सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज फातिमा बीवी का 96 साल की उम्र में निधन
सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज और तमिलनाडु की पूर्व राज्यपाल फातिमा बीवी का गुरुवार को केरल के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। बार एंड बेंच के मुताबिक, फातिमा बीवी ने 96 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। बीवी न केवल सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाली बल्कि वह हाई कोर्ट में नियुक्त होने वाली पहली मुस्लिम महिला जज भी थीं। उनका नाम न्यायपालिका के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है।
1989 में हुई थी सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति
फातिमा बीवी ने अपने लंबे करियर के दौरान कई उपलब्धियां हासिल कर महिलाओं के लिए एक आदर्श की भूमिका निभाई। फातिमा को 1989 में सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनाया गया था। वह एशिया के किसी भी देश की सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज भी थीं। 1993 में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य के रूप में काम किया। इसके बाद 1997 से 2001 तक वह तमिलनाडु की राज्यपाल रहीं।
कैसा रहा फातिमा बीवी का करियर?
फातिमा का जन्म 1927 में केरल में हुआ। फातिमा के पिता ने उन्हें कानून का अध्ययन करने के लिए पढ़ाया। उन्होंने 1950 में बार काउंसिल परीक्षा में शीर्ष स्थान हासिल किया। बार काउंसिल स्वर्ण पदक पाने वाली बीवी पहली महिला थीं। उन्होंने केरल में वकील के रूप में अपना करियर शुरू किया और 1974 में जिला और सत्र जज बनीं। 1980 में वह आयकर अपीलीय न्यायाधीकरण में आ गईं और वहां से 1983 में हाई कोर्ट की जज बनीं।