सरकार ने किया स्पष्ट, NPR में माता-पिता के जन्म संबंधी सवाल होंगे वैकल्पिक
क्या है खबर?
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को लेकर हो रहे विवाद के बीच बुधवार को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि प्रक्रिया के दौरान माता-पिता की जन्म तिथि और जन्म स्थान के सवाल वैकल्पिक होंगे और जिसे भी इनकी जानकारी नहीं होगी उसके लिए इन सवालों को हटा दिया जाएगा।
केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ये जानकारी दी।
बयान
जावड़ेकर बोले, याद नहीं तो मत दीजिए माता-पिता के जन्म संबंधी जानकारी
मीडिया के साथ बातचीत में मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करते हुए जावड़ेकर ने कहा, "जब मैंने आपको NPR के बारे में जानकारी दी थी, तभी मैंने आपको स्पष्टता से बताया था कि इसमें कई ऐसे सवाल हैं जो वैकल्पिक हैं। अगर आपको अपने पिता और माता के जन्म का स्थान और तिथि याद है तो वो दीजिए, अगर आपको याद नहीं है तो मत दीजिए... जो लोग ये जानकारी नहीं देना चाहेंगे उन्हीं के लिए ये सवाल हटाया जाएगा।"
जानकारी
रामविलास पासवान के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जावड़ेकर
जावड़ेकर ने ये बात केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के उस बयान के जवाब में कही जिसमें उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार माता-पिता के जन्म स्थान और जन्म तिथि से संबंधित सवाल को हटाने पर विचार कर सकती है।
बयान
क्या कहा था पासवान ने?
'इंडियन एक्सप्रेस' से बात करते हुए पासवान ने कहा था, "जो डेट ऑफ बर्थ है किसी व्यक्ति की या उसके माता-पिता की, उसके लिए डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए और नहीं होगी। उसके कारण से किसी का सिटिजनशिप थोड़े ही ले सकते हैं। सरकार ने भी बार-बार ये बात कही है। अगर आपको अपने माता-पिता की डेट ऑफ बर्थ नहीं पता है तो उस कॉलम को खाली छोड़ा जाएगा।"
NPR प्रक्रिया
NPR के दौरान पूछे जाएंगे 21 सवाल
NPR के तहत देश में रह रहे निवासियों की एक सूची तैयार की जानी है।
इसमें लोगों से 21 तरह की जानकारियां मांगी जाएंगी जिसमें माता-पिता के जन्म स्थान और तिथि की जानकारी भी शामिल है।
इस डाटा के आधार पर स्थानीय निवासियों (Usual residents) और 'संदिग्ध नागरिकों' को अलग-अलग किया जाएगा और संदिग्ध नागरिकों को उनकी नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस भेजा जाएगा।
इस आखिरी चरण को ही NRC कहा जाता है।
सवाल
माता-पिता के जन्म संबंधी जानकारी मांगे जाने पर इसलिए उठ रहे सवाल
विरोधियों का आरोप है कि मोदी सरकार NPR के जरिए NRC का आधार तैयार कर रही है और ये देशव्यापी NRC का पहला चरण है।
माता-पिता के जन्म स्थान और तिथि के सवालों को लेकर विशेष तौर पर सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि नागरिकता कानून के मुताबिक 1987 के बाद से भारत में जन्मे व्यक्ति के माता-पिता में से एक का भारतीय नागरिक होना जरूरी है।
इसी कारण इस सवाल को लेकर लोगों के मन में शंकाएं हैं।