केंद्र की राज्यों को नसीहत, कहा- ऊंचे दामों में दूसरे राज्यों को न बेचें बिजली
कोयले की किल्लत के चलते देश में इन दिनों बिजली का संकट गहराया हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली सहित कई राज्य कोयले की कमी का हवाला देते हुए ब्लैकआउट की चेतावनी दे चुके हैं। इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समीक्षा बैठक बुलाई है। इस बीच केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वह उपभोक्ताओं को आपूर्ति करने के लिए आवंटित बिजली का ही उपयोग करें और उसे ऊंचे दामों पर अन्य राज्यों को न बेचें।
कई राज्य कर रहे हैं कोयले की कमी का सामना
दिल्ली और पंजाब समेत कई राज्यों का कहना है कि उन्हें पर्याप्त मात्रा में कोयला नहीं मिल रहा है और उन्हें बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। कई जगहों पर कुछ दिनों से पावर कट की समस्या चल रही है। हालांकि, सरकार की तरफ से कहा गया है कि पावर प्लांट्स की जरूरतें पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है और किसी भी राज्य को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ऊर्जा मंत्री ने कही बेवजह दहशत पैदा करने की बात
दूसरी तरफ बिजली संकट की आशंकाओं को खारिज करते हुए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि कोयले की कमी को लेकर बेवजह दहशत पैदा की गई है और ये गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया (GAIL) के गलत संदेश के कारण हुआ है। उन्होंने कहा कि देश में कहीं भी बिजली की कमी नहीं हुई है और न ही सरकार ऐसा होने देगी। उन्होंने कहा कि जिस भी राज्य को बिजली चाहिए, वह उन्हें पत्र लिखे।
ऊर्जा मंत्रालय ने जारी किया ज्ञापन
मामले में ऊर्जा मंत्रालय की ओर से एक ज्ञापन जारी किया गया है। इसमें कहा गया है, "ऊर्जा मंत्रालय के संज्ञान में लाया गया है कि कुछ राज्य अपने उपभोक्ताओं को बिजली आपूर्ति नहीं कर रहे हैं और लोड शेडिंग लगा रहे हैं। इसके अलावा वह पावर एक्सचेंज में भी ऊंची कीमत पर बिजली बेच रहे हैं।" ऐसे में ऊर्जा मंत्रालय राज्यों से उपभोक्ताओं की आपूर्ति के लिए आवंटित बिजली का उपयोग करने का अनुरोध करता है।"
मंत्रालय ने दी बिजली बेचने पर आवंटन कम करने की चेतावनी
ऊर्जा मंत्रालय के ज्ञापन में कहा गया है, "राज्य उपभोक्ताओं के आवंटन के बाद अतिरिक्त बिजली होने की दशा में मंत्रालय को इसकी जानकारी दे ताकि उसे अन्य जरूरतमंद राज्यों को आवंटित किया जा सके।" ज्ञापन में चेतावनी दी गई है, "कोई भी राज्य अगर पावर एक्सचेंज में बिजली बेचता हुआ पाया जाता है या इस आवंटित बिजली को शेड्यूल नहीं कर रहा है तो उसे आवंटित की जाने वाली बिजली को अस्थायी रूप से कम किया जा सकता है।"
पावर प्लांट्स के पास चार दिनों का कोयला
इसी तरह कोयला मंत्रालय का कहना है कि पावर प्लांट्स के स्टॉक में 72 लाख टन कोयला भंडार है जो चार दिनों के लिए पर्याप्त है। इसके अलावा कोल इंडिया के पास चार करोड़ टन कोयला मौजूद है जो पावर प्लांट्स को मांग के अनुसार भेजा जा रहा है। मंत्रालय के अनुसार, ऐसे में बिजली संकट का कोई भी डर पूरी तरह गलत है। बता दें कि देश में कोयले से संचालित होने वाले पावर प्लांट्स की संख्या 135 है।
क्यों पैदा हुआ है कोयला संकट?
भारी बारिश और दाम बढ़ने के कारण आयात में गिरावट जैसी कई वजहों से पावर प्लांट्स में कोयले की कमी होने लगी है। इससे दिल्ली और पंजाब समेत राजस्थान, गुजरात और तमिलनाडु में बिजली संकट पैदा होने का खतरा बना हुआ है। अर्थव्यवस्था में तेजी के कारण बिजली की मांग में भी इजाफा हुआ है और इससे संकट और गहरा गया है। पिछले दो महीनों में ही देश की बिजली खपत में 17 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।