क्या है तेलंगाना का MFTS प्रोजेक्ट, जिसमें ड्रोन द्वारा पहुंचाई जाएगी दवा और खून?
तेलंगाना सरकार की ओर से चिकित्सा आपूर्ति व्यवस्था में सुधार के लिए तैयार किया गया मेडिसिन फ्रॉम द स्काई (MFTS) प्रोजेक्ट शनिवार को लॉन्च कर दिया जाएगा। इस प्रोजेक्ट में ड्रोन के जरिए आवश्यक दवा, खून, वैक्सीन, जांच सैंपल और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों की आपूर्ति की जाएगी। नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने इस प्रोजेक्ट को नियामक मंजूरी भी दे दी है। ऐसे में आइए इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या है तेलंगाना सरकार का MFTS प्रोजेक्ट?
तेलंगाना सरकार के इस प्रोजेक्ट को विश्व आर्थिक मंच, नीति आयोग और हेल्थनेट ग्लोबल (अपोलो हॉस्पिटल्स) की साझेदारी से शुरू किया जा रहा है। इसका नेतृत्व राज्य IT विभाग की इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज विंग द्वारा किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बियॉन्ड विजुअल लाइन ऑफ साइट (BVLOS) ड्रोन उड़ानों का प्रयोग करके विकाराबाद जिले के चिह्नित हवाई क्षेत्र में वैक्सीन, खून, जांच सैंपल, आवश्यक दवाइयों और अन्य जीवन रक्षक उपकरणों का वितरण करना है।
विकाराबाद जिले में किया जाएगा प्रोजेक्ट का उद्घाटन
इस प्रोजेक्ट का उद्घाटन शनिवार को विकाराबाद जिले के पुलिस परेड ग्राउंड में समारोह पूर्वक किया जाएगा। इसके बाद तेलंगाना MFTS प्रोजेक्ट लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन जाएगा। इसमें अधिकारी लंबी दूरी और भारी वजन पर ड्रोन की क्षमता का आंकलन करेंगे।
तेलंगाना सरकार ने विंग्स 2020 कार्यक्रम में की थी प्रोजेक्ट के लिए साझेदारी
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, तेलंगाना सरकार ने पिछले साल हैदराबाद में आयोजित विंग्स 2020 कार्यक्रम में MFTS प्रोजेक्ट के लिए विश्व आर्थिक मंच के साथ भागीदारी की थी। स्वास्थ्य देखभाल वस्तुओं की सुरक्षित, सटीक और विश्वसनीय पिकअप और डिलीवरी में ड्रोन सेवा प्रदाताओं की क्षमता का आकलन करने के लिए EOI जारी की गई थी। इसके लिए 16 लॉजिस्टिक्स फर्मों और ड्रोन ऑपरेटरों ने आवेदन किया था। जिसमें से आठ का चयन किया गया था।
तीन फर्मों ने विकाराबाद पहुंचकर किया अभ्यास
विकाराबाद में शनिवार को होने वाले उद्घाटन से पहले चयनित आठ फर्मों में से तीन ब्लूडार्ट मेड एक्सप्रेस कंसोर्टियम (स्काई एयर), हेपिकॉप्टर कंसोर्टियम (मारुत ड्रोन), और क्यूरिसफ्लाई कंसोर्टियम (टेकईगल इनोवेशन) गुरुवार को ही विकाराबाद पहुंच गए और VLOS और BVLOS के माध्यम से अपने ड्रोन की परीक्षण उड़ानें संचालित की। प्रोजेक्ट के उद्घाटन के बाद भी कंसोर्टिया विश्वसनीयता स्थापित करने के लिए लंबी दूरी और भारी पेलोड पर अपने ड्रोन की क्षमता का आंकलन करना जारी रखेंगे।
MFTS प्रोजेक्ट को लेकर क्या नजर आती हैं संभावनाएं?
अब तक ड्रोन का उपयोग फोटोग्राफी, मैपिंग और अन्य कार्यों के लिए किया गया है, लेकिन कोरोना महामारी ने इसके दायरे को आगे बढ़ा दिया है। अब सरकारें पारंपरिक प्रणालियों की तुलना में समय और जीवन बचाने के प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए निजी क्षेत्र और स्टार्ट-अप फर्मों के साथ MFTS प्रोजेक्ट पर ध्यान दे रही हैं। इसके जरिए सुदूर और दुर्गम इलाकों में भी कुछ ही समय में जीवन रक्षक दवा और उपकरण पहुंचाए जा सकते हैं।
देश के 718 जिलों के लिए तैनात किए जा सकते हैं 3,600 ड्रोन
प्रोजेक्ट के लिए चयनित हेपिकॉप्टर कंसोर्टियम के अनुसार, भारत में प्रत्येक जिले में पांच ड्रोन के इस्तेमाल की क्षमता है, जो 40 किमी की सीमा और 15 किलोग्राम के पेलोड और दो घंटे की उड़ान क्षमता के साथ है। भारत के 718 जिलों में 3,600 ड्रोन तैनात कर प्रत्येक उड़ान के माध्यम से वैक्सीनों के प्रभावी वजन को वितरित करने के लिए तैनात किए जा सकते हैं। इससे एक दिन में 15,000 किलोग्राम वैक्सीन सप्लाई की जा सकती है।
MFTS प्रोजेक्ट में ड्रोन के जरिए कैसे पहुंचाई जाएगी दवाइयां?
