सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की पटाखों पर लगी रोग को हटाने वाली याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कलकत्ता हाई कोर्ट की ओर से काली पूजा, दिवाली और छठ पूजा पर राज्य में की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि त्योहार जरूरी है, लेकिन जीवन की सुरक्षा से बड़ा और कोई त्योहार नहीं है। ऐसे में अब पश्चिम बंगाल में पटाखों पर लगी रोक जारी रहेगी और लोगों को बिना पटाखों के ही त्योहार मनाने होंगे।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए लगाई थी रोक
बता दें कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए कोलकाता हाई कोर्ट ने वकील सब्यसाची चटर्जी ने पटाखों पर बैन लगाने की मांग वाली एक जनहित याचिका दायर की थी। इस पर गत 3 नवंबर को सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीब बनर्जी और अरिजीत बनर्जी की पीठ ने इस साल काली पूजा, दिवाली और छठ पूजा पर राज्य में पटाखे जलाने और बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा सरकार को आदेशों की कड़ाई से पालना के निर्देश दिए थे।
फायरवर्क्स डीलर्स एसोसिएशन ने दी थी आदेश को चुनौती
कलकत्ता हाई कोर्ट के पटाखों पर बैन के आदेश देने के बाद सामाजिक कार्यकर्ता गौतम राय और बुर्राबाजार और फायरवर्क्स डीलर्स एसोसिएशन ने पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। उन्होंने याचिका में कहा था कि काली पूजा राज्य का सबसे बड़ा त्योहार है और दीवाली पर भी विशेष उत्साह रहता है। ऐसे में पटाखों पर बैन लगाने से उनका पूरा कारोबार ठप हो जाएगा।
जीवन की सुरक्षा से बड़ा कुछ नहीं- सुप्रीम कोर्ट
याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा, "हम समझते हैं कि राज्य के त्योहार महत्वपूर्ण हैं, हम ऐसी स्थिति में हैं, जहां लोगों का जीवन ही खतरे में है। ऐसे में जीवन के सुरक्षा से बड़ा कोई मूल्य नहीं हो सकता है।" कोर्ट ने आगे कहा, "हम त्योहारों को लेकर काफी सचेत रहते हैं, लेकिन हम कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं और सभी को इसमें समर्थन और सहयोग देना चाहिए। "
NGT ने 30 नवंबर तक लगाया पटाखों पर बैन
नेशनल ग्रीन टि्रब्यूनल (NGT) ने बढ़ते वायु प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सोमवार को दिल्ली और NCR क्षेत्र में आने वाले चार राज्यों के करीब 12 जिलों में 30 नवंबर तक पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगाई थी। NGT ने वायु की खराब गुणवत्ता वाले देश के अन्य शहरों में भी पटाखों के उपयोग पर रोक लगाया था। इसके अलावा सामान्य जगहों पर ग्रीन पटाखे जलाने की छूट दी है।
ये राज्य भी लगा चुके हैं प्रतिबंध
बता दें कि राजस्थान, ओडिशा, सिक्किम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ ने पहले ही पटाखों की ब्रिकी और आतिशबाजी पर प्रतिबंध लगा दिया हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश सरकार ने चाइनीज और विदेशी पटाखों के भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई है। इसके अलावा महाराष्ट्र सरकार ने मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर लोगों से दिवाली पर प्रदूषण से बचने के लिए पटाखें नहीं जलाने की अपील की हैं।