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भारत ने काबुल दूतावास से अपने कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर कैसे निकाला?
भारत ने काबुल दूतावास से अपने कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर कैसे निकाला?

भारत ने काबुल दूतावास से अपने कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर कैसे निकाला?

Aug 17, 2021
12:40 pm

क्या है खबर?

भारत ने काबुल स्थित भारतीय दूतावास में फंसे अपने कर्मचारियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। हालांकि भारत के लिए इस अभियान को अंजाम देना आसान नहीं था और तालिबान भारतीय दूतावास पर नजर गड़ाए हुए बैठा था। तालिबान ने दूतावास के आसपास के ग्रीन जोन को भी तोड़ दिया था। आइए आपको बताते हैं कि इन मुश्किल परिस्थितियों के बीच भारत ने दूतावास के अपने कर्मचारियों को कैसे सुरक्षित बाहर निकाला।

पहला चरण

15 अगस्त को भेजे गए वायुसेना के दो विमान

15 अगस्त को तालिबान के काबुल में दाखिल होने के बाद भारत ने इसी दिन वायुसेना के दो C-17 विमान दूतावास में फंसे कर्मचारियों को सुरक्षित निकालने के लिए भेजे। इनमें विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों के अलावा दूतावास की सुरक्षा करने वाले भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के जवान भी शामिल थे। हालांकि 15-16 अगस्त की रात को स्थिति बेहद खराब हो गई और कर्मचारियों को सुरक्षित निकालना लगभग नामुमकिन हो गया।

जानकारी

वीजा एजेंसी पर तालिबान के छापे से बढ़ी असुरक्षा

इस बीच भारतीय कर्मचारियों में असुरक्षा की भावना तब और बढ़ गई जब तालिबान ने शाहिर वीजा एजेंसी पर छापा मार दिया। यह एजेंसी भारत की यात्रा करने के इच्‍छुक अफगानियों की वीजा प्रक्रिया को संभालती है।

मुश्किलें

तालिबान ने रोका एयरपोर्ट जा रहा भारतीयों का पहला बैच

स्थिति थोड़ी स्थिर होने के बाद कल सबसे पहले 45 कर्मचारियों को एक C-17 विमान के जरिए सुरक्षित बाहर निकाला गया। इन कर्मचारियों को एयरपोर्ट जाते वक्त तालिबान के पहरेदारों ने रोका और उन्होंने कुछ भारतीयों का सामान भी छुड़ा लिया। जैसे-तैसे कर्मचारी एयरपोर्ट पहुंचे तो यहां भी हजारों लोगों की भीड़ थी और हजारों अफगान नागरिक देश से भागने के लिए यहां आ गए थे। वायुसेना का विमान बेहद मुश्किल परिस्थितियों में यहां से उड़ान भर पाया।

दूसरा विमान

अमेरिका से बात के बाद आज सुबह निकाले गए बाकी कर्मचारी

इस बीच काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ जमा होने और कुछ लोगों के मरने के कारण अफगानिस्तान के एयर स्पेस को बंद कर दिया गया और इसके कारण बचे हुए भारतीय कर्मचारी दूतावास में ही फंस गए। कल रात विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस संबंध में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन से बात की जिसके बाद राजदूत रुद्रेंद्र टंडन समेत भारतीय दूतावास के 120 से अधिक सदस्यों को दूसरे C-17 विमान से आज सुबह भारत लाया गया।

समीकरण

तालिबान के कब्जे के बाद भारत के लिए बदल गए हैं समीकरण

बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के साथ ही भारत के लिए सारे समीकरण बदल गए हैं जो अभी तक अफगानिस्तान में लोकतंत्र और विकास को बढ़ावा देने में आगे रहा है। भारत को आशंका है कि तालिबान के आने के बाद पाकिस्तान अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर सकता है। भारत के तालिबान से अनाधिकारिक तौर पर बातचीत करने की खबरें भी सामने आई हैं।

पृष्ठभूमि

अफगानिस्तान में क्या चल रहा है?

अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है और रविवार को काबुल पर कब्जे के साथ उसका ये मिशन पूरा हुआ। तालिबान ने युद्ध समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा है कि वह जल्द ही देश की नई शासन व्यवस्था की जानकारी देगा। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके स्टाफ ने रविवार को ही देश छोड़ दिया था। तीन देशों को छोड़ सभी देशों ने अफगानिस्तान में अपने दूतावास बंद कर दिए हैं।