#NewsBytesExplainer: क्या है जेड मोड़ सुरंग परियोजना, जहां काम कर रहे मजदूरों पर हुआ आतंकी हमला?
जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में 20 अक्टूबर की शाम एक आतंकी हमले में 7 लोग मारे गए हैं। मरने वालों में एक डॉक्टर और 5 गैर-स्थानीय लोग शामिल हैं। ये हमला तब हुआ, जब गांदरबल के गुंड में जेड मोड़ सुरंग परियोजना पर काम कर रहे मजदूर और कर्मचारी अपने शिविर लौट आए थे। यह घाटी में बुनियादी ढांचा परियोजना के निर्माण श्रमिकों पर पहला बड़ा हमला है। आइए जेड मोड़ सुरंग परियोजना के बारे में जानते हैं।
क्या है जेड मोड सुरंग?
जेड मोड़ सुरंग 6.4 किलोमीटर लंबी सुरंग है, जो सोनमर्ग स्वास्थ्य रिसॉर्ट को मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के कंगन शहर से जोड़ती है। सुरंग का निर्माण गांदरबल के गगनगीर गांव से लेकर सोनमर्ग तक हो रहा है। 2,680 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही इस सुरंग में 2 लेन होंगी। सुरंग का निर्माण कार्य बीते लंबे समय से चल रहा है और अब लगभग पूरा होने वाला है।
परियोजना में क्या-क्या शामिल है?
परियोजना के तहत 10.8 मीटर लंबाई वाली एक मुख्य सुरंग, 7.5 मीटर लंबाई वाली एस्केप सुरंग, 8.3 मीटर लंबाई वाली वेंटिलेशन सुरंग, 110 मीटर और 270 मीटर लंबाई वाली 2 पुलिया और 30 मीटर लंबाई वाली एक छोटी पुलिया का निर्माण होना है। सुरंग में एक इंटेलिजेंट ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली लगाई गई है, जो यातायात को बेहतर तरीके से नियंत्रित करेगी। आपात स्थिति के लिए एक एस्केप सुरंग भी है।
क्यों बनाई जा रही है सुरंग?
जहां सुरंग बनाई जा रही है, वो इलाका 8,500 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित है। सर्दियों में यहां भयंकर बर्फबारी होती है। इस वजह से सोनमर्ग का श्रीनगर से संपर्क कट जाता है। सुरंग बनने से श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर स्थित प्रसिद्ध पर्यटन स्थल सोनमर्ग में साल के 12 महीने आसानी से पहुंचा जा सकेगा। जहां सुरंग बनाई जा रही है, वहां की सड़क अंग्रेजी के अक्षर Z की तरह है, इसलिए सुरंग का नाम जेड मोड पड़ गया।
क्या होगा फायदा?
सुरंग से सबसे बड़ा फायदा साल के 12 महीने सुचारू यातायात आवागमन के रूप में होगा। इससे सोनमर्ग में पर्यटन और विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा बड़ा फायदा समय की बचत के तौर पर होगा। फिलहाल पहाड़ियों के ऊपर से गुजर रही सड़क के कारण यह सफर घंटों में पूरा होता है। सुरंग पूरी बनने के बाद यह रास्ता आने वाले वक्त में कुछ मिनटों में पूरा हो सकेगा।
ये है सुरंग का रणनीतिक महत्व
जेड मोड़ सुरंग रणनीतिक तौर पर भी काफी महत्वपूर्ण है। इससे श्रीनगर और कारगिल के बीच बिना रुकावट यात्रा पूरी होगी, जिसका सबसे बड़ा फायदा सैनिकों को होगा और वे लद्दाख के सीमावर्ती क्षेत्रों में जल्द पहुंच पाएंगे। कश्मीर घाटी में सोनमर्ग को लद्दाख के द्रास से जोड़ने वाली जोजिला सुरंग का निर्माण कार्य चल रहा है। जेड मोड़ सुरंग का काम पूरा होने पर यहां से हर मौसम में यातायात चालू रहेगा।
कौन बना रहा है सुरंग?
पहले ये परियोजना सीमा सड़क संगठन (BRO) के पास थी। BRO ने इसके निर्माण के लिए टनलवे लिमिटेड को ठेका दिया था। बाद में इस परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) को सौंप दिया गया। NHIDCL ने परियोजना के लिए निविदा जारी की और ठेका APCO इंफ्राटेक को मिला। ये कंपनी दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, मुंबई में केबल स्टे ब्रिज, दिल्ली में एलिवेटेड वायाडक्ट मेट्रो परियोजना और वर्सोवा-बांद्रा सी-लिंक परियोजना समेत कई काम कर चुकी है।