मारुत ड्रोनटेक प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) प्रेम कुमार विस्लावत ने कहा कि हेपिकॉप्टर कंसोर्टियम का एक इन-हाउस ऐप टीम को पिक-अप पॉइंट पर ड्रॉप पाइंट के बारे में एक संदेश प्राप्त करने की अनुमति देगा। इसमें किसी ऑर्डर की पूरी जानकारी ड्रोन के सॉफ्टवेयर में अपलोड की जाएगी। इसके बाद ड्रोन नियमित पूर्व-उड़ान परीक्षण, हवा की स्थिति, ऑडियो पायलट सिस्टम और GPS ट्रैकर की मदद से उड़ान भरेगा।
OTP के जरिए होगी दवाइयों की डिलीवरी
विस्लावत ने बताया कि ड्रोन के साथ दवाइयां भेजने के बाद उसकी डिलीवरी के लिए ऑर्डर देने वाली संस्था को एक OTP भेज जाएगा। इसके बाद संस्था ड्रोन के पहुंचने के बाद उसमें वह OTP दर्ज कर ड्रोन के ड्रॉप बॉक्स से दवाइयों की डिलीवरी ले सकेगी। डिलीवरी के बाद ड्रोन से ऐप में मैसेज आएगा। वहां से सिग्नल मिलने के बाद ड्रोन फिर से उड़ान भरकर अपने पूर्व निर्धारित स्थान पर पहुंच जाएगा। इससे समय की बड़ी बचत होगी।
क्या होगी ड्रोन की क्षमता?
मारुत ड्रोनटेक द्वारा विकसित हेपिकॉप्टर 1.0 ड्रोन 10 किलोग्राम वजन और अधिकतम 15 किमी या 30 मिनट की उड़ान क्षमता के साथ 400 फीट ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इस ड्रोन चार बॉक्स रखे जा सकते हैं और प्रत्येक बॉक्स में 10 यूनिट खून या वैक्सीन की 500 खुराकें रखी जा सकती है। यह ड्रोन एक उड़ान में वैक्सीन की 2,000-3,000 खुराक वितरित कर सकता है। यह सबसे अधिक क्षमता वाला ड्रोन है।
पांच किलोग्राम वजन उठा सकता है मल्टी रोटर-विंग बैटरी चालित ड्रोन
एक अन्य मल्टी रोटर-विंग बैटरी-संचालित ड्रोन 5 किलोग्राम की वजन, 80 मिनट या 80 किमी क्षमता के साथ 400-12000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसमें दो बॉक्स के जरिए एक बार में वैक्सीन की 1,000 खुराकों की डिलीवरी की जा सकती है।
तापमान को नियंत्रित रखने में सक्षम है ड्रोन- विस्लावत
विस्लावत ने कहा, "हमारे ड्रोन की विशेषता है कि यह कई तापमान नियंत्रित बक्से अपने साथ लेकर उड़ान भर सकते हैं। ये दवाइयों के लिए आवश्यक तापमान को भी बनाए रख सकते हैं।" उन्होंने कहा, "हमारे ड्रोन स्वायत्त हैं, भारी वजन को लेकर भी लंबी दूरी तक उड़ सकते हैं और हमने ऑपरेशन को आसान बनाने के लिए एक ऐप भी बनाया है। ये ड्रोन औसतन 25 किमी की दूरी तय करने में लगभग 30 मिनट का समय लेते हैं।"
MFTS प्रोजेक्ट में क्या है चुनौतियां और अवसर?
स्काई एयर मोबिलिटी के सह-संस्थापक स्वप्निक जक्कमपुडी ने बताया कि यह एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है। इसके जरिए जहां समय की बचत होगी, वहीं दुर्गम इलाकों में चिकित्सा उपकरणों की पहुंच आसान होगी। उन्होंने कहा कि अब तक की सबसे बड़ी चुनौती अनुमतियों और नियमों को समझने की रही है, लेकिन हवाई प्रौद्योगिकी में प्रगति, अनुकूल सरकारी नीति और लोगों की सकारात्मक मानसिकता के कारण ड्रोन डिलीवरी आने वाले समय में एक गेम-चेंजर साबित होगी।
अन्य उद्योगों के विकास में मिलेगी मदद- जक्कमपुडी
जक्कमपुडी ने कहा प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा परिणाम यह होगा कि अन्य सरकारें और निजी फर्म इस अनुभव से सीख सकेंगे, जिससे अन्य उद्योगों के विकास में मदद मिलेगी। जबकि स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है जो कि समय की आवश्यकता है तो आने वाले समय में ई-कॉमर्स में इसका अधिकता के साथ उपयोग होगा। इसके बाद ड्रोन डिलीवरी के क्षेत्र में एक बड़ी क्रांति आ जाएगी और कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे।
देश में तेलंगाना का योगदान है MFTS प्रोजेक्ट- रंजन
तेलंगाना सरकार के प्रधान सचिव जयेश रंजन ने कहा कि यह परियोजना देश में तेलंगाना का योगदान है। इसके जरिए कुछ जरूरतमंद क्षेत्रों में ड्रोन का इस्तेमाल से आवश्यक वस्तुएं पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि हम पहले ही कई क्षेत्रों में ड्रोन का उपयोग कर रहे हैं। वन क्षेत्रों में पेड़ लगाने के लिए ड्रोन के जरिए बीच गिराने और खदानों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट प्रौद्योगिकी को मजबूत करने की संभावनाओं को बल देगा।