मुंबई: कैब में बैठकर CAA की बात कर रहा था कवि, थाने ले गया ड्राइवर
क्या है खबर?
जयपुर के रहने वाले 23 वर्षीय कवि बप्पादित्य सरकार को उबर कैब में बैठकर नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बारे में बात करना महंगा पड़ गया।
सरकार ने कहा कि इस वजह से बुधवार रात को मुंबई पुलिस ने उनसे दो घंटे तक पूछताछ की थी।
दरअसल, सरकार मुंबई में उबर कैब में सफर करते हुए नागरिकता कानून को लेकर चल रहे प्रदर्शनों की बात कर रहे थे, जिसके बाद कैब का ड्राइवर उन्हें पुलिस थाने ले गया।
जानकारी
पुलिस ने की घटना की पुष्टि
पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि सरकार और कैब के ड्राइवर को वापस भेज दिया गया है क्योंकि यह कोई संज्ञेय अपराध नहीं था। वहीं उबर ने कहा कि वह इस मामले की जांच कर रही है।
मामला
अपने दोस्त से प्रदर्शनों की संस्कृति पर बात कर रहे थे सरकार
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, 3 फरवरी से सरकार काला घोड़ा फेस्टिवल में शामिल होने के लिए मुंबई में हैं। उन्होंने जुहू बीच से कुर्ला जाने के लिए बुधवार रात 11 बजे कैब बुक की।
कैब में बैठने के बाद उन्होंने जयपुर में अपने दोस्त को फोन लगाया।
सरकार ने बताया, "मैं अपने दोस्त से प्रदर्शनों की संस्कृति, शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन और जयपुर के प्रदर्शन को मजबूत बनाने के लिए बात कर रहा था।"
जानकारी
ATM जाने का बहाना लेकर थाने गया ड्राइवर
सरकार ने बताया कि कैब में बैठने के 20 मिनट बाद ड्राइवर रोहित सिंह कार को सांता क्रूज पुलिस थाने के पास रोका और ATM से पैसे लेने का बहाना बनाकर उतर गया। थोड़ी देर बार रोहित दो पुलिसकर्मियों के साथ वापस लौटे।
बयान
ड्राइवर ने रिकॉर्ड की बातें- सरकार
रोहित ने पुलिसकर्मियों को बताया कि उन्होंने सरकार की बातें रिकॉर्ड कर ली है।
सरकार ने कहा कि रोहित ने पुलिस को बताया, "ये देश जलाने की बात कर रहा है। बोल रहा है कि मैं कम्यूनिस्ट हूं। हम देश को शाहीन बाग बना देंगे। मेरे पास पूरी रिकॉर्डिंग है।"
सरकार ने कहा, "मैंने पुलिसकर्मियों को कहा कि अगर मैंने देश जलाने की या ऐसी कोई भी और भड़काऊ बात की है तो मुझे गिरफ्तार कर लिया जाए।"
मामला
ड्राइवर ने सरकार को थाने ले जाने की बताई यह वजह
सरकार ने बताया कि जब उन्होंने रोहित को पूछा कि वो उन्हें पुलिस थाने क्यों लेकर आए हैं तो रोहित ने जवाब दिया, "तुम देश बर्बाद कर दोगे और हम देखते रहेंगे? मैं कहीं और ले जा सकता था तुझे, शुक्र मनाओ पुलिस थाने लाया हूं।"
सरकार ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने लगभग दो-ढाई घंटे तक उनसे पूछताछ की। पुलिस ने उसने कम्यूनिज्म, नागरिकता कानून, मुंबई बाग और शाहीन बाग के प्रदर्शनों पर विचार पूछे।
पूछताछ
कोई संज्ञेय अपराध नहीं बना- पुलिस
हालांकि, मुंबई पुलिस ने ये सवाल पूछने की बात से इनकार किया है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "ड्राइवर और यात्री थाने आए थे। उनसे आम सवाल पूछे गए कि वो कहां जा रहे हैं। कोई संज्ञेय अपराध नहीं बना और उन्हें जाने दिया गया।"
वहीं, सरकार ने कहा कि दो घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया।
उन्होंने कहा, "यह दिखाता है कि हम फासीवादी सत्ता में रह रहे हैं। नागरिकता कानून गरीबों के खिलाफ है।"
जानकारी
उबर से सरकार से मांगी माफी
गुरुवार को उबर ने पर पूरे घटनाक्रम पर सरकार से माफी मांगी है और उन्हें ड्राइवर पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उबर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी ड्राइवर और यात्री, दोनों के संपर्क में है और घटना की जांच चल रही है।
कानून
क्या है नागरिकता कानून?
संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन कानून को हरी झंडी दिखाई गई थी। इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, पारसी, बौद्ध, जैन और ईसाई समुदाय को लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकेगी।
मुसलमानों को इस कानून से बाहर रखने पर देशभर में इसका विरोध भी हुआ। कई जगहों पर अभी भी विरोध-प्रदर्शन जारी है।