उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने दी मतगणना की अनुमति, विजयी जुलूस निकालने पर रोक
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश में अप्रैल की शुरुआत से शुरु हुए पंचायत चुनावों की मतगणना पूर्व निर्धारित तारीख के अनुसार 2 मई यानी रविवार को ही होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कड़ी सुरक्षा और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कराते हुए मतगणना कराने का आश्वासन देने के बाद इस पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने मतगणना के बाद में किसी भी तरह का विजयी जुलूस निलालने पर रोक लगाई है।
प्रकरण
मतगणना पर रोक लगाने के लिए दायर की गई थी जनहित याचिका
उत्तर प्रदेश में 15 अप्रैल से महामारी के बीच पंचायत चुनाव शुरू हुए थे। इस दौरान कोरोना संक्रमण से 577 शिक्षकों और कई अन्य अधिकारियों की मौत हो गई।
ऐसे में मतगणना के दौरान भी कर्मचारियों के महामारी की चपेट में आने के खतरे को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता सचिन यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
उन्होंने मतगणना के पक्ष में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए इस पर रोक लगाने की मांग की थी।
फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को लगाई फटकार
जस्टिस एएम खानविल्कर की अध्यक्षता वाली पीठ ने मतगणन की मंजूरी देरे से पहले राज्य चुनाव आयोग को जमकर फटकार लगाई।
शीर्ष अदालत ने आयोग से पूछा कि कोरोना काल में क्या मतगणना कराना जरूरी है? क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकता? अगर दो-तीन सप्ताह टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से मतगणना के लिए सुरक्षा की दृष्टि से जारी किया गए दिशा-निर्देशों की भी जानकारी मांगी।
सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछे कई अहम सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से स्पष्टिकरण की मांग करते हुए पूछा कि आयोग ने वर्तमान स्थिति में मतगणना को स्थगित करने पर क्या विचार किया? हर जगह संकट है। क्या आपके पास चिकित्सा सुविधाएं हैं, जांच उपलब्ध है?
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि दो लाख से अधिक सीटों की मतगणना के लिए केवल 800 केंद्र बनाए हैं। ऐसे में प्रत्येक केंद्र 800 सीटों की मतगणना होगी। ऐसे में प्रत्येक केंद्र पर 75 लोगों की सीमा कैसे सुनिश्चित होगी?
सफाई
सुनवाई के दौरान आयोग ने दी यह सफाई
आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मतगणना आठ घंटे की शिफ्ट में चलेगी और हर शिफ्ट में अधिकारी बदले जाएंगे। एक शिफ्ट खत्म होने के बाद केंद्र को सैनेटाइज किया जाएगा। इसके अलावा सभी कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा।
मतगणना में लगाए गए कर्मचारी और उम्मीरवारों के एजेंटों को कोरोना निगेटिव की रिपोर्ट या वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र देने पर ही केंद्र में प्रवेश दिया जाएगा। इसी तरह पूरे इलाकें में कर्फ्यू जारी रहेगा।
आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने आयोग के आश्वासन के बाद दिया मतगणना का आदेश
आयोग की ओर से बेहतर इंतजामों के बीच मतगणना कराने का आश्वासन देने के बाद शीर्ष अदालत ने मतगणना की अनुमति दे दी।
कोर्ट ने कहा कि मतगणना के दौरान या बाद में विजयी जुलूस पर पूर्ण रूप से पाबंदी होगी। इसी तरह मतगणना केंद्रों वाले इलाकों में पूरी तरह से कर्फ्यू होगा और वहां किसी भी प्रकार की भीड़ नहीं होगी।
इसी तरह केंद्र पर कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के लिए तैनात राजपत्रित अधिकारी पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे।
जानकारी
बसपा सुप्रीमों ने की मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की मांग
इससे पहले बसपा सुप्रीम मायावती ने पंचायत चुनावों को लेकर सरकार की आलोचना की। इस दौरान उन्होंने सरकार से चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना महामारी के कारण जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को आर्थिक सहायता और नौकरी देने की मांग की है।
संक्रमण
उत्तर प्रदेश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। यहां शुक्रवार को भी कोरोना संक्रमण के 34,372 नए मामले सामने आए हैं और 332 मरीजों ने दम तोड़ा है।
इसी के साथ दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 12,52,324 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 12,570 मरीजों की मौत हो चुकी है और 9,28,971 उपचार के बाद ठीक हो गए हैं। वर्तमान में सक्रिय मामलों की संख्या 3,10,783 है।