कोयला भंडारों को फिर से भर रही सरकार, घबराने की नहीं है जरूरत- कोयला मंत्री
कोयले की किल्लत के चलते देश में इन दिनों बिजली का संकट गहराया हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई राज्य कोयले की कमी का हवाला देते हुए ब्लैकआउट की चेतावनी दे चुके हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के साथ बैठक कर हालातों की समीक्षा की। बैठक के बाद कोयला मंत्री जोशी ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार कोयला भंडारों को फिर से भर रही है।
कई राज्य कर रहे हैं कोयले की कमी का सामना
दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल रहा है और उन्हें बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। कई जगहों पर कुछ दिनों से पावर कट की समस्या चल रही है। हालांकि, सरकार की तरफ से कहा गया है कि पावर प्लांट्स की जरूरतें पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है और किसी भी राज्य को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने की हालातों की समीक्षा
कोयले की कमी और बिजली की कटौती की खबरों के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय कोयला मंत्री जोशी और ऊर्जा मंत्री सिंह के साथ बैठक कर हालातों की समीक्षा की। इस दौरान ऊर्जा सचिव आलोक कुमार और कोयला सचिव एके जैन ने देश में कोयले और बिजली की उपलब्धता की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 के अंत में कोल इंडिया की इन्वेंट्री 90 मिलियन टन थी, लेकिन पावर प्लांट्स ने उचित प्रबंधन नहीं किया।
नहीं है घबराने की जरूरत- जोशी
प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद कोयला मंत्री जोशी ने भरोसा दिलाया, "सरकार कोयले के भंडार को फिर से भरने की प्रक्रिया में है और लोगों से घबराने की बात नहीं है।" उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय मूल्य निर्धारण और बारिश के कारण कोयले की कमी आई थी। बारिश के कारण कोयला सयंत्र 20 दिन तक बंद रहे, लेकिन अब बारिश रुक गई है। हमने कोयले की आपूर्ति की है और हम स्टॉक को फिर से भरने की प्रक्रिया में हैं।"
"बारिश के कारण कोयले की कीमतों में हुआ इजाफा"
कोयला मंत्री जोशी ने कहा, "बारिश के कारण कोयले की अंतरराष्ट्रीय कीमतें 60 रुपये प्रति टन से 190 रुपये प्रति टन पर पहुंच गई थी। इसी तरह सप्लाई और उत्पादन में भी थोड़ी कमी आई थी, लेकिन अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है।
देश में नहीं होगा ब्लैकआउट- जोशी
कोयला मंत्री जोशी ने कहा, "कोल इंडिया के वित्त वर्ष 2024 के एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को कोरोना महामारी के कारण आगे बढ़ाया जाएगा। बिजली की मांग बढ़ी है और यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था में तेजी आ रही है। चार दिनों का स्टॉक होने पर कोई ब्लैकआउट नहीं होगा, क्योंकि यह रोलिंग स्टॉक होगा।" उन्होंने कहा, "कोयले की कीमतों में अचानक आए उछाल से बिजली संयंत्रों का बोझ कोल इंडिया पर आ गया है।"
सरकार ने कोल इंडिया को दिए आपूर्ति बढ़ाने के निर्देश
ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा कि सरकार ने राज्य के स्वामित्व वाली कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) को दुर्गा पूजा अवधि के आसपास पावर प्लांट्स को कोयले की आपूर्ति बढ़ाकर 1.55-1.6 मिलियन टन प्रति दिन करने और अक्टूबर के बाद इसे 1.7 मिलियन टन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन को देखते हुए पावर प्लांट्स का नियमित रूप से बिजली उत्पादन करना आवश्यक है और इसके लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी की बैठक
कोयले की कमी की खबरों के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी बिजली मंत्री सिंह और कोयला मंत्री जोशी के साथ बैठक कर हालातों की समीक्षा की थी। इस दौरान तीनों मंत्रियों ने कोयले की उपलब्धता और वर्तमान बिजली मांगों पर चर्चा की।
ऊर्जा मंत्री ने कही थी बेवजह दहशत पैदा करने की बात
इससे पहले बिजली संकट की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री सिंह ने कहा था कि कोयले की कमी को लेकर बेवजह दहशत पैदा की गई है और ये गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (GAIL) के गलत संदेश के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है और न ही सरकार ऐसा होने देगी। उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य को बिजली चाहिए, वह उन्हें पत्र लिखे।