अफगानिस्तान में आत्मघाती कार धमाके में 26 सुरक्षाकर्मियों की मौत, 17 अन्य घायल
अफगानिस्तान में आतंकी हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आतंकी आए दिन यहां धार्मिक स्थलों सहित सुरक्षा बलों पर हमले कर रहे हैं। रविवार को भी पूर्वी प्रांत के गजनी शहर के बाहरी इलाके में हुए एक आत्मघाती कार धमाके में सुरक्षा बलों के 26 जवानों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और घायल जवानों को अस्पताल पहुंचाया। कई जवानों की हालत गंभीर है।
हमलावर ने विस्फोटक से भरी कार को उड़ाया- एरियन
आंतरिक मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने बताया कि रविवार को पूर्वी प्रांत के गजनी शहर के बाहरी इलाके में एक आतंकी ने विस्फोटकों से भरी कार में पब्लिक प्रोटेक्शन यूनिट (सुरक्षा बलों की टुकड़ी) के पास धमाका कर दिया। इसमें 26 जवानों की मौत हो गई और 17 अन्य घायल हो गए। गजनी अस्पताल के निदेशक बाज मोहम्मद हेमत ने ने बताया कि अस्पताल में अब तक 26 जवानों के शव और 17 जवान घायल हालत में पहुंचे हैं।
किसी भी संगठन ने नहीं ली हमले की जिम्मेदारी
अभी तक किसी भी आतंकी संगठन ने गजनी में सुरक्षा बलो पर हुए हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। तालिबान की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इन दिनों तालिबान का शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व कतर की राजधानी दोहा में अफगानिस्तान सरकार के साथ शांति वार्ता कर रहा है। इस बीच आतंकियों के लगातार बढ़ते भीषण हमले से बातचीत के ऊपर भी असर पड़ने की संभावना बढ़ गई है। मामले की जांच जारी है।
अमेरिका ने भी किए अफगानिस्तान और तालीबान के बीच शांति के प्रयास
बता दें कि अफगानिस्तान और तालीबान के बीच शांति स्थापना के लिए अमेरिका ने भी प्रयास किए हैं। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पिछले सप्ताह दोहा की यात्रा के दौरान दोनों देशों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर शांति व्यवस्था कायम करने पर वार्ता की थी। इसी तरह पेंटागन ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वह जल्द ही अफगानिस्तान में मौजूद अपने कुछ 2,000 सैनिकों को वहां से बाहर निकाल लेगा।
पहले भी हो चुके हैं आतंकी हमले
दो दिन पहले आतंकियों ने बामियान शहर में 14 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। इसी तरह गत 2 नवंबर को काबुल यूनिवर्सिटी में हुए हमले में 19 छात्रों की मौत हो गई थी। अक्टूबर में भी आतंकी संगठन ISIL ने दश्त-ए-बारची के एक शिक्षा केंद्र में आत्मघाती हमला किया था। जिसमें 24 छात्रों की मौत हुुई थी। इसी तरह पिछले साल काबुल यूनिवर्सिटी परिसर में किए गए बम धमाके में आठ लोगों की मौत हो गई थी।