पश्चिम बंगाल डॉक्टर हड़ताल: 700 सरकारी डॉक्टरों के इस्तीफे से संकट और गहराया
पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों की हड़ताल का संकट समय के साथ और गहराता जा रहा है। शुक्रवार को राज्य सरकार के 700 सरकारी डॉक्टरों ने हड़ताल कर रहे अपने जूनियर डॉक्टरों का समर्थन करते हुए इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही बंगाल का हेल्थकेयर सिस्टम ढहने की कगार पर आ खड़ा हुआ है। इस बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने रुख में नरमी का संकेत देते हुए राज्य सचिवालय में डॉक्टरों के साथ मुलाकात की।
ममता के अल्टीमेटम के कारण दिया इस्तीफा
एक दिन में 700 डॉक्टरों के इस्तीफे के इस अभूतपूर्व कदम का कारण गुरुवार को दिए गए ममता के अल्टीमेटम को माना जा रहा है। तब SSKM अस्पताल का दौरा करते हुए ममता ने डॉक्टरों को 4 घंटे के अंदर हड़ताल खत्म करने या सख्त कार्रवाई को तैयार रहने को कहा था। लेकिन जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल जारी रखी और शुक्रवार को इसके समर्थन में पूरे देश में डॉक्टरों ने हड़ताल की। इसके बाद इस्तीफों को सिलसिला शुरू हो गया।
हर जगह से आई इस्तीफों की बाढ़
शुक्रवार को सबसे पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज के 107 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। इसके अगले एक घंटे के अंदर ही इस्तीफों की बाढ़ आ गई और सभी जगह से इस्तीफे आने लगे। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से 100, SSKM अस्पताल से 175, चितरंजन मेडिकल कॉलेज से 16, NRS मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से 100 और स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन से 33 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। इसके बाद से ही राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद ममता के रुख में नरमी
वहीं, शुक्रवार को ममता ने भी नरमी दिखाते हुए राज्य सचिवालय पर डॉक्टरों से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उनके साथ शनिवार शाम 5 बजे बैठक बुलाई गई है। ममता ने हड़ताल कर रहे छात्रों को भी बातचीत के लिए बुलाया था, लेकिन वो नहीं आए। उनके रुख में नरमी कलकत्ता हाई कोर्ट के हड़ताल पर अंतरिम आदेश जारी करने से मना करने और सरकार को डॉक्टरों को काम पर वापस लौटने के लिए मनाने के आदेश के बाद आई।
क्या है पूरा मामला?
सोमवार शाम को कोलकाता के नील रतन सरकार (NRS) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 74 वर्षीय मोहम्मद सईद की मौत हो गई, जिसके बाद परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों की पिटाई की। हमले में दो जूनियर डॉक्टरों गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले के बाद डॉक्टरों ने माफी मांगने तक शव देने से इनकार कर दिया। कुछ देर बाद परिजनों और स्थानीय लोगों की भीड़ ने अस्पताल पर हमला किया और जूनियर डॉक्टर्स पर पत्थर फेंके।
शुक्रवार को पूरे देश में हुई हड़ताल
मंगलवार को हमले के विरोध में NRS अस्पताल ने हड़ताल शुरू करते हुए अपनी OPD और आपातकालीन सेवाओं निलंबित कर दीं। उनकी मांग है कि डॉक्टरों को ऐसे हमलों से पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए। शुक्रवार को द इंडिया मेडिकल एसोसिएशन ने हड़ताल कर रहे डॉक्टरों के साथ एकजुटता दिखाते हुए एकदिवसीय "अखिल भारतीय हड़ताल दिवस" का ऐलान किया। दिल्ली के AIIMS और सफदरजंग अस्पताल और मुंबई के JJ अस्पताल समेत देशभर के तमाम डॉक्टर शुक्रवार को हड़ताल पर रहे।