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नए नियमों को लेकर ट्विटर और सरकार के टकराव में क्या-क्या हुआ है?
नए नियमों को लेकर सरकार और ट्विटर में टकराव

नए नियमों को लेकर ट्विटर और सरकार के टकराव में क्या-क्या हुआ है?

Jun 16, 2021
05:31 pm

क्या है खबर?

केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस का पालन न करने के कारण माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने 'सोशल मीडिया मध्यस्थ' का दर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत प्राप्त कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा खो दी है। केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिकी कंपनी गाइडलाइंस का पालन करने में असफल रही है। आइये, जानते हैं कि अब तक सरकार बनाम ट्विटर मामले में क्या हुआ है।

पृष्ठभूमि

क्या है नई गाइडलाइंस का पूरा मामला?

केंद्र सरकार ने इस साल 25 फरवरी को नए IT नियम जारी किए थे। इनमें कंपनियों को भारत में अपने अधिकारी और ऑफिस का पता, शिकायत सुनने वाले अधिकारी की नियुक्ति, शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, सबसे पहले मैसेज भेजने वाले की जानकारी देना, शिकायत रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री हटाने जैसे नियम शामिल थे। सभी कंपनियों को इन नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।

टाइमलाइन

ट्विटर ने लागू नहीं किए नए नियम

25 मई तक इन नियमों को तीन महीने पूरे हो गए थे, लेकिन ट्विटर ने नियम लागू नहीं किए। कंपनी ने इनमें से कुछ नियमों को निजता के अधिकार के खिलाफ बताते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। 28 मई को ट्विटर ने सरकार को बताया कि वो कंपनी का फिजिकल एड्रेस देने के साथ-साथ नोडल कॉन्टेक्ट पर्सन (NCP) और रेजीडेंट ग्रेविएंस ऑफिसर (RGO) को भर्ती करने की प्रक्रिया के बीच में है।

टाइमलाइन

5 जून को सरकार ने भेजा आखिरी नोटिस

इसके बाद 2 जून को ट्विटर ने सरकार को मेल भेजकर बताया कि उसने परेश बी लाल नामक एक वकील को अंतरिम NCP नियुक्त किया है। हालांकि, लाल ट्विटर के कर्मचारी नहीं थे। नियमों के मुताबिक, कंपनी के ही किसी अधिकारी या कर्मचारी को ये पद दिए जा सकते हैं। 5 जून को सरकार ने ट्विटर को आखिरी नोटिस भेजकर चेतावनी दी कि वो नियमों का पालना करें या परिणाम भुगतने को तैयार रहे।

ट्विटर बनाम सरकार

ट्विटर ने हफ्ते में कही थी जानकारी देने की बात

आखिरी नोटिस का जवाब देते हुए ट्विटर ने कहा कि उसने अंतरिम कदम उठाते हुए कॉन्ट्रैक्ट पर NCP और RGO की भर्ती की है। वहीं चीफ कंप्लायंस ऑफिसर (CCO) के लिए ट्विटर ने भरोसा दिया कि इसकी भर्ती के लिए प्रक्रिया चल रही है और एक सप्ताह के भीतर सरकार को इससे संबंधित जानकारी दे दी जाएगी। 13 जून को ट्विटर ने कहा कि वह CCO, NCP और RGO पदों पर जल्द से जल्द अधिकारियों की नियुक्ति करेगी।

जानकारी

कंपनी ने कही भारत में ऑफिस की बात

सरकार को भेजे ताजा पत्र में ट्विटर ने किसी कंसल्टेंट की सलाह का हवाला देते हुए कहा है कि स्थायी तौर पर CCO की भर्ती के लिए कंपनी का भारत में ऑफिस में ऑफिस होना जरूरी है।

नियम

प्रसाद बोले- ट्विटर ने जानबूझकर नहीं उठाए कदम

दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ट्विटर गाइडलाइंस का पालन करने में असफल रही है और कई मौके दिए जाने के बाद भी उसने जानबूझकर कदम नहीं उठाए। उन्होंने कहा कि ट्विटर देश के कानून की तरफ से अनिवार्य प्रक्रिया का पालन करने से इनकार करके यूजर्स की शिकायतों को दूर करने के लिए कोई सिस्टम नहीं बना रही है। इसके आलावा यह कंटेट को फ्लैग करने और मीडिया में हेरफेर करती है।

आरोप

फेक न्यूज के खिलाफ लड़ाई में ट्विटर का रवैया मनमाना- प्रसाद

केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा, 'ट्विटर अपनी जांच को लेकर काफी उत्साहित रही है, लेकिन कई मामलों में काम करने में ये पूरी तरह असफल रही है और साथ ही गलत सूचनाओं से लड़ने में भी अपनी इच्छा या उद्देश्य की तरफ कोई इशारा नहीं करती है।' उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हुई घटना का उदाहरण देकर कहा कि फेक न्‍यूज के खिलाफ लड़ाई में ट्विटर का मनमाना रवैया सामने आ गया। यह बेहद चिंतनीय है।

जानकारी

मध्यस्थ का दर्जा गंवाने का क्या मतलब?

मध्यस्थ का दर्जा खोने के बाद अब ट्विटर को यूजर्स के कंटेट के होस्टिंग प्लेटफॉर्म की जगह एक पब्लिशर माना जाएगा और वह अपने प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाली हर एक पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा। इसका मतलब हुआ कि अगर किसी यूजर की पोस्ट को कानून के खिलाफ पाया जाता है तो इसके लिए ट्विटर पर भी IT अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत केस और कार्रवाई की जा सकेगी।