शाहीन बाग पहुंचे सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त वार्ताकार, कहा- दूसरों को भी अधिकार, मिलकर समाधान निकालेंगे
शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त किए दोनों वार्तकार बुधवार को प्रदर्शनस्थल पर पहुंचे। इन्हें प्रदर्शनकारियों से बात कर उन्हें सड़क से प्रदर्शन हटाने के लिए मनाना है। दो दिन पहले हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन को मौलिक अधिकार बताते हुए वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को वार्ताकर नियुक्त किया था। इसी सिलसिले में दोनों वार्ताकार शाहीन बाग पहुंचे थे। आइये, इस बारे में विस्तार से जानते हैं।
शाहीन बाग में क्यों हो रहा है प्रदर्शन?
मोदी सरकार द्वारा लाए गए नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शनकारी 15 दिसंबर से धरने पर बैठे हैं। ये प्रदर्शनकारी शाहीन बाग में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क पर जमे हुए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक सरकार यह कानून वापस नहीं लेती वो यहां से हटेंगे नहीं। सरकार ने कई मौकों पर प्रदर्शनकारियों से बातचीत की बात कही है, लेकिन अभी तक कोई बात नहीं हो पाई है।
सबकी बात सुनेंगे- हेगड़े
शाहीन बाग पहुंचे संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा, "हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यहां आए हैं। हम सबसे बात करेंगे। हमें उम्मीद है कि हम सबके सहयोग से इस मुद्दे का समाधान निकालने में कामयाब होंगे।"
प्रदर्शनकारियों के बीच हेगड़े और रामचंद्रन
रामचंद्रन ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट का फैसला पढ़ते हुए रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से कहा, "सुप्रीम कोर्ट का आदेश आपके प्रदर्शन के अधिकार को मानता है, लेकिन इसके चलते अवरूद्ध पैदा हो रहा है। यह लोगों के आम जीवन में बाधा पहुंचा रहा है। जितना हक आपका प्रदर्शन करने का है, उतना ही हक उनको बिना किसी बाधा के जीने का है। एक देश के तौर पर हमें एक-दूसरे के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। हमें मिलकर इसका समाधान करना चाहिए।"
जनहित याचिकाओं पर हो रही सुनवाई
शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों से हटाने के लिए वकील अमित साहनी और दिल्ली भाजपा के नेता नंद किशोर गर्ग ने जनहित याचिका दायर की थी। इसमें सड़क बंद होने के कारण लोगों को हो रही परेशानियों का हवाला दिया गया था। इस पर सुनवाई करते हुए बेंच ने कहा था किसी को जाकर प्रदर्शनकारियों को सड़क खाली करने के लिए मनाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने पुलिस से इसके विकल्पों की जानकारी भी मांगी थी।
हर कोई सड़क पर उतरने लगा तो क्या होगा- कोर्ट
सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि लोगों को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है। कोर्ट अधिकारों की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं हैं। लोकतंत्र में अपनी आवाज जरूर पहुंचाएं। असली समस्या ट्रैफिक को लेकर है। हर कोई सड़क पर उतरने लगे तो क्या होगा? कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों के वकील से कहा कि अगर आपकी मांग जायज भी है तो आप रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं।
24 फरवरी को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नियम के मुताबिक, प्रदर्शन करने की जगह जंतर-मंतर है। शाहीन बाग का मामला जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है। अब इसकी अगली सुनवाई 24 फरवरी को होगी।