
अफगानिस्तान संकट पर प्रधानमंत्री मोदी ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक, मौजूदा हालातों पर की चर्चा
क्या है खबर?
तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा किए जाने के बाद उपजे संकट को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार शाम को अपने निवास पर सुरक्षा पर केंद्रीय समिति (CCS) की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई।
इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला सहित वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी शामिल हुए।
इसमें प्रधानमंत्री ने अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों पर चर्चा की।
कब्जा
तालिबान ने रविवार को किया था अफगानिस्तान पर कब्जा
तालिबान ने रविवार को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद राष्ट्रपति अशरफ देश छोड़कर ओमान चले गए थे।
विद्रोहियों ने राजधानी पहुंचने और सत्ता के शांतिपूर्ण परिवर्तन की मांग करने से पहले कुछ ही दिनों में कई प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया था।
सोमवार को काबुल हवाईअड्डे पर हृदयविदारक दृश्य देखने को मिले थे। हजारों लोग वहां से भागने की कोशिश कर रहे थे। अलग-अलग हादसों में कई लोगों की मौत हो गई।
जानकारी
भारतीय राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने दी अफगानिस्तान के हालातों की जानकारी
C-17 ग्लोबमास्टर विमान अफगानिस्तान से मंगलवार को भारत पहुंचे राजदूत रुद्रेंद्र टंडन ने CCS को अफगानिस्तान के मौजूदा हालातों की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में अफगानिस्तान में हालात बेहद नाजुक बने हुए हैं और लोग डरे हुए हैं।
इससे पहले सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी ने काबुल से भारतीय राजनयिक, कर्मचारी और लोगों को लेकर आए विमान की पल-पल की जानकारी ली। उन्होंने जामनगर में उतरे लोगों की माकूल व्यवस्था के निर्देश भी दिए।
प्रयास
"सभी प्रमुख देशों के साथ लगातार किया जा रहा है सम्पर्क"
NSA डोभाल ने कहा कि सरकार सभी प्रमुख देशों के साथ लगातार सम्पर्क में हैं। अफगानिस्तान में हालात तेज़ी से बदल रहे हैं और अशरफ गनी के देश छोड़ने के बाद साफ नहीं है कि नई सरकार का स्वरूप कैसा होगा। अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए लगातार प्रयास जारी है।
उन्होंने कहा कि भारतीयों को निकालने में आने वाली चुनौतियों को भी CCS के सामने रखा गया है। सरकार हर भारतीय को निकले के लिए तत्पर है।
धन्यवाद
विदेश मंत्री ने अफगानिस्तान में सहयोग करने वालों को दिया धन्यवाद
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर मौजूद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफगानिस्तान से भारतीय राजदूत और दूतावास के कर्मचारियों की वापसी बेहद मुश्किल और पेचीदा प्रक्रिया रही है।
उन्होंने अफगानिस्तान में सहयोग करने वाले सभी लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि सरकार अपने नागरिक और कर्मचारियों की सकुशल वापसी के लिए प्रतिबद्ध है।
राहत
भारत ने 120 भारतीयों को अफगानिस्तान से निकाला
तालिबान के कब्जे के बाद भारत ने काबुल स्थित अपने दूतावास को फिलहाल बंद कर दिया है और अपने सभी कर्मचारियों को वापस भारत बुला लिया है।
इसके लिए C-17 ग्लोबमास्टर विमान ने सुबह काबुल से 120 से अधिक यात्रियों को लेकर उड़ान भरी। यह विमान गुजरात के जामनगर में पहुंच चुका है। हालांकि, वहां अभी भी कुछ भारतीय फंसे हुए हैं।
इससे पहले सोमवार को भी राजनयिकों और सुरक्षा कर्मियों सहित करीब 40 भारतीय दिल्ली पहुंचे थे।
जानकारी
भारत ने अफगानिस्तानी नागरिकों को दी ई-वीजा की सुविधा
भारत सरकार ने संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान की हरसंभव मदद करने का प्रयास कर रही है। यही कारण है सरकार ने अफगानिस्तानी नागरिकों के लिए ई-वीजा की सुविधा भी शुरू की है। खास बात यह है कि इसमें धर्म की कोई बाध्यता नहीं है।
ऐलान
पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने खुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित किया
इधर, अफगानिस्तान में उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने ख़ुद को केयरटेकर राष्ट्रपति घोषित किया है।
उन्होंने ट्वीट किया, 'अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफा या मृत्यु होने की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं वर्तमान में देश में हूं और यहां की देखभाल करने वाला राष्ट्रपति हूं। मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं।'
इससे पहले उन्होंने तालिबान के आगे नहीं झुकने की बात कही थी।