कोरोना वायरस: रूस की वैक्सीन के बड़े स्तर पर ट्रायल की मंजूरी नहीं देगा भारत
भारत में रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक 5 का बड़े स्तर पर ट्रायल नहीं होगा। दरअसल, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) ने फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज को इस वैक्सीन के तीसरे चरण के इंसानी ट्रायल करने की मंजूरी नहीं दी है। इसकी वजह यह है कि इसके शुरुआती ट्रायल विदेशी आबादी के एक छोटे समूह पर किए गए थे। ऐसे में सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
अगस्त में रूस ने किया था वैक्सीन बनाने का दावा
अगस्त में रूस ने दावा किया था कि उसने कोरोना वायरस के इलाज में प्रभावी वैक्सीन तैयार कर ली है। राष्ट्रीय पुतिन की बेटी को इसकी पहली खुराक दी गई थी। इसके बाद पिछले महीने भारत की फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्री ने रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ समझौता किया था। इसके तहत भारत में इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल की जिम्मेदारी डॉक्टर रेड्डीज को सौंपी गई थी। इनके लिए कंपनी ने मंजूरी मांगी थी।
जानकारों ने उठाए हैं वैक्सीन पर सवाल
इसी बीच रूस की इस वैक्सीन पर कई सवाल भी उठे। कई जानकारों का कहना था कि रूस ने वैक्सीन लॉन्च करने के लिए तय प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है और यह लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। बीते रविवार को केंद्रीय स्वास्थय मंत्री हर्षवर्धन ने भी इस बात की तरफ इशारा किया था कि भारत में अभी तक इस वैक्सीन के तीसरे चरण के लिए मंजूरी नहीं दी गई है।
भारत के लोगों के हितों में लिया जाएगा फैसला- हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने ट्वीट किया था कि कोरोना वायरस वैक्सीन स्पूतनिक 5 पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। मोदी सरकार वही फैसला लेगी, जो भारत के लोगों के हित में होगा। दूसरी तरफ रूस का कहना है कि यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। रूस में लगभग 40,000 लोगों पर इसका तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। वहां 1 सितंबर से यह ट्रायल शुरू हुआ था और अगले कुछ महीनों में इसके नतीजे सामने होंगे।
डॉक्टर रेड्डीज को पहले छोटे स्तर के ट्रायल करने की सलाह
डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज के प्रस्ताव पर विचार करने वाली समिति ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया गया है कि कंपनी को नियामकीय जरूरतों का पालन करते हुए गहन देखरेख में 2/3 चरण का ट्रायल करना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी को सीधा तीसरे चरण का ट्रायल शुरू करने की जगह पहले छोटे स्तर पर ट्रायल करने की सलाह दी गई है। हालांकि, इससे वैक्सीन को हरी झंडी मिलने में ज्यादा समय लग सकता है।
भारत में अन्य वैक्सीन का ट्रायल कहां तक पहुंचा?
भारत में फिलहाल कोरोना वायरस की तीन संभावित वैक्सीन का ट्रायल जारी है। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) एस्ट्रेजेनेका के साथ मिलकर ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की संभावित वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल कर रही है। भारत में इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से जाना जा रहा है। वहीं भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन इंसानी ट्रायल के दूसरे चरण में पहुंच चुकी हैं। ये दोनों स्वदेशी वैक्सीन हैं।