कोरोना वैक्सीन: SII जुलाई में 920 बच्चों पर शुरू करेगी 'कोवावैक्स' का ट्रायल
क्या है खबर?
भारत में अगले महीने से बच्चों के लिए एक और वैक्सीन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है।
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) जुलाई से 'कोवावैक्स' वैक्सीन का 920 बच्चों पर दूसरे और तीसरे चरण का ट्रायल शुरू करेगी।
SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने खुद इसकी जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कि कंपनी जल्द ही बच्चों पर ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर और जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से अनुमति लेने के लिए आवेदन करेगी।
कोरोना वैक्सीन
अगस्त में हुआ था SII और नोवावैक्स का करार
बता दें, कोवावैक्स को अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने तैयार किया है। SII ने अगस्त में वैक्सीन के भारत में उत्पादन, ट्रायल और वितरण को लेकर नोवावैक्स से करार किया था।
कंपनी ने वैक्सीन का नाम NVX‑CoV2373 दिया है, जबकि भारत में इसे 'कोवावैक्स' के नाम से तैयार किया जा रहा है।
इस साझेदारी के तहत SII भारत में वैक्सीन की 200 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी। इनमें से 100 करोड़ खुराक भारत और कम आय वाले देशों के लिए होगी।
उम्मीद
सितंबर तक उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
बता दें कि SII इस समय DCGI से कोवावैक्स के इंसानी ट्रायल के तीसरे चरण की मंजूरी मिलने के बाद भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर व्यस्कों पर ट्रायल कर रही है।
इसी तरह SII ने शुक्रवार से कोवावैक्स का उत्पादन भी शुरू कर दिया है।
इसको लेकर पूनावाला ने कहा है कि वह वैक्सीन पहली खेप देखने के लिए उत्साहित हैं। वैक्सीन में 18 वर्ष से कम आयु की भावी पीढ़ियों की रक्षा करने की क्षमता है।
कोरोना वैक्सीन
व्यस्कों पर 90 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है कोवावैक्स
अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने 14 जून को कहा था कि वैक्सीन ने अमेरिका और मेक्सिको में हुए बड़े स्तर के ट्रायल में 90 प्रतिशत से अधिक प्रभावकारिता दिखाई है।
सब-प्रोटीन पर आधारित दो खुराक वाली इस वैक्सीन को अमेरिका और मेक्सिको की 119 जगहों पर लगभग 30,000 लोगों पर परखा गया था।
कंपनी ने कहा कि यह वैक्सीन मध्यम और गंभीर संक्रमण के खिलाफ 100 प्रतिशत और कुल मिलाकर 90.4 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।
जानकारी
यह हैं कोवावैक्स की प्रमुख खासियत
कंपनी के अनुसार कोवावैक्स की खुराक लगने के बाद यदि व्यक्ति वायरस के संपर्क में आता है तो वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज उसके स्पाइक प्रोटीन को लॉक कर देगी। इससे वायरस कोशिकाओं में नहीं जा पाएगा और व्यक्ति संक्रमित नहीं होगा।
बयान
10 अस्पतालों में 920 बच्चों पर होगा वैक्सीन की ट्रायल- पूनावाला
पूनावाला ने TOI से कहा, "हम DCGI से अनुमति मिलने के बाद अगले महीने यानी जुलाई में 10 अस्पतालों में 920 बच्चों पर इसका ट्रायल शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसमें 2-11 साल और 12-17 साल के 460-460 बच्चों को शामिल किया जाएगा।"
उन्होंने आगे कहा, "ट्रायल के लिए चुने जाने वाले अस्पतालों में पुणे स्थिति भारती अस्पताल और KEM अस्पताल भी शामिल है। ट्रायल की सभी तैयारियों को पूरा किया जा रहा है।"
प्रक्रिया
पहले 12-17 साल के बच्चों पर किया जाएगा ट्रायल
पूनावाला ने कहा, "ट्रायल के लिए पहले 12-17 साल के बच्चों का पंजीयन किया जाएगा और उसके बाद 2-11 साल के बच्चों को लिया जाएगा। इसी तरह वैक्सीन की खुराक भी पहले 12-17 साल के बच्चों को दी जाएगी ओर फिर अन्य का नंबर आएगा।"
उन्होंने कहा कि ट्रायल के दौरान दोनों खुराकों के 21 दिनों के अंतराल के बाद अगले छह महीने तक ट्रायल में शामिल होने वाले सभी बच्चों के स्वास्थ्य की निगरानी की जाएगी।
निष्कर्ष
ट्रायल के तीन महीने बाद प्रस्तुत किया जाएगा अंतरिम निष्कर्ष- पूनावाला
पूनावाला ने कहा, "बच्चो पर ट्रायल के तीन महीने बाद वैक्सीन की प्रभावितकता को लेकर पहला अंतरिम निष्कर्ष प्रस्तुत किया जाएगा। इसी तरह कंपनी DCGI के नए दिशानिर्देशों के अनुसार वैश्विक परिणामों के आधार पर ट्रायल पूरा होने से पहले भी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन कर सकती है।"
उन्होंने कहा, "ट्रायल का प्राथमिक उद्देश्य बच्चों पर वैक्सीन के प्रभाव का पता लगाना है। उन्हें 21 दिनों के अंतराल में दो खुराकें दी जाएंगी।"
जानकारी
बच्चों पर पहले से चल रहा है कोवैक्सिन का ट्रायल
भारत में भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का बच्चों पर ट्रायल चल रहा है। DCGI ने पिछले महीने 2-18 साल तक के बच्चों और किशोरों पर कोवैक्सिन के ट्रायल की मंजूरी दी थी। देशभर में कई जगहों पर 525 वॉलेंटियरों पर वैक्सीन का ट्रायल होगा।