वायु प्रदूषण मामले में सुप्रीम कोर्ट की केंद्र को फटकार, कहा- बंद नहीं करेंगे मामला
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खराब स्तर पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह मामले को बंद नहीं करेगा। वह लगातार इस मामले की समीक्षा करता रहेगा। इस दौरान कोर्ट ने पराली प्रबंधन पर किए गए प्रयासों की रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि अधिकारियों को स्थिति बिगड़ने के बाद की जगह पूर्वानुमान पर काम करना चाहिए। मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
"प्रदूषण के मामले में कुछ नहीं कर रही है सरकार"
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और सूर्यकांत की पीठ ने कहा, "समस्या यह है कि लोगों को कोर्ट से बहुत सारी उम्मीदें हैं और सरकार कुछ नहीं कर रही है।" पीठ ने कहा, "नौकरशाही को सक्रिय रहना चाहिए और आंकड़ों के आधार पर वैज्ञानिक तरीके से हल निकालना चाहिए। हर साल ये मुसीबत क्यों झेलें, इस तरह से हम दुनिया को क्या संकेत दे रहे हैं? पराली का प्रबंधन करना ही होगा।"
याचिकाकर्ता के वकील ने पंजाब सरकार पर लगाया आरोप
सुनवाई शुरू होते ही याचिकाकर्ता के वकील विकास सिंह ने कहा कि पंजाब में चुनाव के कारण पराली जलाने पर जुर्माना नहीं लगाया गया है। इस पर CJI रमन्ना ने कहा कि उन्हें चुनाव की चिंता नहीं है। प्रत्येक राज्यों को माइक्रो मैनेज नहीं किया जा सकता। CJI ने केंद्र से पूछा, "आप बताइए क्या किया? आपने बताया था कि 21 नवंबर से हालात ठीक होंगे। तेज हवा से हम बच गए हैं लेकिन हालात फिर गंभीर हो सकते हैं।"
SG ने कही प्रदूषण कम होने की बात
सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि प्रदूषण कम हुआ है। 20 नवंबर को AQI 403 था, कल 290 था और आज 260 है। स्कूलों के सवाल पर उन्होंने कहा स्कूल अभी बंद हैं और 6 थर्मल पावर संयंत्र 30 नवंबर तक बंद है। निर्माण गतिविधि को NCR में 21 नवंबर तक बंद किया था और जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हवा में तेजी से प्रदूषण कम होगा और तीन दिन बाद फिर रिव्यू करेंगे।
अवैध पार्किंग पर लगाया 11 लाख रुपये का जुर्माना- मेहता
SG मेहता ने कहा कि 17 से 21 नवंबर के बीच पार्किंग उल्लंघन और निर्माण के खिलाफ सख्त कार्रवाई हुई। अवैध पार्किंग पर 11 लाख जुर्माना किया गया। निर्माण नियमों के उल्लंघन के 578 और गैर-अनुपालन निर्माण के 262 मामले दर्ज किए गए हैं।
सरकार को समय रहते उठाने होंगे उचित कदम- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में एक जैसा मौसम नहीं रहता है। सरकार को टुकड़ों में दिल्ली के मौसम का आंकलन करना होगा। पांच साल का डाटा देखने पर अगले 15 दिनों की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि गंभीर स्थिति के आने से पहले उपाय करने होंगे। इन उपायों का पूर्वानुमान लगाना होगा और यह पूर्वानुमान एक सांख्यिकीय मॉडल पर आधारित होना चाहिए। इसके बाद ही स्थिति पर काबू पाया जा सकता है।
प्रदूषण में कमी आने पर दी जाएगी पाबंदियों में ढील
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकारों से पूछा कि उनके राज्यों से कितनी पराली हटाई गई है और उत्सर्जन नियंत्रण के कौन से तरीके अपनाए गए हैं। इसके अलावा भविष्य में क्या प्रयास किए जाएंगे? कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी। यदि तब तक वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 100 पर आ जाता है तो कुछ प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी। इसके बिना प्रतिबंध आगे भी जारी रहेंगे।
वायु प्रदूषण को लेकर लगातार सख्ती बरत रहा है सुप्रीम कोर्ट
वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट शुरू से ही सख्त रहा है। पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन, वर्क फ्रॉम होम और औद्योगिक इकाइयों को बंद करने का सुझाव दिया था। उसके बाद दिल्ली सरकार ने इन उपायो का लाभ हासिल करने के लिए उन्हें दिल्ली-NCR में भी लागू करने की मांग की थी। इसके बाद कोर्ट ने केंद्र को आवश्यक बैठक कर आवश्यक कदम उठाने के आदेश दिए थे। उसके बाद से पाबंदियां लागू है।