भारत में मार्च-अप्रैल तक उपलब्ध हो सकती है रूस में बनी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V
क्या है खबर?
भारत में मार्च-अप्रैल तक रूस में बनी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-V उपलब्ध हो सकती है।
देश में इस वैक्सीन का उत्पादन कर रही फार्मा कंपनी डॉ रेड्डीज लैबोरेट्री फिलहाल इसके ट्रायल कर रही है। इसके दो चरण के ट्रायल पूरे हो चुके हैं।
हाल ही में द लैंसेट जर्नल में प्रकाशित तीसरे फेज के अंतरिम परिणामों के अनुसार, यह वैक्सीन कोरोना वायरस के खिलाफ 91.6 फीसदी प्रभावी साबित हुई है।
आइये, इस बारे में विस्तार जानते हैं।
पृष्ठभूमि
रूस में अगस्त में लॉन्च हो गई थी स्पूतनिक-V
मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार वैक्सीन स्पूतनिक-V का पहला क्लिनिक ट्रायल 18 जून को शुरू हुआ था।
इसमें 38 लोगों को खुराक दी गई थी। 20 जुलाई को आए ट्रायल के नतीजों में इसमे हिस्सा लेने वाले सभी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देखने को मिली थी।
इसके बाद रूस ने अगस्त में वैक्सीन लॉन्च करने का ऐलान किया था। भारत में डॉ रेड्डीज लैबोरेट्री इसके ट्रायल और उत्पादन कर रही है।
उम्मीद
मार्च-अप्रैल तक उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
NDTV से बात करते हुए डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज की फार्मा सर्विसेस के प्रमुख दीपक सपरा ने भरोसा जताया कि मार्च-अप्रैल तक स्पूतनिक-V वैक्सीनेशन के लिए उपलब्ध हो जाएगी।
उन्होंने कहा, "हमारा रूस के साझेदारों के साथ 12.5 करोड़ लोगों के वैक्सीन उत्पादन करने का समझौता हुआ है। यानी कंपनी वैक्सीन की 25 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगी।"
बता दें कि कंपनी ने पिछले महीने इसके तीसरे चरण के ट्रायल शुरू करने की मंजूरी मांगी थी।
बयान
कीमत को लेकर कंपनी का क्या कहना है?
भारत में अभी तक इस वैक्सीन की कीमत तय नहीं की गई है। इस बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में सपरा ने कहा कि कंपनी सरकार और निजी क्षेत्र के साझेदारों के साथ मिलकर इस दिशा में काम कर रही है।
कोरोना वैक्सीन
तरल और पाउडर रूप में उपलब्ध है स्पूतनिक-V
रूस में विकसित हुई यह वैक्सीन पाउडर और तरल दोनों अवस्थाओं में उपलब्ध है।
सपरा ने कहा कि तरल के रूप में इस वैक्सीन को -18 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किए जाने की जरूरत है। वहीं पाउडर को 2-8 डिग्री सेल्सियस पर स्टोर किया जा सकता है। इसके लिए स्टेबिलिटी टेस्ट किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि एक बार ट्रायल के डाटा सामने आने के बाद कंपनी इसे 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान पर दुनियाभर में पहुंचा सकती है।
सुरक्षा
वैक्सीन के दो साल तक सुरक्षा प्रदान करने का दावा
वैक्सीन को तैयार करने वाले गामालेया इंस्टीट्यूट ने दिसंबर में दावा किया था कि स्पूतनिक-V कोरोना वायरस के खिलाफ दो साल तक सुरक्षा दे सकती है।
गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के प्रमुख अलेक्जेंडर गेन्सबर्ग ने कहा था कि अब तक किए गए अध्ययनों में सामने आया है कि कि स्पूतनिक-V करीब दो साल तक कोरोना महामारी से सुरक्षा प्रदान करेगी।
हालांकि, उस वक्त उन्होंने इस संबंध में और अध्ययनों की भी जरूरत बताई थी।
वैक्सीनेशन अभियान
भारत में दो वैक्सीनों के सहारे चल रहा वैक्सीनेशन अभियान
भारत में 16 जनवरी से दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान शुरू हुआ था।
इस अभियान के शुरुआती दौर में तीन चरणों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। फिलहाल पहले चरण में एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन लगाने का काम चल रहा है।
भारत में वैक्सीनेशन अभियान के दौरान सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सिन का इस्तेमाल किया जा रहा है।
अभी तक 40 लाख से अधिक लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।