सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए सरकार लाई नए नियम, विस्तार से जानें
क्या है खबर?
सरकार ने बीते दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से संविधान और कानून का पालन करने की मांग करते हुए सख्त रुख अपनाया था और अब नए नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया गया है।
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MeITY) ने ड्राफ्ट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडिएटरी गाइडलाइंस एंड डिजिटल मीडिया एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के ड्राफ्ट की घोषणा की है।
ये नियम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, OTT कंपनियों और डिजिटल मीडिया पर लागू होंगे।
आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
नियम
कब से लागू होंगे नए नियम?
IT मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा, "हमने कोई नया कानून नहीं बनाया। हमने मौजूदा IT ऐक्ट के अंतर्गत नए नियम तैयार किए हैं।"
उन्होंने कहा, "हमें भरोसा है के प्लेटफॉर्म्स ये रेग्युलेशंस को फॉलो करेंगे। इस गाइडलाइन का फोकस सेल्फ-रेग्युलेशन पर है।"
नए नियम गजट में पब्लिश किए जाने के बाद लागू हो जाते हैं, हालांकि सोशल मीडिया कंपनियों से जुड़े होने के चलते इन नियमों को पब्लिश किए जाने के बाद तीन महीने तक का वक्त लग सकता है।
जानकारी
बड़े और सामान्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में अंतर
नए नियमों में बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सामान्य सोशल मीडिया कंपनियों में अंतर किया गया है। हालांकि, सरकार ने अब तक यूजर साइज की जानकारी नहीं दी है, जिसके आधार पर किसी प्लेटफॉर्म को बड़ा सोशल मीडिया चैनल माना जाएगा।
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लागू होंगे ये नियम
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से यूजर्स की शिकायतों का निपटारा करने के लिए मैकेनिज्म तैयार करने को कहा है और तीन पद तय किए हैं।
चीफ कंप्लायंस ऑफिसर यह सुनिश्चित करेगा कि सभी ऐक्ट और नियमों का पालन किया जाए।
नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन का काम कानून संबंधी एजेंसियों से 24x7 जुड़े रहना होगा। वहीं, रेजिडेंट ग्रीविएंस ऑफिसर कंपनी के ग्रीविएंट रिड्रेसल मैकेनिज्म के फंक्शंस पर काम करेगा।
इन पदों पर मौजूद लोगों को भारत का नागरिक होना चाहिए।
कार्रवाई
24 घंटे के अंदर हटाना होगा कंटेंट
सरकार ने कहा कि सोशल मीडिया के यूजर्स का जागरूक होना जरूरी है। नए नियमों में सोशल मीडिया कंपनियों से एक मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट तैयार करने के लिए भी कहा गया है।
रविशंकर प्रसाद ने कहा, "किसी यूजर खासकर महिलाओं से जुड़ी न्यूडिटी, सेक्सुअल ऐक्ट्स या फेक अकाउंट्स से जुड़ी शिकायतों पर प्लेटफॉर्म्स को 24 घंटे में कार्रवाई करनी होगी और संबंधित कंटेंट हटाना होगा।"
तय वक्त में कार्रवाई ना करने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय की जाएगी।
चैटिंग
ओरिजनल मेसेज भेजने वाले की ट्रैकिंग
नए नियमों में जरूरत पड़ने पर किसी मेसेज के 'फर्स्ट ओरिजनेटर' को ट्रैक करने की मांग की गई है।
बड़े सोशल मीडिया संस्थानों को अपनी वेबसाइट-ऐप या प्लेटफॉर्म पर फिजिकल कॉन्टैक्ट एड्रेस भी शेयर करना होगा।
सरकार ने कहा है कि किसी फेक मेसेज को भेजना किसने शुरू किया, इसकी जानकारी मांगी जा सकती है।
इस स्थिति में प्लेटफॉर्म्स को बताना होगा कि सबसे पहला मेसेज या पोस्ट किस यूजर की ओर से किया गया था।
जानकारी
क्या खत्म होगा एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन?
व्हाट्सऐप जैसे कई प्लेटफॉर्म्स यूजर्स को एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन देते हैं, यानी कि सेंडर और रिसीवर के अलावा कोई मेसेज नहीं पढ़ सकता। नए नियम लागू करने ओर ओरिजनल मेसेज भेजने वाले का पता लगाने के लिए इसे खत्म करना होगा।
OTT
OTT कंटेंट प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया के लिए नियम
सरकार ने नए नियमों में OTT प्लेटफॉर्म्स और डिजिटल मीडिया पोर्टल्स से एक ग्रीविएंस रिड्रेसल सिस्टम तैयार करने की मांग की है।
ड्राफ्ट में कहा गया है कि इन प्लेटफॉर्म्स को सेल्फ-रेग्युलेशन पर काम करना होगा।
मांग की गई है कि OTT प्लेटफॉर्म्स अपनी फिल्मों को 13+, 16+ या वयस्क के तौर पर मार्क करें।
नियमों में प्लेटफॉर्म्स पर पैरेंटल लॉक मैकेनिज्म देने के लिए भी कहा गया है, हालांकि नेटफ्लिक्स जैसे प्लेटफॉर्म्स पर पहले से यह सुविधा मिलती है।
जानकारी
पत्रकारिता के नियमों का पालन करे डिजिटल मीडिया
ड्राफ्ट में कहा गया है कि डिजिटल पब्लिशर्स और न्यूज मीडिया को प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और केबल टीवी नेटवर्क रेग्युलेशन ऐक्ट से जुड़े नियामकों को समझते हुए कंटेंट तैयार करना होगा और सेल्फ-रेग्युलेशन करना होगा।