उत्तर प्रदेश: स्थानीय निवासियों को ही लगाई जा रही है कोरोना वैक्सीन, प्रवासियों की बढ़ी परेशानी
क्या है खबर?
देश के वैक्सीनेशन अभियान का तीसरा चरण 1 मई से शुरू हो गया था। इसमें 18 साल से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में भी तीसरा चरण शुरू हो गया है, लेकिन इसी बीच राज्य सरकार ने एक आदेश ने प्रवासियों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी वैक्सीन केंद्रों पर राज्य के स्थानीय निवासियों के ही वैक्सीन लगाने का आदेश जारी किया है।
आदेश
उत्तर प्रदेश सरकार ने जारी किया यह आदेश
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने सभी जिला कलक्टर और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा है कि वैक्सीनेशन अभियान के तीसरे चरण में ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा होने के कारण अन्य राज्यों के लोग केंद्रों पर पहुंचकर वैक्सीन लगवा रहे हैं।
इससे राज्य के लोगों को इसका पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में 18-44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने से पहले उनके स्थानीय राज्य की पुष्टि की जाए।
सुबूत
वैक्सीन लगाने से पहले मांगा जा रहा है स्थानीय निवासी होने का सुबूत
इंडिया टुडे के अनुसार वैक्सीनेशन केंद्रों पर पहुंचने के बाद कर्मचारियों द्वारा लोगों से स्थानीय निवासी होने के सुबूत मांगा जा रहा है। इसमें लोगों से आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र जैसे एड्रेस प्रूफ मांगे जा रहे हैं। जिन लोगों को स्थानीय निवासी होने का पता नहीं है, उन्हें वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है।
इससे राज्य में प्रवासी मजदूरों के सामने वैक्सीन लगवाने को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो गई है।
कारण
सरकार ने आदेश जारी करने के पीछे यह बताया कारण
मिशन निदेशक की ओर से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि 18-44 आयु वर्ग के लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से वैक्सीन की खरीद की जा रही है।
इसी तरह सरकार ने मुफ्त वैक्सीन का भी ऐलान किया है। ऐसे में राज्य सरकार द्वारा खरीदी गई वैक्सीन केवल राज्य के स्थानीय निवासियों को ही लगाई जाएगी।
इसको लेकर सभी सरकारी वैक्सीन केंद्रों पर आने वाले लोगों से पहचान पत्र मांगा जाएगा।
जानकारी
केंद्र सरकार की गाइडलाइंस में नहीं है स्थानीय निवासी होने की शर्त
बता दें कि वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस में किसी भी राज्य का स्थानीय निवासी होने की शर्त नहीं रखी गई है। इसके अनुसार कोई भी व्यक्ति कोविन (CoWin) वेबसाइट पर पंजीयन कराकर कहीं भी वैक्सीन लगवा सकता है।
वैक्सीनेशन
उत्तर प्रदेश के इन 18 जिलों में शुरू हुआ वैक्सीनेशन
उत्तर प्रदेश में सोमवार से 18 जिलों में वैक्सीनशन का तीसरा चरण शुरू हो गया। अभी तक लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, मेरठ, गोरखपुर और बरेली में ही 18-44 साल के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है।
सोमवार से गाजियाबाद, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, मथुरा, सहारनपुर, मुरादाबाद, आगरा, अलीगढ़, झांसी, अयोध्या और नोएडा में भी वैक्सीन लगाई जा रही है।
लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, आगरा और बरेली में प्रतिदिन 4,000-4,000, गाजियाबाद और सहारनपुर में 3,100-3,100 और नोएडा और मुरादाबाद में 2,800-2,800 वैक्सीन लगेगी।
परेशानी
"स्थानीय निवासी नहीं होने की वजह से नहीं लगाई जा रही है वैक्सीन"
नोएडा में प्रवासी मजबूर सुमित राजवंशी (28) ने कहा कि वह उत्तर प्रदेश का मूल निवासी है और यहां पर कार्य करते हैं। उनके पास स्थानीय निवासी होने का सुबूत नहीं होने के कारण वैक्सीन नहीं लगाई जा रही है। दिल्ली-NCR में काम करने वाले अन्य राज्यों के लोगों के साथ भी यही परेशानी है।
उन्होंने कहा कि वह अब वैक्सीन के लिए अपने राज्य में जाएंगे। गाजियाबाद में भी प्रवासी मजदूरों को इन्हीं परेशानियों से जूझना पड़ रहा है।
संक्रमण
उत्तर प्रदेश में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का संक्रमण अभी थमने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में रविवार को संक्रमण के 23,175 नए मामले सामने आए हैं और 294 लोगों की मौत हुई है।
इसी के साथ राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 15,03,490 पर पहुंच गई है। इनमें से अब तक 15,464 की मौत हो चुकी है और 12,54,045 लोग उपचार के बाद ठीक हो गए। राज्य में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 2,33,981 पर पहुंच गई है।