शाहीन बाग पर SC- अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकता विरोध-प्रदर्शन; सड़कें बंद करना उचित नहीं
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता कानून के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के मामले पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करने के लिए जगह ऐसी होनी चाहिए, जहां दूसरों को परेशानी न हो। धरना प्रदर्शन अनिश्चितकाल के लिए नहीं हो सकता। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को हटाने से संबंधित कोई आदेश पारित नहीं किया और कहा इस तरह अनिश्चितकाल के लिए सड़कों को बंद करना उचित नहीं है।
17 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
जनहित याचिका पर हुई थी सुनवाई
अधिवक्ता अमित साहनी ने शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए जनहित याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह प्रदर्शन 50 दिनों से अधिक समय से चल रहा है। कोर्ट इस पर सरकार का पक्ष भी सुनना चाहेगी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच ने कहा कि इस मामले में पुलिस और सरकार को पक्षकार बनाया गया है, ऐसे में उनकी बात सुनना भी जरूरी है।
दिल्ली चुनावों के कारण टली थी पहले सुनवाई
इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे दिल्ली चुनावों को देखते हुए टाल दिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा था कि शनिवार को दिल्ली में मतदान होना है। ऐसे में वह सुनवाई करते हुए इसे प्रभावित नहीं करना चाहती।
15 दिसंबर से चल रहा है शाहीन बाग में प्रदर्शन
शाहीन बाग में 15 दिसंबर से विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है और इसे महिलाओं का प्रदर्शन बताया जा रहा है। ये प्रदर्शनकारी कालिंदी कुंज के पास नोएडा को दिल्ली से जोड़ने वाली सड़क पर जमे हैं, जिस कारण सड़क पूरी तरह बंद है। प्रदर्शन कर रही महिलाओं को कहना है कि जब तक सरकार नागरिकता कानून को वापस नहीं लेगी वो वहां से उठेंगी नहीं।
दिल्ली हाई कोर्ट ने पुलिस को दिए थे यह निर्देश
अमित साहनी ने जनवरी में भी शाहीन बाग से धरना खत्म कराने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। गत 14 जनवरी को हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को कानून के तहत काम करते हुए कालिंदी कुंज और शाहीन बाग का रास्ता खुलवाने के निर्देश दिए थे। उसके बाद पुलिस ने शाहीन बाग पहुंचकर प्रदर्शनकारियों से एक तरफ का रास्ता खोलने की अपील की थी, लेकिन उसमें अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
दिल्ली चुनावों में खूब उछला था शाहीन बाग का मुद्दा
दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग का मुद्दा खूब उछला था। आम आदमी पार्टी के मनीष सिसोदिया ने शाहीन बाग के समर्थन में बयान दिया था। इसके बाद भाजपा ने इस लपकते हुए प्रदर्शनकारियों पर अपने हमले तेज कर दिये थे। पार्टी के उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने इसकी तुलना पाकिस्तान से की थी। वहीं भाजपा सांसद ने कहा था कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी जल्द ही दिल्ली के घरों में घुसेंगे और बहन-बेटियों का रेप कर उन्हें मारेंगे।
बच्चे की मौत पर दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस
इसके अलावा शाहीन बाग में प्रदर्शन के दौरान मासूम की मौत पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इस मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। दरअसल, एक प्रदर्शनकारी महिला के चार महीने के बच्चे की शाहीन बाग में मौत हो गई थी। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने प्रदर्शन के अधिकार की दुहाई पर फटकार लगाते हुए कहा कि चार महीने का बच्चा कैसे प्रदर्शन कर सकता है।