राफेल विमान सौदा: घोटाले का आरोप लगाने वाली नई याचिका पर सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे में तथाकथित घोटाले का भूत एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। सुप्रीम कोर्ट मामले में स्वतंत्र जांच की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है और इस पर दो हफ्ते बाद सुनवाई शुरू की जाएगी। मनोहर लाल शर्मा नामक एक वकील ने यह याचिका दायर की है और इसमें सौदे में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है।
फ्रांसीसी पत्रिका की रिपोर्ट के आधार पर शर्मा ने दायर की याचिका
शर्मा ने फ्रांसीसी पत्रिका 'मीडियापार्ट' की उस रिपोर्ट के आधार पर यह याचिका दायर की है जिसमें राफेल विमान बनाने वाले कंपनी डसॉल्ट के एक भारतीय बिलौचिये को 10 लाख यूरो (लगभग 8.6 करोड़ रुपये) का भुगतान करने की बात कही गई है। इन नए आरोपों का हवाला देते हुए शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है। उन्होंने सौदे को रद्द करने और जुर्माने सहित सारी रकम वसूलने का अनुरोध भी किया है।
मीडियापार्ट ने अपनी रिपोर्ट में क्या कहा था?
मीडियापार्ट ने फ्रांस की भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी AFA की एक जांच का हवाला देते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा था कि डसॉल्ट ने राफेल विमान सौदा होने के बाद 2017 में भारतीय कंपनी डेफसिस सॉल्यूशन्स' को 10 लाख यूरो का भुगतान किया था। डसॉल्ट ने अपने ऑडिट में इस भुगतान को "गिफ्ट" के तौर पर दर्शाया हुआ था, हालांकि उसने अधिकारियों से कहा कि राफेल के 50 नकली मॉडल बनाने के लिए उसने डेफेसिस को ये भुगतान किया था।
नकली मॉडल्स की मौजूदगी का सबूत देने में नाकाम रही डसॉल्ट
रिपोर्ट में दावा किया गया था कि डसॉल्ट अधिकारियों को राफेल के इन नकली मॉडल्स की मौजूदगी का कोई भी सबूत देने में नाकाम रही थी। इसी कारण रिपोर्ट में डेफसिस को किए गए इस भुगतान पर गंभीर सवाल उठाए गए थे।
अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में जेल जा चुका है डेफसिस का मालिक
मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार, डेफसिस सॉल्यूशन्स सुशेन गुप्ता की कंपनी है। गुप्ता के खिलाफ अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में भारतीय नागरिकों को दी गई रिश्वत के मामले में जांच चल रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उनके खिलाफ जांच कर रही हैं और उन्हें मामले में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं। इसके अलावा डेफसिस भारत में डसॉल्ट के सब-कॉन्ट्रेक्टर्स में भी शामिल है।
भारत ने 59,000 करोड़ रुपये में खरीदे थे 36 राफेल विमान
मोदी सरकार ने सितंबर, 2016 को फ्रांस सरकार के साथ 59,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया था। विपक्ष ने इस सौदे में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे तौर पर इस भ्रष्टाचार में शामिल होने और अनिल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौदे से हटाने का आरोप लगाया था।
मामले में जांच की याचिकाओं को खारिज कर चुका है सुप्रीम कोर्ट
सौदे की जांच कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गईं थीं जिन्हें कोर्ट ने दिसंबर, 2018 में खारिज कर दिया था। कुछ नए सबूत सामने आने के बाद पुनर्विचार याचिकाएं दायर की गईं जिन्हें नवंबर, 2019 में खारिज कर दिया गया।