कोरोना वायरस: किल्लत के बाद भी रेलवे के आइसोलेशन कोचों में खाली पड़े हैं 2,900 बेड
पूरा देश इस समय कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। प्रतिदिन रिकॉर्ड संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। अधिकतर राज्यों के अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी आ गई है। इस समस्या से निपटने के लिए रेलवे ने ट्रेन के डिब्बों का इस्तेमाल कर विशेष आइसोलेशन कोचों का निर्माण किया है। अब तक विभिन्न राज्यों में 2,990 बेड के 191 कोच तैनात किए गए हैं, लेकिन इनमें से 2,926 बेड अभी खाली हैं।
राज्यों की मांग के बाद रेलवे तैयार किए 4,000 कोच
इंडिया टुडे के अनुसार बेड्स की कमी से जूझ रहे राज्यों की मांग को देखते हुए रेलवे ने कोरोना मरीजों के आइसोलेशन और उपचार के लिए 64,000 बेड्स की क्षमता के कुल 4,000 कोच तैयार किए हैं। इनमें से तीन राज्यों में 2,990 बेड्स की क्षमता के लिए 191 कोच तैनात कर दिए हैं, लेकिन अभी तक इनमें से 103 बेड्स पर भी मरीज भर्ती हुए हैं। इनमें वर्तमान में 64 बेड्स पर मरीज और बाकी खाली हो चुके हैं।
किस राज्य में कितने आइसोलेशन कोच किए तैनात?
रेलवे के अनुसार आइसोलेशन कोच की सबसे पहले मांग महराष्ट्र के नंदुरबार से आई थी। वहां 415 बेड क्षमता के कुल 26 कोच तैनात कि गए थे, लेकिन वहां अभी तक 85 मरीज ही इनमें भर्ती हुए हैं और 330 बेड्स खाली हैं। इसी तरह दिल्ली में 1,200 बेड्स क्षमता के कुल 75 कोच तैनात किए गए हैं। इनमें 50 कोच शकूरबस्ती में और 25 आनंद विहार स्टेशनों पर तैनात हैं। हां अभी भी 1,196 बेड खाली हैं।
मध्य प्रदेश में तैनात किए गए हैं 42 कोच
रेलवे अनुसार मध्य प्रदेश सरकार की मांग पर राज्य में कुल 42 कोच तैनात किए गए हैं। इनमें पश्चिम रेलवे के रतलाम डिवीजन ने इंदौर के पास टीही स्टेशन पर 320 बेड की क्षमता वाले 22 कोच तैनात किए हैं। इसी तरह भोपाल में 20 कोच तैनात हैं। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार एक डिस्चार्ज के साथ 13 मरीज भर्ती हुए थे। इस सुविधा में वर्तमान में कुल 280 बेड उपलब्ध हैं। सरकार इनके उपयोग पर जोर दे रही है।
उत्तर प्रदेश में भेजे गए हैं 50 कोच
रेल मंत्रालय के अनुसार उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार की ओर से अभी तक कोचों की मांग नहीं की गई है, लेकिन ऐहतियात के तौर पर फैजाबाद, भदोही, वाराणसी, बरेली और नजीबाबाद में कुल 800 बेड्स क्षमता के कुल 50 कोच भेजे गए हैं।
आइसोलेशन कोचों में रेलवे द्वारा मुहैया कराई जाती है ये सुविधाएं
रेलवे की ओर से तैयार किए गए इन विशेष आइसोलेशन कोचों में मरीज के लिए आवश्यक सभी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। इन आइसोलेशन कोचों में प्लेटफॉर्म की सफाई, कंबल, पानी, बिजली और शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी रेवले की होती है। इसके अलावा इन कोचों में रेलवे मरीजों को खाने-पीने और ऑक्सीजन सिलेंडर की सुविधा भी मुहैया कराता है। इस कोचों में कोरोना के हल्के लक्षण वाले मरीजों का उपचार किया जाता है।
रेलवे ने आइसोलेशन कोचों के खाली रहने के पीछे यह बताया कारण
रेलवे के अनुसार वर्तमान में हल्के लक्षण वाले अधिकतर मरीज अपने घर पर ही आइसोलेट होकर उपचार लेने को तवज्जों दे रहे हैं। ऐसे में वह रेलवे के आइसोलेशन कोचों की सुविधा लेने से बच रहे हैं। इसी तरह रेलवे के कोचों को विशेष तोर पर अइसोलेशन के लिए तैयार किया गया है, यह उपचार केंद्र नहीं है। ऐसे में तबीयत अधिक बिगड़ने और उपचार की आवश्यकता को देखते हुए भी लोगा इन कोचों के इस्तेमाल से बच रहे हैं।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 3,79,257 नए मामले सामने आए और 3,645 मरीजों की मौत हुई। ये देश में एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा मामले और मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,83,76,524 हो गई है। इनमें से 2,04,832 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 30,84,814 हो गई है।