अफगानिस्तान: राजधानी काबुल में दाखिल हुआ तालिबान, राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ा
तालिबान अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में दाखिल हो गया है और सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के लिए उसकी अफगान सरकार से बातचीत चल रही है। देश के कार्यवाहक गृह मंत्री अब्दुल सत्तार मीरजकवाल ने कहा है कि काबुल पर हमला नहीं होगा और शांतिपूर्ण तरीके से सत्ता एक अंतरिम सरकार के हाथों में सौंपी जाएगी। इस बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़कर जाने की खबरें भी हैं। टोलो न्यूज ने दो सूत्रों के हवाले से ये बात कही है।
तालिबान ने काबुल को चारों तरफ से घेरा
पिछले एक हफ्ते में अफगानिस्तान के कई बड़े शहरों और प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर चुका तालिबान कल रात जलालाबाद पर कब्जा कर आज सुबह काबुल पहुंच गया और इसे चारों तरफ से घेर लिया। तीन तरफ के रास्तों पर उसने पहले ही कब्जा कर लिया था। तालिबान ने जलालाबाद पर बिना किसी लड़ाई के कब्जा किया और काबुल में भी अभी तक किसी भी तरह की लड़ाई की खबर नहीं है।
सत्ता के हस्तांतरण की तैयारी
तालिबान के काबुल में घुसने की पुष्टि करते हुए गृह मंत्री अब्दुल सत्तार मीरजकवाल ने टोलो न्यूज से कहा कि काबुल पर हमला नहीं होगा और सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण तरीके से होगा। देश में एक अंतरिम सरकार बनेगी और इस संबंध में बातचीत करने के लिए तालिबान के वार्ताकार राष्ट्रपति भवन पहुंच गए हैं। दो सूत्रों ने टोलो न्यूज को बताया कि राष्ट्रपति अशरफ गनी अपने सहयोगियों के साथ देश छोड़कर चले गए हैं।
तालिबान ने कहा- अपने देश वापस लौट सकते हैं विदेशी नागरिक
तालिबान ने अपने बयान में कहा है कि उसने अपने लड़ाकों को जश्न में गोलीबारी न करने का निर्देश दिया है। इसके अलावा सरकारी सुरक्षा बलों को उनके घर लौटने दिया जाएगा। एयरपोर्ट और अस्पताल संचालित रहेंगे और आपातकालीन सेवाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। विदेशी नागरिकों से तालिबान ने कहा है कि अगर वे अपने देश वापस लौटना चाहते हैं तो लौट सकते हैं और अगर उन्हें अफगानिस्तान में रहना है तो अपना नाम दर्ज कराना होगा।
अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकाल रहे अमेरिका और भारत समेत अन्य देश
कई देश आज सुबह से ही अपने दूतावासों के कर्मचारियों और काबुल में रह रहे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने में लगे हुए हैं। इन देशों में अमेरिका भी शामिल है जिसने अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए 5,000 सैनिक अफगानिस्तान भेजे हैं। आज सुबह अमेरिकी हेलीकॉप्टर्स उसके दूतावास से नागरिकों को ले जाते हुए देखे गए। भारत ने भी अपने नागरिकों के लिए एयर इंडिया के विमान भेजे हैं और आखिरी विमान आज रात दिल्ली आ सकता है।
तालिबान के बगराम एयरफील्ड पर कब्जे की भी खबरें
इस बीच तालिबान के काबुल के बाहर स्थित बगराम एयरफील्ड और जेल पर कब्जे की खबर भी है। अमेरिका ने पिछले 20 साल अफगानिस्तान में तालिबान और अलकायदा के साथ अपनी लड़ाई को यहीं से चलाया था। बगराम को एक विशाल हवाई अड्डे के तौर पर विकसित किया गया था और यहां एक समय में 10,000 सैनिक रह सकते थे। अमेरिकी सैनिकों ने पिछले महीने ही इस अड्डे को खाली किया था।
अफगानिस्तान को गृह युद्ध की स्थिति में छोड़ने के लिए हो रही अमेरिका की आलोचना
20 साल पहले 11 सितंबर, 2001 को न्यूयॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमले के बाद अलकायदा को ढूढ़ते हुए अफगानिस्तान आए अमेरिका पर अपने सहयोगी देश को गृह युद्ध की स्थिति में छोड़ने पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। अमेरिका 31 अगस्त तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों की वापसी का ऐलान कर चुका है और तालिबान के बढ़ते कदमों के बावजूद उसने अपना फैसला नहीं बदला है। राष्ट्रपति जो बाइडन की इसके लिए तीखी आलोचना हो रही है।