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फेसबुक के #ResignModi को ब्लॉक करने पर विवाद, सरकार ने कहा- हमने नहीं दिया आदेश

फेसबुक के #ResignModi को ब्लॉक करने पर विवाद, सरकार ने कहा- हमने नहीं दिया आदेश

Apr 29, 2021
02:32 pm

क्या है खबर?

कोरोना वायरस महामारी को संभालने के तरीके को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना के बीच फेसबुक ने आज #ResignModi वाले पोस्ट को प्लेटफॉर्म से हटा दिया और फिर चंद घंटों बाद ही इन्हें रिस्टोर कर दिया। माना जा रहा था कि सरकार के कहने पर फेसबुक ने यह कार्रवाई की थी, लेकिन सरकार और फेसबुक दोनों ने कहा है कि इस कार्रवाई का सरकार से कोई संबंध नहीं है। फेसबुक ने गलती से ऐसा होने की बात कही है।

मामला

क्या है पूरा मामला?

महामारी को संभालने में नाकामी और बढ़ते संक्रमण के बीच भी चुनाव प्रचार जारी रखने को लेकर केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर आलोचना हो रही है। इस संबंध में फेसबुक और ट्विटर जैसे कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर #ResignModi ट्रेंड कर रहा है जिससे संबंधित पोस्ट्स में प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांगा जा रहा है। फेसबुक ने ऐसे ही कुछ पोस्ट्स को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया, लेकिन कुछ समय बाद ही इन्हें फिर से रिस्टोर कर दिया।

सफाई

फेसबुक ने कहा- गलती से ब्लॉक हुईं पोस्ट

अटकलें लगाई जा रही हैं कि फेसबुक ने केंद्र सरकार के कहने पर ये कार्रवाई की थी, लेकिन उसने बयान जारी कर इन अटकलों को खारिज किया है। कंपनी ने बयान जारी करते हुए कहा, "हमने गलती से इस हैशटैग को अस्थायी तौर पर ब्लॉक कर दिया था। भारत सरकार ने हमसे ऐसा करने को नहीं कहा था। हमने इन्हें रिस्टोर कर दिया है।" किस गलती के कारण पोस्ट ब्लॉक हो गई थीं, फेसबुक ने इसकी जानकारी नहीं दी।

सरकार का पक्ष

सरकार ने रिपोर्ट को गुमराह करने वाली और दोषपूर्ण बताया

वहीं सरकार ने भी मामले पर बयान जारी करते हुए कहा कि उसने इस संबंध में कोई आदेश जारी नहीं किया था। सरकार ने बयान में कहा, "वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट जिसमें फेसबुक के एक हैशटैग को हटाने को भारत सरकार के असंतोष को दबाने से जोड़ा गया है, तथ्यों के मामले में गुमराह करने वाला और नीयत में दोषपूर्ण है। सरकार ने इस हैशटैग को हटाने का कोई आदेश नहीं जारी किया। फेसबुक ने भी यही कहा है।"

अन्य मामला

सरकार के कहने पर ट्विटर ने सेंसर किए थे ट्वीट्स

बता दें कि पिछले हफ्ते ही केंद्र सरकार के कहने पर ट्विटर ने कोरोना वायरस महामारी से संबंधित 52 ट्वीट्स को प्लेटफॉर्म से हटाया था। इन ट्वीट्स में महामारी की रोकथाम के मुद्दे पर सरकार की आलोचना की गई थी और इनमें सांसदों, विधायकों, पत्रकारों और अभिनेताओं तक के ट्वीट्स शामिल थे। ट्विटर ने कहा था कि सरकार से कानूनी आदेश मिलने के बाद उसने यह कदम उठाया था और इन ट्वीट्स को भारत में सेंसर कर दिया था।

आलोचना

अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर पाबंदियों के लिए आलोचनाओं के केंद्र में रही है सरकार

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम कसने के अपने प्रयासों के लिए केंद्र सरकार हालिया समय में आलोचनाओं के केंद्र में रही है। इस साल की शुरूआत में सरकार ऐसे नए नियम लेकर आई थी जिनके तहत सरकार के कहने पर फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों को अपने प्लेटफॉर्म्स से "विवादित" पोस्ट्स हटाने होंगे। नियमों के अनुसार, अगर वे ऐसा नहीं करते तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।