भारत में 'मध्यस्थ प्लेटफॉर्म' नहीं रहा ट्विटर, यूजर्स की पोस्ट के लिए हो सकेगी कार्रवाई- रिपोर्ट
क्या है खबर?
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस का पालन न करने के कारण ट्विटर ने 'सोशल मीडिया मध्यस्थ' का अपना दर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत प्राप्त कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा खो दी है।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने समाचार एजेंसी ANI को यह जानकारी दी।
मध्यस्थ का दर्जा खोने के बाद यूजर्स की पोस्ट की जिम्मेदारी भी ट्विटर पर होगी और उनकी पोस्ट के लिए ट्विटर पर कार्रवाई की जा सकेगी।
असर
क्या है मध्यस्थ का दर्जा खोने का मतलब?
ANI के अनुसार, मध्यस्थ का दर्जा खोने के बाद अब ट्विटर को यूजर्स के कंटेट के होस्टिंग प्लेटफॉर्म की जगह एक पब्लिशर माना जाएगा और वह अपने प्लेटफॉर्म पर डाले जाने वाली हर एक पोस्ट के लिए जिम्मेदार होगा।
इसका मतलब हुआ कि अगर किसी यूजर की पोस्ट को कानून के खिलाफ पाया जाता है तो इसके लिए ट्विटर पर भी IT अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत केस और कार्रवाई की जा सकेगी।
रिपोर्ट
ट्विटर ने बार-बार कहने के बावजूद नहीं किया गाइडलाइंस का पालन- सूत्र
सरकारी सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि अभी तक ट्विटर एकमात्र ऐसा बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म है जिसने सरकार के बार-बार याद दिलाने के बावजूद नई गाइडलाइंस के तहत आवश्यक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है।
एक सूत्र ने कहा, "सरकार का मानना है कि जिसने भी नई गाइडलाइंस का पालन नहीं किया है, वो अपना मध्यस्थ का दर्जा खो चुका है। अभी ट्विटर पर भारतीय दंड संहिता की सभी धाराएं लागू होंगी।"
प्रतिक्रिया
ट्विटर ने कहा- गाइडलाइंस का पालन करने की हरसंभव कोशिश
सरकार की कार्रवाई के बाद मामले पर बयान जारी करते हुए ट्विटर ने कहा, "हम इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय (MEITY) को प्रक्रिया के तहत उठाए जा रहे हर कदम की जानकारी दे रहे हैं। अंतरिम मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति की जा चुकी है और जल्द ही इसकी जानकारी मंत्रालय के साथ साझा की जाएगी।"
ट्विटर ने कहा कि वह नई गाइडलाइंस का पालन करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
नई गाइडलाइंस
क्या है नई गाइडलाइंस का पूरा मामला?
केंद्र सरकार ने इस साल 25 फरवरी को नए IT नियम जारी किए थे। इनमें कंपनियों को भारत में अपने अधिकारी और ऑफिस का पता, शिकायत सुनने वाले अधिकारी की नियुक्ति, शिकायत समाधान, आपत्तिजनक कंटेट की निगरानी, सबसे पहले मैसेज भेजने वाले की जानकारी देना, शिकायत रिपोर्ट और आपत्तिजनक सामग्री हटाने जैसे नियम शामिल थे।
सभी कंपनियों को इन नियमों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया गया था।
नोटिस
नियमों का पालन न करने पर ट्विटर को भेजे गए कई नोटिस
ट्विटर को छोड़ बाकी सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ने इन नियमों का पालन करते हुए अधिकारियों की नियुक्ति कर दी, लेकिन ट्विटर ने इसमें टाल-मटोल की जिसके बाद सरकार ने 26 मई को उसे पहला नोटिस भेजा।
ट्विटर को आखिरी नोटिस 5 जून को भेजा गया। 6 जून को ट्विटर ने इसका जवाब देते हुए कहा कि उसने कुछ अधिकारियों की नियुक्त कर दी है और एक हफ्ते में मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति कर दी जाएगी।
जानकारी
सरकार ने कहा- 10 दिन बाद तक ट्विटर ने नहीं की नियुक्ति
हालांकि सरकार ने कहा कि ट्विटर ने नियमों के तहत अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की है और मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति पर उसने 10 दिन बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है। इसी कारण अब ट्विटर का मध्यस्थ का दर्जा छीन लिया गया है।