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महामारी के साथ-साथ वायु प्रदूषण का भी खतरा, बचाव के लिए कौन सा मास्क बेहतर?

महामारी के साथ-साथ वायु प्रदूषण का भी खतरा, बचाव के लिए कौन सा मास्क बेहतर?

Nov 01, 2020
06:24 pm

क्या है खबर?

इन दिनों पूरा उत्तर भारत वायु प्रदूषण की मार झेल रहा है। कोरोना महामारी के साथ-साथ हवा में जहरीले तत्व लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल कर रहे हैं। ऐसे समय में महामारी से बचाव के साथ-साथ वायु प्रदूषण से बचना भी जरूरी हो जाता है। इसे लेकर कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि इन दोनों खतरों से बचाव के लिए कौन सा मास्क उपयुक्त है? आइये, इस समेत इससे जुड़े सवालों के जवाब जानते हैं।

जानकारी

क्या मास्क वायु प्रदूषण से बचा सकते हैं?

इस सवाल का जवाब है कि कोई भी मास्क हवा को 100 प्रतिशत साफ नहीं कर सकता। हालांकि, कुछ अध्ययनों में पता चला है कि प्रदूषित हवा में मास्क लगाने वाले लोगों को बिना मास्क वालों की तुलना में सांस लेने में आसानी रहती है।

सवाल

क्या वायु प्रदूषण से कोरोना वायरस का खतरा बढ़ जाएगा?

दुनिया के अलग-अलग देशों में हुए शोधों में पता चला है कि प्रदूषित हवा और कोरोना वायरस की गंभीरता में संबंध हैं। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक ऐसे ही शोध के अनुसार अगर हवा में PM2.5 का स्तर जरा भी बढ़ता है तो कोरोना वायरस के कारण होने वाली मौतों में 8 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि इस विषय को लेकर अभी और जांच और शोध की जरूरत है।

जानकारी

क्या ऐसे मौसम में कपड़े वाला मास्क कारगर है?

प्रदूषित हवा और महामारी के इस मौसम में कपड़े वाला मास्क आपको पर्याप्त सुरक्षा नहीं दे सकता है। अगर आप प्रदूषित इलाकों में रहते हैं तो बेहतर होगा कि कपड़े वाले मास्क या गमछे आदि को छोड़कर N95 या N99 मास्क लगाना शुरू कर दें।

सुझाव

क्या कहते हैं जानकार?

द क्विंट के अनुसार, दिल्ली के यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंस में प्रोफेसर डॉक्टर अरुण शर्मा कहते हैं कि न लगाने से कोई भी मास्क लगाना बेहतर है। वो कहते हैं कि सभी मास्क पार्टिकुलेट मैटर को अंदर जाने से रोकते हैं, लेकिन इनकी क्षमता अलग-अलग होती है। बेसिक मास्क सिर्फ थूक के कणों को रोक सकते हैं, लेकिन ये N95 की तरह हवा में घुले जहरीले कणों से सुरक्षा नहीं देते।

बचाव

किस प्रकार का मास्क सबसे बेहतर?

प्रदूषित हवा और कोरोना महामारी से बचाव के लिए N95 मास्क कारगर है। यह हवा में घुले 95 प्रतिशत कणों को सांस के जरिये अंदर जाने से रोक सकता है। इसके अलावा आप N99 मास्क भी चुन सकते हैं। यह उससे बेहतर उपाय है। मास्क के नाम में लिखे अंक यह दिखाते हैं कि ये हवा में घुले कितने प्रतिशत कणों को बाहर रोक सकते हैं। हालांकि, दोनों ही तेल और उससे जुड़े प्रदूषक तत्वों के खिलाफ कारगर नहीं है।

सुझाव

वॉल्व या बिना वॉल्व वाला, कौन सा मास्क बेहतर?

राम मनोहर लोहिया अस्पताल में छाती के वरिष्ठ डॉक्टर देशदीपक कहते हैं कि ऐसे मौसम में आपको बिना वॉल्व वाला मास्क लेना चाहिए। वो कहते हैं कि पिछले साल तक जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी होती थी, वो वॉल्व वाला मास्क इस्तेमाल कर सकते थे, लेकिन इस साल स्थिति अलग है। कोरोना महामारी के बीच वॉल्व वाले N95 मास्क के इस्तेमाल का सुझाव नहीं दिया जा सकता। ऐसे में बिना वॉल्व वाला मास्क बेहतर है।

जानकारी

वॉल्व वाले मास्क क्यों कारगर नहीं?

ऐसे मास्क को पहनकर आप हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों से बच सकते हैं, लेकिन यह मुंह के निकलने वाले थूक के कणों को हवा में फैलने से नहीं रोक सकता। इसलिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए यह मास्क न पहनें।