संयुक्त राष्ट्र ने भांग को मादक पदार्थों की सूची से हटाया, भारत ने भी किया समर्थन
भारत ने संयुक्त राष्ट्र (UN) में भांग (कैनेबिस) को मादक पदार्थों की सूची से हटाने के पक्ष में वोट किया है। UN कमीशन ऑन नारकोटिक्स ड्रग्स के 63वें सेशन के दौरान भारत समेत आधे से अधिक देशों ने भांग को मादक सूची से बाहर करने के पक्ष में वोट दिया था। इसके बाद भांग को लेकर दुनिया में जारी कई नियमों के बदलने का रास्ता साफ हो गया है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
अभी तक हेरोइन जैसे नशीले पदार्थों के साथ सूचीबद्ध थी भांग
UN की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि कमीशन ऑन नारकोटिक्स (CND) भांग को 1961 के सिंगल कन्वेंशन ऑन नारकोटिक्स ड्रग्स के सेक्शन 4 से हटाने पर सहमत हो गया है। भांग को इस सेक्शन में दूसरे नशीले पदार्थों जैसे हेरोइन आदि के साथ सूचीबद्ध किया गया था। UN ने कहा कि 59 सालों से भांग पर कड़े प्रतिबंध लागू रहे, जिस वजह से मेडिकल उद्देश्यों के लिए भी इसके इस्तेमाल को हतोत्साहित किया गया।
प्रस्ताव के पक्ष में खड़े हुए अमेरिका और भारत समेत 27 देश
कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CND के 53 सदस्यों में से भारत समेत 27 देशों ने भांग को मादक पदार्थों की सूची से बाहर करने के पक्ष में वोट दिया। अमेरिका और अधिकतर यूरोपीय देशों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया था। वहीं चीन, पाकिस्तान और रूस जैसे देशों ने प्रस्ताव के विरोध में वोट किया, जबकि एक सदस्य देश यूक्रेन वोटिंग के दौरान उपस्थित रहा। सेशन की अध्यक्षता अफगानिस्तान में पाकिस्तान के राजदूत मंसूर अहमद खान ने की थी।
"अपवाद साबित हुआ भारत"
देशों के वोट को लेकर अभी तक आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, भारत ने भांग को मादक पदार्थों की सूची हटाने के पक्ष में ही वोट दिया है। भारत के एक वरिष्ठ राजनयिक ने द वायर से कहा कि वोटिंग मुख्य तौर पर विकसित देश बनाम विकासशील और इस्लामिक देशों की लाइन पर हुई। इस नजरिये से देखा जाए तो भारत अपने रूख को लेकर अपवाद साबित हुआ है।
WHO ने पिछले साल जनवरी में की थी सिफारिश
पिछले साल जनवरी में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भांग को मादक पदार्थों की सूची से बाहर करने की सिफारिश की थी। इसके बाद उसी साल मार्च में CND के सामने यह प्रस्ताव रखा गया, लेकिन उस समय सदस्य देशों ने इस पर विचार के लिए और समय की जरूरत बताते इसे स्थगित कर दिया था। अब जाकर WHO की सिफारिशों पर वोटिंग हुई और अधिकतर सदस्य देश WHO की सिफारिशों को लागू करने पर सहमत नजर आए हैं।
वोटिंग के बाद क्या बदलेगा?
संयुक्त राष्ट्र संस्था द्वारा भांग को सूची से बाहर करना काफी महत्वपूर्ण है। हालांकि, जब तक हर देश इससे जुड़े नियमों में बदलाव नहीं करेगा, तब तक इसकी स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा, लेकिन बुधवार को हुई वोटिंग इस दिशा में अहम भूमिका निभा सकती है। अब भांग से जुड़े कानून बनाते समय देश वोटिंग को भी ध्यान में रखेंगे। बता दें कि CND की शुरुआत 1946 में हुई थी और यह ड्रग्स नियंत्रण को लेकर काम करती है।