सीरम इंस्टीट्यूट को मिली कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V बनाने की प्रारंभिक मंजूरी
पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को रूस द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक-V के उत्पादन की मंजूरी मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कंपनी को इस संबंध में प्रारंभिक मंजूरी दे दी है। कंपनी पुणे के हडपसर स्थित प्लांट में इसका उत्पादन करेगी। हालांकि, वैक्सीन का उत्पादन शुरू होने में अभी काफी वक्त लग सकता है क्योंकि कंपनी पहले इसका परीक्षण और फिर नतीजों की समीक्षा आदि करेगी।
अभी सिर्फ टेस्टिंग के लिए उत्पादन करेगी SII
सीरम इंस्टीट्यूट ने इस वैक्सीन के उत्पादन के लिए रूस के गामालेया रिसर्स इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी के साथ करार किया है। कंपनी को फिलहाल इस वैक्सीन का टेस्ट लाइसेंस दिया गया है। इसका मतलब यह है कि सीरम इंस्टीट्यूट टेस्टिंग के लिए वैक्सीन का उत्पादन कर सकती है, लेकिन अभी इसे बेचा नहीं जा सकेगा। सूत्रों ने बताया कि बिक्री के लिए उत्पादन शुरू करने में अभी SII को कई महीनों का वक्त लग सकता है।
कंपनी ने बुधवार को किया था आवेदन
SII ने स्पूतनिक-V का उत्पादन शुरू करने की मंजूरी के लिए बुधवार को आवेदन किया था। स्पूतनिक-V कंपनी द्वारा बनाई जाने वाली तीसरी कोरोना वायरस वैक्सीन होगी। SII पहले से ही एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड का उत्पादन कर रही है और कुछ ही दिनों में अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की कोवावैक्स वैक्सीन का उत्पादन शुरू कर देगी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि स्पूतनिक-V का उत्पादन शुरू होने तक उनका ध्यान कोविशील्ड और कोवावैक्स पर रहेगा।
अप्रैल में स्पूतनिक-V को मिली थी मंजूरी
स्पूतनिक-V को 13 अप्रैल को भारत में आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी। भारत इसे हरी झंडी दिखाने वाला 60वां देश था। यह अब तक सर्वाधिक मंजूरी पाने वाली दूसरी वैक्सीन है। इस वैक्सीन को सामान्य जुकाम करने वाले मानव एडिनोवायरस में जेनेटिक बदलाव करके तैयार किया गया है। कई देशों में हुए ट्रायल्स में स्पूतनिक-V को 91.6 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था और यह कोरोना की सबसे अधिक प्रभावी वैक्सीनों में शुमार है।
अगस्त से शुरू होगा बड़े स्तर पर उत्पादन
माना जा रहा है कि अगस्त में हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डीज लैब बड़े स्तर पर स्पूतनिक-V का उत्पादन शुरू कर देगी। उससे पहले रूस से इसका आयात किया जा रहा है। 1 मई को इसकी पहली खेप हैदराबाद पहुंची थी और इसका इस्तेमाल भी शुरू हो गया। अभी रूस से आयात की जा रही स्पूतनिक-V की कीमत 995 प्रति खुराक है। कंपनी का कहना है कि भारत में उत्पादन शुरू होने के बाद इसके दाम कम हो सकते हैं।
भारत में हर साल बनेंगी 85 करोड़ खुराकें
इस वैक्सीन को बनाने के लिए वित्तीय मदद देने वाले रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) के CEO किरिल दिमित्रीव ने कहा था कि भारत में हर साल इस वैक्सीन की 85 करोड़ खुराकों का उत्पादन किया जाएगा। DTE की रिपोर्ट के अनुसार, RDIF ने वैक्सीन का उत्पादन तेज करने के लिए डॉ रेड्डीज समेत पांच भारतीय कंपनियों से हाथ मिलाया है। इन कंपनियों में हेटेरो फार्मा, ग्लैंड फार्मा लिमिटेड, स्टेलिस बायोफार्मा प्राइवेट लिमिटेड और विरकोव बायोटेक लिमिटेड शामिल हैं।
स्पूतनिक लाइट को भी जल्द मिल सकती है मंजूरी
दो खुराकों वाली स्पूतनिक-V के एक खुराक वाले वर्जन स्पूतनिक लाइट को भी भारत में जल्द मंजूरी मिल सकती है। भारत सरकार स्पूतनिक-V की एक खुराक वाली वैक्सीन स्पूतनिक लाइट को जल्द लॉन्च करने की योजना बना रही है। सरकार ने इसके लिए सभी हितधारकों से आवेदन और नियामकीय मंजूरी की प्रक्रियाओं को फास्ट ट्रैक करने को कहा है। अगले 2-3 हफ्तों में इसकी मंजूरी के लिए DCGI के पास आवेदन किया जा सकता है।