभी संभावनाओं पर गौर करते हुए ड्रोन नियम, 2021 का ड्राफ्ट तैयार किया ओर आज उसे जारी कर दिया।

राहत

नई ड्रोन नीति में दी गई है बड़ी राहत

हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, नई ड्रोन नीति में सरकार ने यूनिक प्राधिकार नंबर, यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, ऑपरेटर परमिट, आर एंड डी संगठन का प्राधिकार, स्टूडेंट रिमोट पायलट लाइसेंस, रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर प्राधिकार और ड्रोन पोर्ट प्राधिकार की स्‍वीकृतियों को खत्म कर दिया है। नई नीति के तहत अब ग्रीन, येलो और रेड जोन के साथ इंटरेक्टिव एयरस्पेस मानचित्र का उपयोग किया जाएगा।

फीस

नए ड्रॉफ्ट में ड्रोन फीस को किया गया है कम

ड्रफ्ट में ड्रोन लाइसेंस के लिए लगने वाले फॉर्म की संख्‍या को 25 से घटाकर छह किया गया है। इसी तरह ड्रोन के लिए लगने वाली फीस को भी कम किया गया है। अब ड्रोन की साइज और फीस का कोई संबंध नहीं होगा। इसके अलावा भविष्‍य में नो परमिशन-नो टेक-ऑफ, रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन और जियो-फेंसिंग जैसे सुरक्षा फीचर्स शामिल किए जाएंगे। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म को बिजनेस फ्रेंडली सिंगल-विंडो ऑनलाइन सिस्टम के तौर पर विकसित किया जाएगा।

सीमा

येलो जोन के लिए हवाई अड्डे से निर्धारित दूरी को किया कम

ड्राफ्ट के अनुसार, डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ह्यूमन इंटरफेस कम होगा और अधिकांश अनुमतियां अपने आप मिलेंगी। डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर ग्रीन, येलो और रेड जोन के साथ इंटरएक्टिव हवाई क्षेत्र का नक्शा प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें येलो जोन के लिए हवाई अड्डे से निर्धारित दूरी 45 किमी से घटाकर 12 किमी की गई है। इसी तरह ग्रीन जोन में 400 फीट और हवाई अड्डे से 8-12 किलोमीटर परिधि में 200 फीट तक उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी।

लाइसेंस

अनुसंधान एवं विकास संगठनों के लिए नहीं होगी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता

ड्राफ्ट के अनुसार, माइक्रो ड्रोन, नैनो ड्रोन और अनुसंधान एवं विकास संगठनों के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों के ड्रोन संचालन पर प्रतिबंध नहीं होगा और DGFT द्वारा नियंत्रित ड्रोन और ड्रोन कंपोनेंट का आयात भी किया जाएगा। इसी तर पंजीयन से पहले सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी और अनुसंधान एवं विकास संस्थाओं के लिए उड़ान योग्यता प्रमाण पत्र और विशिष्ट पहचान संख्या आदि की जरूरत नहीं होगी।

वजन

ड्रोन के कवरेज को बढ़ाकर किया 500 किलोग्राम

ड्राफ्ट के तहत ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम किया गया है। इसमें ड्रोन टैक्सियां ​​भी शामिल होंगी। इसी तरह सभी ड्रोन प्रशिक्षण अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा किए जाएंगे तथा DGCA प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करने के साथ ड्रोन स्कूलों की निगरानी और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा। निर्माता सेल्‍फ सर्टिफिकेट रूट के जरिए ड्रोन की विशिष्ट पहचान संख्या बना सकेंगे तथा ड्रोन का ट्रांसफर पहले से आसान होगा।

जानकारी

जुर्माना राशि को घटाकर किया एक लाख रुपये

ड्राफ्ट में अधिकतम जुर्माना राशि घटाकर एक लाख रुपये की गई है। हालांकि, यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के संबंध में सजा पर लागू नहीं होगा। इसी तरह देश में ड्रोन से कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित करने का निर्णय किया गया है।