गाजियाबाद: बुजुर्ग की पिटाई मामले में ट्वीट को लेकर पत्रकारों, नेताओं और ट्विटर के खिलाफ FIR
क्या है खबर?
गाजियाबाद पुलिस ने एक बुजुर्ग से मारपीट के मामले में ट्वीट करने को लेकर पत्रकार राणा अयूब, मोहम्मद जुबैर, ट्विटर और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है।
FIR में अयूब और जुबैर के अलावा कांग्रेस नेता सलमान निजामी, शमा मोहम्मद, मसकूर उस्मानी, लेखिका सबा नकवी, समाचार प्लेटफॉर्म द वायर आदि के नाम भी शामिल हैं।
पुलिस ने इनके खिलाफ दंगे भड़काने, समुदायों के बीच द्वेष भड़काने, धार्मिक भावनाएं आहत करने और आपराधिक साजिश रचने जैसे आरोप लगाए हैं।
पृष्ठभूमि
क्या है मामला?
यह मामला गाजियाबाद के लोनी इलाके में एक बुजुर्ग अब्दुल समद सैफी की पिटाई से जुड़ा है।
सैफी ने आरोप लगाया था कि कुछ लोगों ने उन्हें ऑटो में बैठाया और एकांत जगह पर ले जाकर उनकी पिटाई की। सैफी का आरोप है कि उनकी दाढ़ी काट दी गई थी।
दूसरी तरफ पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने पीड़ित की पिटाई इसलिए की क्योंकि उसने उन्हें एक तावीज दिया था, लेकिन इससे उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ।
गिरफ्तारी
पिटाई के आरोप में गिरफ्तार हुए तीन आरोपी
पुलिस ने बुुजुर्ग की पिटाई के आरोप में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान प्रवेश गुज्जर, आदिल और कालू के रूप में हुई है।
कुछ लोगों ने इस घटना का वीडियो ट्विटर समेत बाकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शेयर किया था।
इसे लेकर गाजियाबाद पुलिस ने ट्विटर, पत्रकारों और कांग्रेस नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। इसमें आरोप लगाया गया है कि सोशल मीडिया के जरिये दिए गए बयान आपराधिक साजिश की तरफ इशारा करते हैं।
आरोप
पत्रकारों समेत बाकी आरोपियों ने झूठी खबर फैलाई- FIR
FIR में लिखा गया है कि आरोपियों और अन्य लोगों ने हिंदुओं और मुसलमानों के बीच द्वेष बढ़ाने की कोशिश की। ये ट्वीट सांप्रदायिक सौहार्द्र को बिगाड़ने का एक प्रयास था। पत्रकार और नेताओं समेत बाकी आरोपियों ने सच जानने का प्रयास नहीं किया और झूठी खबर फैलाई।
इसमें आगे कहा गया है कि गाजियाबाद पुलिस द्वारा स्पष्टीकरण देने के बावजूद आरोपियों ने अपने ट्वीट डिलीट नहीं किए और न ही ट्विटर ने इन्हें हटाने का प्रयास किया।
जांच
पुलिस का घटना को लेकर क्या कहना है?
वीडियो वायरल होने के बाद गाजियाबाद पुलिस ने कहा था कि पीड़ित 5 जून को बुलंदशहर से लोनी बॉर्डर आया था।
यहां से वह एक शख्स के साथ पिटाई के मुख्य आरोपी प्रवेश गुज्जर के घर गया था। वहां पर कुछ अन्य लोगों ने प्रवेश के साथ मिलकर बुजुर्ग की पिटाई कर दी।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित तावीज बनाने का काम करता है। उसके दिए तावीज से उल्टा असर होने पर आरोपियों ने उसके साथ मारपीट की थी।
जानकारी
भारत में 'मध्यस्थ प्लेटफॉर्म' नहीं रहा ट्विटर
केंद्र सरकार की नई गाइडलाइंस का पालन न करने के कारण ट्विटर ने 'सोशल मीडिया मध्यस्थ' का अपना दर्जा और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम के तहत प्राप्त कानूनी कार्रवाई से सुरक्षा खो दी है।
गाजियाबाद में FIR दर्ज होने के कुछ ही घंटों बाद यह जानकारी सामने आई।
मध्यस्थ का दर्जा खोने के बाद यूजर्स की पोस्ट की जिम्मेदारी भी ट्विटर पर होगी और उनकी पोस्ट के लिए ट्विटर पर कार्रवाई की जा सकेगी।