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देश

सुप्रीम कोर्ट में सरकार बोली- सुदर्शन न्यूज के 'UPSC जिहाद' कार्यक्रम ने किया नियमों का उल्लंघन

सुप्रीम कोर्ट में सरकार बोली- सुदर्शन न्यूज के 'UPSC जिहाद' कार्यक्रम ने किया नियमों का उल्लंघन
लेखन मुकुल तोमर
Sep 23, 2020, 05:34 pm 3 मिनट में पढ़ें
सुप्रीम कोर्ट में सरकार बोली- सुदर्शन न्यूज के 'UPSC जिहाद' कार्यक्रम ने किया नियमों का उल्लंघन

केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सुदर्शन न्यूज के बेहद भड़काऊ 'UPSC में जिहाद' कार्यक्रम ने प्रोग्राम कोड का उल्लंघन किया था और इस संबंध में चैनल को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। चैनल को जबाव देने के लिए 28 सितंबर तक का समय दिया गया है और अपने जबाव में उसे बताना होगा कि उसके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए। कार्यक्रम के प्रसारण पर 5 अक्टूबर तक रोक लगी रहेगी।

पृष्ठभूमि
क्या है पूरा मामला?

बीते दिनों सुदर्शन न्यूज ने 'UPSC में जिहाद' नामक अपने एक कार्यक्रम का टीजर जारी किया था जिसमें "नौकरशाही में मुस्लिमों की घुसपैठ" का खुलासा करने का दावा किया गया था। कार्यक्रम में दावा किया गया है कि मुस्लिमों को UPSC परीक्षा में आरक्षण और उम्र का फायदा मिलता है और इंटरव्यू लेने वाले लोग धर्म के कारण उन्हें फायदा पहुंचाते हैं। कार्यक्रम के अनुसार, इसी कारण भारतीय प्रशासनिक सेवाओं (IAS) में मुस्लिमों की संख्या बढ़ रही है।

जानकारी
कोचिंग संस्थानों पर लगाया गया था जिहादी संगठनों से पैसा लेने का आरोप

इसके अलावा चैनल ने अपने कार्यक्रम में मुस्लिमों को UPSC परीक्षा की तैयारी कराने वाले कुछ कोचिंग संस्थानों को विदेशी जिहादी संगठनों से पैसे आने का दावा भी किया था। इसमें जकात फाउंडेशन ऑफ इंडिया (ZFI) का नाम विशेष तौर पर लिया गया था।

विरोध
IAS और IPS संगठनों ने जताई थी कार्यक्रम पर कड़ी आपत्तिव

कार्यक्रम का टीजर सामने आने के बाद हंगामा मच गया था और देश के तमाम IAS और IPS संगठनों ने इस पर आपत्ति जताई थी। जहां IPS संघ ने इसे गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता बताते हुए इसकी आलोचना की थी, वहीं पुलिस सुधार के लिए काम करने वाली भारतीय पुलिस फाउंडेशन ने इसे हेट स्टोरी करार देते हुए खतरनाक कट्टरता बताया था। इसके अलावा भी अन्य कई अधिकारियों और राजनीतिक वर्गों ने इस कार्यक्रम पर आपत्ति जताई थी।

कानूनी कार्रवाई
सरकार और दिल्ली हाई कोर्ट से होता हुआ सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा मामला

मामला दिल्ली हाई कोर्ट और केंद्र सरकार के पास भी पहुंचा था। जहां केंद्र सरकार ने यह कहते हुए कार्यक्रम को प्रसारित करने की मंजूरी दे दी कि इसके प्रसार के दौरान प्रोग्राम कोड का उल्लंघन नहीं होना चाहिए, वहीं दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार के चैनल को नोटिस के बाद इसके प्रसारण की मंजूरी दे दी। इसके बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया जिसने 15 सितंबर को कार्यक्रम के प्रसारण पर रोक लगा दी।

सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- मुस्लिमों को कलंकित करता है कार्यक्रम

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने कार्यक्रम पर सख्त आपत्ति जताते हुए कहा था कि ये मुस्लिमों को कलंकित करता है। कार्यक्रम को पहली नजर में विषैला और समाज में नफरत फैलाने वाला बताते हुए बेंच ने कहा था, "आप एक समुदाय को निशाना नहीं बना सकते... एंकर की शिकायत ये है कि एक समुदाय के लोग सिविल सेवाओं में आ रहे हैं... क्या एक आजाद समाज में ऐसे कार्यक्रम मंजूरी किए जा सकते हैं?"

जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा, 5 अक्टूबर को अगली सुनवाई

आज सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मामले में कानून के हिसाब से कार्रवाई करने और और कार्रवाई के बारे में कोर्ट को सूचित करने को कहा। मामले में अगली सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी और तब तक कार्यक्रम पर रोक लगी रहेगी।

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मुकुल तोमर
मुकुल तोमर
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IIMC से पढ़ाई के बाद पिछले चार साल से नौकरी। 2019 की शुरूआत से न्यूजबाइट्स के साथ। दिल्ली के दंगों से अमेरिका के प्रदर्शनों और चीन के पंगों तक, वैश्विक और राजनीतिक महत्व की हर बड़ी हलचल पर नजर। खबर के नाम पर "ज्ञान" देने से बचता हूं।
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