कोरोना वायरस: अगले साल से रूसी वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' की 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगा भारत
कोरोना वायरस के खिलाफ रूस द्वारा तैयार की गई वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' के भारत में उत्पादन को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल, रूस का प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) भारत में वैक्सीन के उत्पादन के लिए हैदराबाद की हेट्रो बायोफार्मा से करार कर रहा है। इसके पूरा होने के बाद भारत साल 2021 से 'स्पूतनिक-V' की प्रति वर्ष 100 मिलियान यानी 10 करोड़ खुराकों का उत्पादन करेगा। जिससे अन्य देशों में सप्लाई आसान हो सकेगी।
95 प्रतिशत प्रभावी मिली है 'स्पूतनिक-V' वैक्सीन
बता दें कि 'स्पूतनिक-V' मानव एडेनोवायरल के बेहतर तरीके से अध्ययन किए गए प्लेटफॉर्म पर आधारित है। इसे तैयार करने वाले मास्को के गामालेया इंस्टीट्यूट ने गत 24 नवंबर को वैक्सनी के 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। रूस का कहना है कि दूसरे अंतरिम विश्लेषण में चौंकाने वाले परिणाम आए हैं। वॉलेंटियरों को पहली खुराक दिए जाने के 28 दिन बाद वैक्सीन 91.4 प्रतिशत और 42 दिन बाद 95 प्रतिशत प्रभावी मिली है।
भारत में वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मिली मंजूरी
वैक्सीन का वर्तमान में बेलारूस, संयुक्त अरब अमीरात, वेनेजुएला और अन्य देशों में तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है। इसी तरह भारत में भी इसके दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी मिल गई है। इसको लेकर रूस से वैक्सीन भी भारत पहुंच चुकी है। गामालेया रिसर्च इंस्टिट्यूट और RDIF ने इस वैक्सीन के भारत में ट्रायल और वितरण के लिए हैदराबाद की डॉ रेड्डीज लैबोरेट्रीज से करार किया है और ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है।
50 से अधिक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराएगा भारत
भारत में होने वाले 'स्पूतनिक-V' के उत्पादन से ब्राजील, चीन, दक्षिण कोरिया के साथ करीब 50 देशों को सप्लाई की जाएगी। इन देशों ने रूस को 1.2 बिलियन यानी 1,200 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है। ऐसे में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाया जा रहा है।
रूस ने वैक्सीन के आपातकालीन मंजूरी के लिए किया आवेदन
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के महानिदेशक अलेक्जेंडर गेन्सबर्ग ने एक ईमेल के जरिए बताया कि RDIF ने वैक्सीन की आपातकालीन मंजूरी सूचीकरण (EUL) और पूर्व योग्यता जांच के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को आवेदन भेज दिया है। बता दें कि WHO की EUL प्रक्रिया सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थितियों के दौरान नए या बिना लाइसेंस वाली दवाइयों के वैश्विक उपयोग के लिए अनुमोदन को सुव्यवस्थित करती है।
प्रभावी वैक्सीन मिलने तक जारी रखनी होगी सावधानियां- खेत्रपाल सिंह
वैक्सीन को लेकर WHO के दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा, 'अब उम्मीद यह है कि अनेका प्रयासों और परीक्षणों के बाद महामारी को खत्म करने के लिए कारगर वैक्सीन मिल जाए। उन्होंने जिस गति से वैक्सीन का विकास हुआ है उसी गति से वितरित भी होनी चाहिए।' उन्होंने आगे कहा कि जब तक एक प्रभावी वैक्सीन सभी लोगों तक नहीं पहुंच जाती है, तब तक सभी को आवश्यक सवाधानियां बरतनी होगी।
मानव एडेनोवायरल के दो वैक्टरों पर आधारित है वैक्सीन
'स्पूतनिक-V' मानव ऐडेनोवारयल आधारित वैक्सीन उम्मीदवार है। इसमें मानव ऐडेनोवारयल के Ad5 और Ad26 के लिए दो अलग-अलग वैक्टर का उपयोग कर इंजेक्शन तैयार किए गए हैं। इन दोनों एडेनोवायरल वैक्टरों को आनुवांशिक रूप से संशोधित किया गया है। इसका कारण यह था कि इससे संक्रमण को मजबूत करने के लिए दीर्घकालीन प्रतिक्रिया को टि्रगर नहीं किया जा सके। इसमें दोनों खुराकें एक ही वेक्टर वाली दी जाएगी। इससे यह अधिक प्रभावी साबित होगी।
भारत में वैक्सीन का निर्माण होने से पहुंच होगी आसान- रेड्डी
RDIF से होने वाले करार को लेकर हेट्रो लैब्स लिमिटेड के निदेशक बी मुरली कृष्ण रेड्डी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर वैक्सीन का उत्पादन होने से मरीजों तक इसकी पहुंच आसान हो सकेगी। यह सहयोग कोरोना महामारी के खिलाफ जारी देश की लड़ाई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक-इन-इंडिया अभियान को सार्थक बनाने की ओर से एक बेहतरीन कदम है। उन्होंने कहा कि करार की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद वह उत्पादन शुरू करेंगे।
दुनिया और भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 43,082 नए मामले सामने आए और 492 मरीजों की मौत हुई।देश में कुल संक्रमितों की संख्या 93,09,787 हो गई है, वहीं 1,35,715 मरीजों की मौत हो गई। सक्रिय मामलों की संख्या 4,55,555 हो गई है। इसी तरह दुनियाभर में करीब 6.08 करोड़ लोग संक्रमित हैं। इनमें से 14.30 लाख की मौत हो गई। अमेरिका में 1.28 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग 2.63 लाख लोगों की मौत हुई है।