क्यों एक बार फिर आमने-सामने हैं दिल्ली और केंद्र सरकार और घर-घर राशन योजना क्या है?
केंद्र और दिल्ली की सरकारें एक बार फिर से आमने-सामने हैं और इस बार इसका कारण बनी है दिल्ली सरकार की 'घर-घर राशन' योजना। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना पर रोक लगा दी है जिसके बाद दिल्ली सरकार ने पलटवार करते हुए केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया है। ये योजना क्या है और इसे लेकर केंद्र और दिल्ली में क्यों तलवारें खिंची हुई हैं, आइए आपको बताते हैं।
क्या है दिल्ली सरकार की 'घर-घर राशन' योजना?
घर-घर राशन योजना दिल्ली सरकार के सबसे खास प्रोजेक्ट में से एक है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनवरी में लोगों को राशन के लिए कतार में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा दिलाने के लिए 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना शुरू करने का ऐलान किया था। सरकार ने इस योजना को पहले 25 मार्च से शुरू करने की घोषणा की थी। इसके तहत शुरुआत में सीमापुरी इलाके के 100 घरों का चयन भी कर लिया गया था।
योजना के तहत राशन कार्ड धारकों को क्या-क्या मिलता?
इस योजना के तहत दिल्ली के लगभग 72 लाख लोगों को लाभ मिलना था। प्रत्येक लाभार्थी को हर महीने 4 किलो गेंहू का आटा, 1 किलो चावल और चीनी घर पर ही मिलनी थी। अभी यह राशन सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों पर मिलता है। योजना के तहत लाभार्थियों को गेंहू की जगह गेंहू का आटा और चावलों को साफ करने के बाद पैकैट में बंद करके दिया जाना था। खराब राशन देने पर डीलर के खिलाफ कार्रवाई होती।
केंद्र सरकार ने क्यों रोकी योजना?
केंद्र सरकार ने सबसे पहले 19 मार्च को ये कहते हुए इस योजना पर रोक लगा दी कि राशन राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत किया जाता है और राज्य सरकारें इसे कोई और नाम नहीं दे सकतीं। केंद्र ने कहा था कि योजना का नाम केवल संसद ही बदल सकती है। उसकी इस आपत्ति के बाद दिल्ली सरकार ने योजना का नाम बदल कर 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन' योजना से 'घर-घर राशन' योजना कर दिया था।
केंद्र सरकार ने दोबारा क्यों रोकी योजना?
अब नाम बदलने के बाद दिल्ली सरकार अगले हफ्ते से इस योजना को लागू करने जा रही थी, लेकिन केंद्र सरकार ने एक बार फिर से इस पर रोक लगा दी। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि उन्होंने घर-घर राशन योजना की फाइल को खारिज कर दिया है। इसके दो कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी नहीं ली गई और इससे संबंधित एक मामला कोर्ट में चल रहा है।
दिल्ली सरकार ने क्या प्रतिक्रिया दी?
उपराज्यपाल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली के खाद्य आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने कहा था कि नियमों के अनुसार ऐसी योजना शुरू करने के लिए किसी की मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि योजना के नाम के संबंध में केंद्र की आपत्तियों को दिल्ली सरकार ने पहले ही स्वीकार कर लिया था और यह राजनीति से प्रेरित निर्णय है। उन्होंने कहा था कि यह महामारी के खिलाफ दिल्ली सरकार की लड़ाई को कमजोर करना है।
अरविंद केजरीवाल क्या बोले?
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र ने 'राशन माफिया' के दबाव में योजना को रोका है। उन्होंने कहा, "घर-घर राशन योजना के लागू होने से दो दिन पहले ही केंद्र सरकार ने इसे रोक दिया। अगर पिज्जा, बर्गर, स्मार्टफोन और कपड़ों की होम डिलीवरी हो सकती है तो राशन की होम डिलीवरी क्यों नहीं हो सकती.... राशन माफिया इतना शक्तिशाली है कि उसने कार्यान्वयन से हफ्ते भर पहले ही योजना को रद्द करा दिया।"