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क्या PFI से जुड़े हैं AAP नेता संजय सिंह और कांग्रेस नेता उदित राज के तार?
अंतिम अपडेट Feb 06, 2020, 07:18 pm
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नागरिका संशोधन कानून (CAA) के विरोध में देशभर में हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रवर्तन निदेशान (ED) ने अब बड़ा दावा किया है।
प्रवर्तन निदेशालय ने CAA के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले 50 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन के लिए फंडिंग के मामले में तैयार की गई रिपोर्ट में AAP नेता संजय सिंह और कांग्रेस नेता उदित राज के पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से तार जुड़े होने का दावा किया है।
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इस खबर मेंPFI के दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद का है AAP और कांग्रेस नेता से संपर्क 100 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुपों में सक्रिय है PFI दिल्ली का अध्यक्ष प्रवर्तन निदेशालय ने PFI को लेकर किया था बड़ा खुलासा राज्य सरकारों की मांग पर PFI को बैन करने पर विचार कर रही केंद्र सरकार 50 दिनों से शाहीन बाग पर चल रहा है धरना प्रदर्शन 14 साल पहले अस्तित्व में आया था PFI
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दावा
PFI के दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद का है AAP और कांग्रेस नेता से संपर्क
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प्रवर्तन निदेशालय के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि रिपोर्ट में PFI के दिल्ली अध्यक्ष परवेज अहमद का AAP नेता संजय सिंह और कांग्रेस नेता उदित राज से सीधा संपर्क होने की बात कही गई है।
उन्होंने दावा किया कि परवेज अहमद न केवल शाहीन बाग में चले प्रदर्शन में लगातार शामिल हो रहे थे, बल्कि AAP और कांग्रेस नेता के साथ बैठक, फोन और व्हाट्सऐप के जरिए लगातार संपर्क कर रहे थे।
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व्हाट्सऐप ग्रूप
100 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुपों में सक्रिय है PFI दिल्ली का अध्यक्ष
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प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी ने बताया कि PFI दिल्ली का अध्यक्ष परवेज अहमद 100 से अधिक व्हाट्सऐप ग्रुपों में सक्रिय है। इनमें 'मुस्लिम नेतृत्व का एकीकरण' और 'भीम आर्मी टॉप-100' ग्रुप प्रमुख है।
अधिकारी के अनुसार वर्तमान में शाहीन बाग स्थित PFI मुख्यालय में संगठन की कुल फंडिंग का दो-तिहाई हिस्सा रखा हुआ है और विरोध में उसका उपयोग किया जा रहा है।
मतदान से दो दिन पहले किए गए इस खुलासे ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
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पुराना मामला
प्रवर्तन निदेशालय ने PFI को लेकर किया था बड़ा खुलासा
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प्रवर्तन निदेशालय ने गत 27 जनवरी को भी PFI को लेकर दावा किया था कि CAA को लेकर देशभर में हुई हिंसा के लिए PFI ने 120 करोड़ रुपये का फंड उपलब्ध कराया था।
उस दौरान कहा गया था कि PFI ने 4 दिसंबर से 6 जनवरी के बीच पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 73 सिंडिकेट बैंकों में 120 करोड़ रुपये जमा कराए थे। वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को भी 77 लाख रुपये दिए जाने का दावा किया था।
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प्रतिबंध
राज्य सरकारों की मांग पर PFI को बैन करने पर विचार कर रही केंद्र सरकार
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CAA के विरोध में गत 19 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में हिंसा भड़क गई थी। इसमें दो दर्जन लोगों की मौत की खबर सामने आई थी और पांच दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
इसमें PFI का हाथ होने की बात उठी थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठन पर बैन लगाने की मांग की थी।
ऐसी ही मांग असम सरकार ने भी की थी। अब केंद्र राज्यों की मांग पर विचार कर रहा है।
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शाहीन बाग प्रदर्शन
50 दिनों से शाहीन बाग पर चल रहा है धरना प्रदर्शन
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CAA के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में गत 15 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इस प्रदर्शन में अधिकतर महिलाएं शामिल हैं।
हालांकि, भाजपा नेताओं ने इस धरने में विपक्षी पार्टियों द्वारा सहयोग किए जाने का आरोप लगाया था।
ऐसे समय में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी की ओर से किए गए इस खुलासे से राजनीतिक तूफान आने की संभावना है।
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क्या है PFI?
14 साल पहले अस्तित्व में आया था PFI
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PFI एक चरमपंथी इस्लामिक संगठन है और यह खुद को पिछड़ों व अल्पसंख्यकों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन बताता है।
यह संगठन 22 नवंबर, 2006 को केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (NDF) के मुख्य संगठन के रूप में सामने आया था।
उस दौरान संगठन ने दिल्ली के राम लीला मैदान में नेशनल पॉलिटिकल कांफ्रेंस आयोजित कर सुर्खियां भी बटोरी थी। केरल के कालीकट से निकले इस संगठन का मुख्यालय दिल्ली के शाहीन बाग में है।