लखीमपुर खीरी हिंसा: जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन, दो महीने में देगा रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन कर दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रदीप कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में एक सदस्यीय आयोग गठित किया गया है, जो अगले दो महीनों में अपनी रिपोर्ट देगा। इस संबंध में अधिसूचना जारी की जा चुकी है। गौरतलब है कि सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच कराने का ऐलान किया था।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल नौ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने नौ भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया, सुनवाई आज
सुप्रीम कोर्ट ने भी लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलकर मारने और उसके बाद भड़की हिंसा की घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) एनवी रमन्ना के नेतृत्व वाली बेंच आज इस मामले पर सुनवाई करेगी। बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया में छप रही खबरें और कोर्ट को लिखे पत्रों के आधार पर यह संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले राज्य सरकार ने न्यायिक आयोग का ऐलान कर दिया है।
किसानों को कुचलने का नया वीडियो सामने आया
लखीमपुर खीरी में किसानों को महिंद्रा थार से कुचलने का एक नया वीडियो सामने आया है। इसमें साफ दिख रहा है कि तेज रफ्तार थार सड़क पर चल रहे किसानों को कुचलते हुए आगे निकल गई। थार के पीछे चल रही एक अन्य गाड़ी भी बिना रुके घायल किसानों के बीच से आगे निकलती दिख रही है। अजय मिश्रा ने स्वीकार किया है कि महिंद्रा थार उनकी है, लेकिन घटना के समय वो या उनका बेटा उसमें सवार नहीं था।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने शेयर किया वीडियो
वरुण गांधी ने की न्याय की मांग
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने नए वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि यह वीडियो बिल्कुल साफ है। प्रदर्शनकारियों को हत्या से चुप नहीं कराया जा सकता। निर्दोष किसानों का जो खून बहा है, उसके लिए जवाबदेही तय होनी चाहिए और न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने आगे लिखा, 'किसानों के सामने ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि हम क्रूर हैं।' बता दें कि गांधी लगातार किसानों का समर्थन कर रहे हैं और उन्होंने घटना की जांच की मांग की है।
मृतकों के परिजनों को दिया गया मुआवजा
उत्तर प्रदेश सरकार ने कार से कुचले जाने और उसके बाद भड़की हिंसा में जान गंवाने वाले सभी मृतकों को 45-45 लाख रुपये का मुआवजा दे दिया है। सोमवार को किसानों और सरकार के बीच समझौते में मुआजवा देने की बात कही गई थी। सरकार ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को 45 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था।