वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन लगाने को तैयार, सीमित असर होगा- दिल्ली सरकार

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शहर में लॉकडाउन लगाने को तैयार है, हालांकि इसका असर बेहद सीमित होगा। सरकार का कहना है कि अगर पूरे दिल्ली-NCR में लॉकडाउन लगाया जाता है तो इसका जरूर वायु प्रदूषण पर कुछ असर पड़ सकता है। उसने कहा है कि अगर केंद्र सरकार पूरे NCR को ऐसा करने को कहती है तो वह दिल्ली में लॉकडाउन लगाने को तैयार है।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा है, "दिल्ली सरकार स्थानीय उत्सर्जन को नियंत्रित करने के लिए संपूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने को तैयार है। हालांकि ऐसा कदम कभी सार्थक होगा जब ये पूरे NCR में किया जाता है। दिल्ली के छोटे आकार को देखते हुए यहां लॉकडाउन का वायु गुणवत्ता पर सीमित असर होगा। अगर भारत सरकार पूरे NCR को ऐसा करने को कहती है तो हम ये कदम उठाने को तैयार हैं।"
वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताते हुए दिल्ली सरकार ने अपने हलफनामे में कहा है कि इस हफ्ते किसी भी स्कूल में ऑफलाइन क्लास नहीं लगेगी और सरकारी कर्मचारियों को भी घर से काम करने को कहा गया है। इसके अलावा निजी दफ्तरों को भी घर से काम करने की सलाह दी गई है, वहीं कंस्ट्रक्शन के काम को तीन दिन के लिए बंद कर दिया गया है।
बता दें कि वायु प्रदूषण से संबंधित एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को दो दिन का लॉकडाउन लगाने का सुझाव दिया था। उसने इस सुझाव पर दिल्ली सरकार की राय मांगी थी। कोर्ट ने सरकार से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए अब तक उठाए गए कदमों की जानकारी भी मांगी थी। प्रदूषण के लिए किसानों को जिम्मेदार ठहराए जाने पर कोर्ट ने कहा था कि वे केवल 40 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं।
बता दें कि पराली जलाने, दिवाली पर पटाखे फोड़ने, गाड़ियों से निकलने वाले धुएं, शहर के बाहर कोयले के प्लांट्स और खुले में आगजानी आदि कारणों से दिल्ली की हवा बेहद खराब हो रखी है और पिछले कई दिनों से ये बेहद गंभीर श्रेणी में बनी हुई थी। हालांकि रविवार को स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 330 पर आ गया। शुक्रवार को यह रिकॉर्ड 471 था।
गौरतलब है कि दिल्ली दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर है और यहां हर साल सर्दियों में लगभग यही स्थिति होती है। तापमान में कमी और हवा चलना बंद होने के कारण प्रदूषण के कारण कण ऊपर नहीं जा पाते और शहर में प्रदूषण का धुंध जमा हो जाता है। सरकार हर साल इस स्थिति में सुधार का वादा करती है और हर साल उसके तमाम वादे खोखले साबित होते हैं। अभी तक उसके सभी कदम नाकाम रहे हैं।