सुप्रीम कोर्ट में महात्मा गांधी को भारत रत्न देने की याचिका, कोर्ट ने दिया ये जवाब
क्या है खबर?
सु्प्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को महात्मा गांधी को भारत रत्न दिए जाने की मांग करने वाली एक याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को उसके बजाय केंद्र सरकार के पास जाने को कहा।
बता दें कि भारत रत्न देने की प्रक्रिया में सुप्रीम कोर्ट का कोई भूमिका नहीं है और केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति भारत रत्न देते हैं।
इसी कारण कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को केंद्र सरकार के पास जाने को कहा है।
सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम आपकी भावनाओं से सहमत
मुख्य न्यायाधीश (CJI) एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट बेंच ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि वो उनकी भावनाओं से सहमत है, लेकिन ये नीति का मामला है।
बेंच ने कहा, "हम आपसे सहमत हैं और आपकी भावनाओं को साझा करते हैं लेकिन ये नीति का मामला है। अपनी मांग सरकार के सामने रखें।"
बेंच ने कहा कि राष्ट्रपति होने के नाते महात्मा गांधी इन "औपचारिक सम्मान" से परे हैं।
कारण
क्यों नहीं मिला महात्मा गांधी को भारत रत्न?
कई लोगों को ये जानकर आश्चर्य हो सकता है कि भारतीय नोटों पर तस्वीर होने और राष्ट्रपिता का दर्जा प्राप्त होने के बावजदू महात्मा गांधी को भारत रत्न नहीं मिला है।
दरअसल, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में एक प्रथा के तौर पर मरणोपरांत किसी को भी भारत रत्न नहीं दिया गया था।
चूंकि 1950 में संविधान लागू होने से पहले ही 26 जनवरी, 1948 को उनकी हत्या हो गई थी, इसलिए उन्हें भारत रत्न नहीं मिला।
जानकारी
सावरकर को भारत रत्न देने की भी मांग
महात्मा गांधी को भारत रत्न देने संबंधी ये याचिका ऐसे समय पर दायर की गई थी जब वैचारिक रूप से उनके खिलाफ रहे वीडी सावरकर को भारत रत्न देने की मांग भी उठ रही है। शिवसेना और भाजपा ये मांग कर रही हैं।